शिवपुरी लॉ कॉलेज को मिली BCI से मान्यता, 12 वर्षों से लटका था मामला- Shivpuri News

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शिवपुरी।
शिवपुरी के शासकीय पीजी कॉलेज में संचालित एलएलबी कोर्स पर बीसीआई की मान्यता को लेकर वर्षों से छाए संकट के बादल छट गए हैं। बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता के नवीनीकरण को लेकर पिछले 12 वर्षों से यहां संचालित लॉ कोर्स अपने अस्तित्व के संकट से जूझ रहा था। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने शिवपुरी के लॉ कोर्स को अंततः मान्यता प्रदान कर दी है।

इस संबंध में जानकारी देते हुए पीजी कॉलेज शिवपुरी के विधि विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर दिग्विजय सिंह सिकरवार ने बताया है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली से पीण्जीण्कॉलेज शिवपुरी में संचालित एलएलबी कोर्स के सम्बद्धता अनुमोदन के नवीनीकरण के मुद्दे का समाधान पिछले 12 वर्षों से एक चुनौती बना हुआ था।

बीसीआई में लंबित इस मान्यता के मुद्दे के कारण कई बार यूनिवर्सिटी से एलएलबी कोर्स के एफिलिएशन को प्राप्त करने में भी गतिरोध की स्थिति बनती थी। बीसीआई से मान्यता का नवीनीकरण ना होने के चलते स्टेट बार काउंसिल जबलपुर ने कॉलेज को 14 जून 2022 को नोटिस जारी कर यहाँ से उत्तीर्ण लॉ स्टूडेंट्स के अधिवक्ता नामांकन की प्रक्रिया को रोका हुआ था।

जिससे यहाँ से उत्तीर्ण विद्यार्थियों के पास लॉ की डिग्री होने के बाद भी उनका एडवोकेट के रूप में नामांकन नहीं हो पा रहा था। इस समस्या के स्थायी निराकरण के लिए कॉलेज द्वारा इस बार परिणाम मूलक एवं प्रभावी प्रयास किए गए। कॉलेज को आज उस समय सफलता हासिल हो गयी जब बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक्सटेंशन ऑफ अप्रूवल ऑफ एफिलिएशन का पत्र जारी कर मान्यता का नवीनीकरण कर दिया।

प्रोफेसर दिग्विजय सिंह सिकरवार का कहना है कि इस संबंध में बीसीआई ऑफिस नई दिल्ली जाकर और निरन्तर संपर्क बनाए रखते हुए कॉलेज की तरफ से समस्त आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की गयीं। स्टेट बार काउंसिल मण्प्रण् के सदस्य एडवोकेट प्रेम सिंह भदौरिया एवं अधिवक्ता परिषद के राष्ट्रीय मंत्री एडवोकेट दीपेंद्र सिंह कुशवाह ने कॉलेज के मान्यता नवीनीकरण के मुद्दे को बीसीआई के समक्ष दृढ़ता से रखकर इसके निराकरण में कॉलेज को अत्यंत महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया।

लॉ कॉलेज को बीसीआई से एप्रूवल दिलाने के इस महत्वपूर्ण कार्य में राज्य सरकार के स्तर पर अपेक्षित सहयोग प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री श्रीमंत यशोधरा राजे सिंधियाए मप्र पाठ्यपुस्तक निगम के उपाध्यक्ष प्रहलाद भारती ने प्रदान किया। प्रशासनिक स्तर पर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह का अपेक्षित सहयोग प्राप्त हुआ।जनभागीदारी समिति अध्यक्ष अमित भार्गव और कॉलेज प्रिंसिपल प्रोफेसर महेंद्र कुमार ने कॉलेज प्रबंधन से जुड़े मसलों को शीघ्रता से सुलझाकर लॉ कोर्स की मान्यता के नवीनीकरण में आ रहीं बाधाओं को समाप्त करने में अहम भूमिका अदा की। कॉलेज में वर्तमान में एलएलबी में अध्ययनरत एवं सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में इंटर्नशिप कर रहे लॉ स्टूडेंट मयंक गुप्ता ने भी बीसीआई और कॉलेज के बीच समन्वय बनाने में अपना अहम योगदान दिया।

अब हो सकेंगे लॉ स्टूडेंट्स एडवोकेट के रूप में नामांकित .

प्रोफेसर दिग्विजय सिंह सिकरवार का कहना है कि कॉलेज की ओर से हमने बीसीआई के मान्यता नवीनीकरण का पत्र स्टेट बार काउंसिल के सेक्रेटरी एवं अधीक्षक को भेज दिया है। अब लॉ स्टूडेंट्स के एडवोकेट एनरोलमेंट जारी होने में आ रहीं समस्त कानूनी बाधाएं समाप्त हो चुकीं हैं। स्टूडेंट्स स्टेट बार काउंसिल में अब अधिवक्ता के रूप में नामांकित हो सकेंगे।

इनका कहना है
बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता के मुद्दे का आज सुखद समाधान हो गया है। प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया जी की मंशा थी और उन्होंने हमें इस संबंध में निर्देशित भी किया था कि इस मुद्दे का जल्द से जल्द निराकरण करना है।

साथ ही उच्च शिक्षा विभाग ने शिवपुरी जिले में शासकीय लॉ कॉलेज के पृथक भवन निर्माण के लिए 07 करोड़ 59 लाख 93 हजार की राशि भी स्वीकृत कर दी है। उक्त राशि से लॉ कॉलेज के पृथक भवन का निर्माण जल्द ही शुरू होगा।
अमित भार्गव, अध्यक्ष जनभागीदारी समिति

बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता के नवीनीकरण का पत्र कॉलेज को आज प्राप्त हो गया है। विगत 12 वर्षों से लंबित मान्यता की समस्या का समाधान होना इस अंचल की कानूनी शिक्षा की दिशा में एक मील का पत्थर है।
प्रोफेसर महेंद्र कुमार, प्रिंसिपल, पी जी कॉलेज
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