एकता परिषद का राज्यपाल के नाम ज्ञापन: प्राकृतिक संसाधनों जल, जंगल, जमीन के हक दिलाए जाने की मांग- Shivpuri News

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शिवपुरी।
एकता परिषद की जिला इकाई ने आज आदिवासी समाज की मांग को लेकर माननीय राज्यपाल के नाम कलेक्टर शिवपुरी को एक ज्ञापन सौंपा हैं। वही मानव अधिकार दिवस पर एक दिन का धरना कलेक्ट्रेट भवन के पास दिया। एकता परिषद के जिला समन्वयक रामप्रकाश और सम्यक वन भूमि अधिकार उत्साही का कहना था कि इन आदिवासियों को उनका अधिकार नहीं मिलेगा तो आगामी क्रम में अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेगें।

माननीय राज्यपाल के नाम कलेक्टर शिवपुरी को सौंपे गए आवेदन में उल्लेखित किया है कि एकता परिषद जन संगठन देश भर में प्राकृतिक संसाधनों जल, जंगल जमीन के हक अधिकारों पर कार्यरत है एवं शोषित, पीड़ित, वंचित वर्ग के बीच उनके हक अधिकारों को लेकर गांधीवादी तरीके से सत्य, अहिंसा, न्याय के आधार पर समाज परिवर्तन की दिशा में कार्यरत है।

भारत सरकार द्वारा लागू किये गये अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वनवासी अधिनियम 2006 एवं संशोधित अधिनियम 2008 - 2012 में उल्लेखित कानून अन्तर्गत 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व से जिला शिवपुरी में वन भूमि पर काबिज सहरिया जनजाति वर्ग के कृषकों को वन भूमि अधिकार पट्टे प्रदान कराने में आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये जाये।

वन संसाधन अधिनियम भारत सरकार ने देश के सभी राज्यों में लागू किया किन्तु मध्य प्रदेश सरकार ने लागू करने के बाद उसे अभी बंद कर दिया है जिसके दावे नहीं लिये जा रहे, उन दावों को आदिम जाति कल्याण विभाग को मध्यप्रदेश सरकार निर्देशित करें कि वे दावे लिए जावे ।

व्यक्तिगत दावे 2008 से आवेदन भरने के बाद अभी भी ग्राम सभा द्वारा पास होने के बाद अनुविभागीय कमेटियो के द्वारा निरस्त कर दिये गये है, जिनकी सभी निरस्त दावों की पुनः जांच कर अधिकार पत्र दिये जावे। व्यक्तिगत दावों में कब्जे के हिसाब से कम जमीन दी है उनकी भी पुनः जांच अनुविभागीय स्तर कमेटी के द्वारा एवं जन संगठनों को शामिल करके कराई जावे

पात्र लोगों के आवेदन लगाने से छूट गये या जमा किए हुए आवेदन मिल नहीं रहे उनके पुनः दावे लगाने के लिए वनमित्र पोर्टल को चालू किया जावे। अभी तक वन अधिनियम के तहत जो पट्टे दे दिए गये है उन किसानों को सिंचाई के लिए शासकीय नियमों के अनुसार ट्यूबवेल एवं कूप निर्माण आदि को रोजगार गारंटी या अन्य मद से उन्हें आर्थिक सहयोग दिया जावे।

जो वन अधिकार दावे पास कर दिए है उनका वितरण कराया जावे । वर्ष 1998 से वर्ष 2005 तक दिए गये चरनोई भूमि के राजस्व पट्टे वर्ष 2010 में कंप्यूटर में फिट करने में जो छूट गये है उनके लिए पटवारियों से प्रमाण पत्र लिए जाये कि मेरे हल्के में निम्न संख्या में पट्टे अमल नहीं है, उन पट्टो को समय सीमा में विशेष न्यायालय लगाकर अमल किए जावे। महिलाओं के नाम से गाँव में निवासरत सभी समाज जो कि पिछले 10 साल से मकान बनाकर निवास कर रहे हैं उन्हें आबादी घोषित कर उनको आवास के पट्टे महिलाओं के नाम से दिए जावे

आबादी के पट्टो के लिए पूरे जिले में आकस्मिक ग्राम सभाओं को बुलाकर उसका व्यापक प्रचार-प्रसार करके ग्राम सभा में निवास कर रहे परिवारों की सूची का अनुमोदन कर आवास के पट्टे की प्रक्रिया को विशेष अभियान के तौर पर लिए जाकर पट्टे दिलाने की कार्यवाही की जावे। अतः 10 दिसम्बर 2022 को मानव अधिकार दिवस पर मध्यप्रदेश शासन महामहिम राज्यपाल महोदय जी को एवं मध्य प्रदेश माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी से निवेदन है कि निम्न बिन्दुओं विचार कर अमल में लाये जाने की कृपा करें।
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