karera News- नगर परिषद में घोटाला ही घोटाला,कैमरे तक गायब: शालिनी सोनी

Bhopal Samachar
करैरा
। नगर परिषद करैरा में विकास नाम पर हुए करोड़ों के हेरफेर और भ्रष्टाचार के जांच की मांग को लेकर वार्ड क्रमांक 3 से पार्षद श्रीमती शालिनी सोनी एवं वार्ड 15 से पार्षद श्रीमती खुशबू यादव ने स्थानीय पत्रकार वार्ता के माध्यम से नगर परिषद की पोल खोल दी।

उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले लाखों रुपए का कुटीर घोटाला उजागर हुआ था, लेकिन घोटाले में आज दिनांक तक ना कोई जांच कमेटी बनाई गई और ना ही आरोपित लोगों पर आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कराया गया।जबकि यह कुटीर घोटाला करोड़ों का है, इसमें बड़े. बड़े अधिकारी बाबू जनप्रतिनिधि मिले हुए हैं।

इस मामले में सिर्फ एकअदनासा स्थाई कर्मचारी जितेंद्र गौड को मोहरा बनाकर बड़े चेहरों को  बचाया जा रहा है। जबकि पूरी योजना का क्रियान्वयन ही संदेहास्पद है, इतना ही नहीं यदि बारीकी से निष्पक्ष जांच की जाए तो सत्य उजागर होते देर नहीं लगेगी कि पात्रों को अपात्र व अपात्रों को पात्र कैसे बनाया गया है।

कई प्रकार के भुगतान ऐसे हो चुके हैं जिसकी भनक सीएमओ व अध्यक्ष को न लगना इनकी अकर्मण्यता या मिली भगत को सिद्ध करता है। इतना ही नहीं करैरा नगर को पेयजल की आपूर्ति करने वाला नारही खार स्टॉप डेम से 20 एचपी की मोटर चोरी हो जाने के बाद भी इसकी पुलिस थाना पर प्राथमिकी तक दर्ज नहीं कराई गई।

जो स्थानीय अमले की संलिप्तता की ओर इशारा करता है। शालिनी सोनी ने बताया कि इसका पता जब चला जब फिल्टर पर गेट डल रहा था, मैं वहां गई तब पता चला कि फिल्टर प्लांट की चारों मोटरें खराब हो गई और नगर में पानी की आपूर्ति बंद है तब श्रीमती सोनी ने नारही खार से सप्लाई चालू करवाने के लिए दबाव डाला तो दवे मुंह कर्मचारी बोले कि वहां की मोटर तो है ही नहीं अर्थात चोरी हो चुकी है, वहीं दूसरी ओर नगर की देखभाल के लिए करीब 28 लाख रुपए की लागत से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे

जो सभी बंद पड़े हुए हैं, इसकी फाइलें भी गुम कर दी गई हैं। जिससे कोई इसकी जानकारी ना मांग सकें इतना ही नहीं डैनिडा रोड चौराहे पर तीन कैमरे कागजों में लगाए गए हैं परंतु मौके पर एक ही कैमरा लगा हुआ है। कैमरों के मेंटेनेंस के नाम पर भी हर दो.तीन माह में मोटी रकम निकाली जा चुकी है। लेकिन सत्य यह है कि आज दिनांक तक सारे कैमरे बंद पड़े हुए हैं।

टेंडरों में भी नियमों को तांक पर रखकर मनमानी चल रही है, पास वाले टेंडर को फेल और फेल वाले को पास किया जा रहा है, नाला निर्माण के लिए टेंडर आया था जिसमें 4 निविदा आई थी इसको भी गलत तरीके से निरस्त किया गया इसमें रिलाइविंग वाल की शर्त लगाकर निरस्त किया गया है। जबकि शुभम कंस्ट्रक्शन कंपनी इसको पूरा करती थी मनमाने तरीके से इसको निरस्त किया गया है ।

इसमें ना तो परिषद को विश्वास में लिया गया और ना ही परिषद को सूचना दी गई।  इस तरह टेंडर को निरस्त करना भी इनकी भ्रष्ट छवि को प्रदर्शित करता है। निस्कर्ष रूप में कहा जाए तो नगर परिषद करैरा पूर्णरूपेण बेलगाम और निरंकुश हो चुकी है। नगर परिषद के स्टोर का यदि भौतिक सत्यापन कराया जाए

तो करोड़ों के घोटाले उजागर होंगे। शालिनी सोनी ने पत्रकार वार्ता के माध्यम से नगर परिषद में हो रहे घोटालों की उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित कर जांच कराने की मांग की है। जिससे जनता की खून पसीने की कमाई के पैसे का सदुपयोग जनहित में हो सके। उल्लेखनीय है कि नगर परिषद के भ्रष्टाचार को लेकर आज तक किसी पार्षद या नेताओं ने कोई पत्रकार वार्ता नहीं बुलाई। यह पहली पत्रकार वार्ता है जो नगर परिषद के भ्रष्टाचार की पोल खोलती है।
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