शिवपुरी में यह हाल है स्वच्छता अभियान का, शहर में पब्लिक टॉयलेट नहीं, जहां है उसमे गंदगी के कारण जाते नहीं- Shivpuri News

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शिवपुरी।
स्वच्छता के मामले में शिवपुरी शहर को प्रदेश में नंबर 1 बनाने के लिए नगर पालिका तमाम प्रचार-प्रसार कर रही हैं,जिससे लोग जागरूक हो। लेकिन जागरूक करने वाला प्रशासन ही स्वयं जागरूक नही है। शहर में उचित स्थानो पर पब्लिक टायलेट नही है। आम जनमानस को बेहत्तर सुविधाए,शासन की जनहितैषी योजनाओ को लाभ देने वाले सरकारी कार्यालय में स्वच्छता का ध्यान नही रखा जाता है।

यहां तक की जहां से पूरे जिले की प्रशासनिक व्यवस्थाएं संचालित होती हैं और जिलाधीश बैठते हैं, उस कलेक्ट्रेट के टायलेटों की स्थिति भी दयनीय है। नगर पालिका के सामने स्थित पोलोग्राउंड पर बने टायलेट में ताले डले रहते हैं। जिस नगर पालिका पर पूरे शहर का साफ करने की जिम्मेदारी है उसके ही परिसर में लोग यहां-वहां गाड़ी या पेड़ की आड़ लेकर पेशाब करते नजर आ जाते हैं।

ऐसे में शहर के बाकी स्थानों की स्थिति समझी जा सकती है। ऐसे में नगरीय प्रशासन स्वच्छता को लेकर क्या कर रहा है, यह खुद सवालिया निशान है। हालांकि जब स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम आती है तो यही जगहें साफ सुथरी दिखाई देती हैं, लेकिन यह सुविधा पूरे सालभर में सिर्फ चंद दिनों के लिए ही मिलती है।

पर्याप्त सार्वजनिक शौचालय नहीं

यदि शहर में पर्याप्त सार्वजनिक शौचालयों या टायलेट की बात करें तो यह पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। खासतौर पर शहर के बाजारों में जहां हर दिन हजारों की संख्या में लोग आते हैं, दुकानदार-व्यापारी रहते हैं वहां इसकी व्यवस्था नहीं है। यही हाल मंडी और अन्य जगहों का है। यहां सार्वजनिक टायलेट आदि की व्यवस्था न होने के चलते लोग खुले में जाते हैं और यहां से अस्वच्छता फैलने की शुरुआत होती है। इसमें महिलाओं को तो काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि उनके लिए शहर के व्यस्त इलाकों में सुविधा ही नहीं है।

पोलोग्राउंड: पोलोग्राउंड पर हर दिन सुबह-शाम बड़ी संख्या में खिलाड़ी आते हैं। मैदान पर महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग टायलेट बनाए गए हैं। जब वहां मौके पर जाकर स्थिति देखी तो दोनों पर ही ताला जड़ा हुआ था। इसके अलावा ग्राउंड पर आसपास गंदगी का ढ़ेर लगा हुआ था। यह स्थिति तब है जब पोलोग्राउंड नगर पालिका के सामने ही मौजूद है और नगर पालिका पर ही स्वच्छता की जिम्मेदारी है।

कलेक्ट्रेट: कलेक्ट्रेट परिसर में एडीएम के केबिन के पास में शौचालय बना हुआ है। यहां अंदर घुसते ही बदबू का सामना करना पड़ता है। यहां ठीक से साफ-सफाई भी नहीं दिखाई दी। इतना ही नहीं अंदर बने शौचालयों में पानी की व्यवस्था तक नहीं थी। यहां जिलेभर से लोग प्रशासनिक कामों और अपनी शिकायतें लेकर आते हैं। ऐसे में उन्हें एक स्वच्छ शौचालय की सुविधा ताे कम से कम मिलना चाहिए।

कमेटी हाल: गांधी पार्क में बने कमेटी हाल के सार्वजनिक टायलेट की स्थिति भी बदतर मिली। यहां बदबू और गंदगी थी। देखकर लगता है कि यहां कभी-कभार ही सफाई होती है। पानी या पर्सनल हाइजीन की कोई व्यवस्था भी यहां नहीं है। फ्लोर भी काफी गंदा पड़ा हुआ था। यहां पर शासकीय कार्यालय भी संचालित होता है और सामने मंडी के परिसर में बनी दुकानों के दुकानदार भी इसी टायलेट का इस्तेमाल करते हैं।
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