Shivpuri News- इंस्टा पर रील बनाते मिल गई रियल लाइफ की दुल्हनिया, चर्चित हो रही है शिवपुरी में यह लव मैरिज

Bhopal Samachar
शिवपुरी।
आज के यूथ पर इंस्टाग्राम का जादू छाया हुआ है लेकिन इंस्टा पर रील बनाते बनाते शिवपुरी के युवा को रियल लाइफ में दुल्हन मिल गई लेकिन थोड संघर्ष के बाद। जैसे ही मीडिया ने मामले को प्रकाशित हुई वैसे ही यह चर्चा का विषय बन गई कि कैसे बैतूल से बैराड तक अपने रील वाले हीरो के पास पहुंच गई और अपने हीरो के साथ देश की राजधानी दिल्ली पहुंचकर शादी कर वापस गोवर्धन थाने पहुंच गई।

बैराड का रहने वाले अतुल धाकड इंस्टाग्राम पर रील बना बना कर पोस्ट करता था। उसकी बनी रीलो को बैतूल की रहने वाली नंदनी देखती रहती थी। नंदनी को अतुल की रील पसंद आती थी और वह उसे पसंद करने लगी। धीरे.धीरे दोनों में बातचीत हुई और यह बातचीत प्यार में बदल गई। इसी क्रम में उसने बालिग होते ही अपने प्यार को पाने के लिए बैतूल से बैराड़ तक का सफर तय किया था, लेकिन जब उसके माता.पिता उसे ढूंढते हुए बैराड तक पहुंच गए तो 29 तारीख को दिल्ली भाग गए और वहां आर्य समाज मंदिर में शादी करने के बाद 1 दिसम्बर को ग्वालियर लौट आए।

शादी तय हो गई थी नंदनी की
नंदनी के माता-पिता ने नंदनी की शादी तय कर दी थी और 15 दिसंबर को उसकी शादी होने वाली थी। इसी क्रम में नंदनी 21-22 तारीख की रात को नाना के घर से भाग कर आ गई। 22 तारीख को उसकी गुमशुदगी दर्ज होने के बाद पुलिस ने जब नंदनी के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की तो वह बैराड़ थाना क्षेत्र की आई। इसी के चलते 24 तारीख को उसके माता.पिता बैराड़ थाने पहुंच गए और यहीं थाने में डेरा डाले रहे।

बीते रोज गोवर्धन थाने में नंदनी के माता-पिता ने उसे समझाने का काफी प्रयास किया लेकिन वह नहीं मानी। मां अंत में इस बात पर राजी हो गई कि वह 15 तारीख को उसकी शादी अतुल से ही कर देगी, लेकिन नंदनी का कहना था कि उसकी शादी एक वार हो चुकी है। अब वह दोबारा शादी नहीं करेगी क्योंकि लड़की जीवन में सिर्फ एक वार ही सात फेरे लेती है और वह इस रस्म को पूरा कर चुकी है।

न मैंने तुझे मोबाइल दिलाया होता न मैं यह दिन देखती
थाने में बेटी को समझाते समझाते थक चुकी मां मंजू की जब नंदनी ने बात नहीं मानी तो मां का कहना था कि तून कहा मुझे 20 हजार का मोबाइल चाहिएए मैंने दिलाया। तूने कहा मुझे कपड़े चाहिएए मैंने दिलाया। मंजू के अनुसार न उसने नंदनी को मोबाइल दिलाया। होता और न उसे यह दिन देखना पड़ता। उसने नंदनी से यहां तक कहा कि तुझे एक मां की बद्दुआ है कि तुझे भी बेटी हो और वह तुझे इससे भी बुरा दिन दिखाए तब तुझे मेरे दुख का अहसास होगा।
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