शिवपुरी में टाइगर- कछुआ चाल से चल रहा है प्रोजेक्ट- मंच से दहाड़ने वाले माननीयों को समय नही- Shivpuri News

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शिवपुरी।
शिवपुरी जिले में टाइगर प्रोजेक्ट कछुआ चाल चल रहा है। शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में टाइगर बसाने की योजना टाइगर प्रोजेक्ट की तारीखे लगातार बढ़ती जा रही है। इससे पूर्व दावा किया जा रहा था कि दिसंबर के अंत तक फिर 15 जनवरी तक उसके बाद जनवरी माह के अंत तक टाइगर शिवपुरी आ जाएंगे,लेकिन फरवरी माह की शुरुआत हो चुकी है। लेकिन टाइगर नही आए।

टाइगर प्रोजेक्ट पर का हाल भी शहर की अन्य योजनाओं जैसा हो चला है। जबकि नेशनल पार्क प्रबंधन अपनी तैयारियां पूरी होने का दावा कई दिनों पहले ही कर चुका है। नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के अधिकारी भी टाइगरों के अस्थाई रूप से रहने वाले बाड़े का निरीक्षण कर चुके हैं। विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो जिन जनप्रतिनिधियों ने टाइगर लाने के लिए अपने-अपने दावे किए हैं वे एक तिथि नहीं दे पा रहे हैं। मुख्य रूप से अधिकारी दिल्ली से तारीख मिलने का इंतजार कर रहे हैं। वे आयोजन को भव्य बनाने और सभी जनप्रतिनिधियों को संतुष्ट रखने की कवायद में टाइगर के आने में देरी हो रही है। इसका नुकसान यह हो रहा है कि अब आमजन में भी दो दशक बाद टाइगर बसने का कोई उत्साह नजर नहीं आ रहा है।

मंच से टाइगर का नाम लेकर दहाड़े नेता, अब समय नहीं

माधव राष्ट्रीय उद्यान के टाइगर प्रोजेक्ट का सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी 16 दिसंबर को शिवपुरी प्रवास के दौरान जायजा लिया था। सीएम के आने से टाइगर के भी समय पर आने की उम्मीद जगी थी। इसके बाद कार्यक्रम में मंच से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, स्थानीय सांसद डॉ. केपी यादव, प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने भी माधव राष्ट्रीय उद्यान में फिर से टाइगर बसाने को उपलब्धि बताया था। कार्यक्रम खत्म होने के बाद किसी भी नेता ने प्रोजेक्ट की सुध नहीं ली। अब राजनीति के फेर में ही फंसकर ही टाइगर की आमद में देरी हो रही है।

टाइगर सफारी भी एक इंच आगे नहीं बढ़ी

माधव राष्ट्रीय उद्यान में दो तरीकों से टाइगर की बसाहट की जा रही है। पहले चरण में तीन टाइगर लाए जा रहे हैं जो खुले में विचरण करेंगे। खुले में विचरण के लिए कुल पांच टाइगर लाए जाने हैं। दूसरा यहां पर टाइगर सफारी बनाने के लिए भी स्वीकृति मिल चुकी है।

इसके लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई है। टाइगर सफारी के लिए स्वीकृति फ्री रेंज टाइगर की अनुमति से पहले ही मिल गई थी। लेकिन टाइगर सफारी का प्रोजेक्ट भी अभी खटाई में दिखाई दे रहा है क्योंकि इसके लिए जो जगह चिन्हित की गई थी वह अब मुफीद नजर नहीं आ रही है। टाइगर सफारी को दूसरी जगह शिफ्ट करने पर विचार चल रहा है।

अभी नेशनल पार्क जगह भी निश्चित नहीं कर पाया है। जबकि सफारी स्थापित करने के लिए बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना होगा। ऐसे में आने वाले कुछ सालों तक यहां पर टाइगर सफारी का शुरू होना मुश्किल ही नजर आ रहा है। अभी फ्री रेंज और टाइगर सफारी की स्थिति ही स्पष्ट नहीं है और अधिकारियों ने कागजों में टाइगर रिजर्व बनाने का प्रस्ताव भी चला दिया है।

इनका कहना है
हमारी कोशिश है कि जल्द ही टाइगर लाए जाएं। हमारी तैयारियां पूरी हैं और जल्द ही टाइगर लेकर आएंगे। सभी कड़ियां एक साथ मिल जाएं तो बेहतर रहेगा और इसी प्रयास में जुटे हुए हैं।
उत्तम कुमार शर्मा, CCF सिंह परियोजना
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