Shivpuri News- मेडिकल कॉलेज में केजुअल्टी डॉक्टर्स हड़ताल पर,डॉक्टर्स व सुपरिटेंडेंट आमने-सामने

Bhopal Samachar
शिवपुरी।
शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी विभाग के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। इस कारण इमरजेंसी विभाग की व्यवस्था बीमार होने की खतरा हो गया हैं। काम बंद की घोषणा इन हालातों की वजह केजुअल्टी विभाग में एचओडी की कुर्सी है, जिस पर उसी विभाग के डॉक्टरों की बजाय सुपरीटेंडेंट किसी दूसरे को बिठाने की तैयारी में हैं। इन हालातों के बीच में घायल होकर आने वाले लोगों का इलाज तथा पुलिस एमएलसी जैसे महत्वपूर्ण कार्य नहीं हो पाएंगे।

ऐसे समझें पूरा मामला
मेडिकल कॉलेज शिवपुरी में अलग-अलग विभाग हैं, जिनके एचओडी भी नियुक्त किए गए हैं। ऐसे ही विभागों में शामिल केजुअल्टी यानी इमरजेंसी विभाग भी है, जिसमें 5 डॉक्टर्स नियुक्त हैं। मेजिरव कॉलेज के सुपरिटेंडेंट डॉ. आशुतोष चौऋषी ने विभाग के सीनियर डॉक्टर को एचओडी बनाने की बजाय किसी दूसरे का नाम प्रस्तावित कर दिया है। जबकि केजुअल्टी डॉक्टरों का कहना है कि हम पांचों में से ही किसी एक सीनियर को एचओडी बनाया जाए।

पूर्व में दिए आवेदन पर नहीं हुई कार्रवाई
काम बंद करने से पूर्व केजुअल्टी डॉक्टर ने एक आवेदन भी डीन को दिया है, जिसमें उल्लेख किया है कि हमारे विभाग में एचओडी बनाए जाने को लेकर हमने पूर्व में भी एक आवेदन दिया था। लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया तथा सुपरिटेंडेंट ने तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाते हुए नियम विरुद्ध किसी और को एचओडी बनाना तय कर दिया है। चूंकि हमारी सुनवाई नहीं हुई, इसलिए हम लोग काम बंद करने को मजबूर हैं।

नियम में ही नहीं है
केजुअल्टी डिपार्टमेंट से लेटर आया है तथा वो खुद प्रभारी बनना चाहते हैं, जबकि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा जारी किए गए नए निर्देशों में ऐसा नहीं हो सकता। डॉक्टर्स नियम विरुद्ध एचओडी बनना चाहते हैं, हमने मार्गदर्शन मांगा है।
डॉ आशुतोष चौऋषी, सुपरिटेंडेंट मेडिकल कॉलेज

जल्द होगा विवाद का निराकरण
पिछले दिनों में व्यस्तताओं के चलते एचओडी का आदेश जारी नहीं हो पाया है। हमने मालूम किया है तथा केजुअल्टी के सीनियर डॉक्टर को एचओडी बनाया जा सकता है। हम जल्द ही उसका आदेश जारी करेंगे।
डॉ, केबी वर्मा, डीन मेडिकल कॉलेज

डॉक्टर्स व सुपरिटेंडेंट आमने-सामने
केजुअल्टी के डॉक्टर्स जहां पत्र देने के बाद काम बंद हड़ताल पर गए, वहीं सुपरीटेंडेंट ने सभी केजुअल्टी डॉक्टर को अनुपस्थित बताते हुए एक पत्र डीन को सौंप दिया। जिसमें उल्लेख किया है कि उक्त डॉक्टर के अनुपस्थित होने की वजह से जूनियर डॉक्टर से ड्यूटी कराई जाए। यानि डॉक्टर्स व सुपरीटेंडेंट आमने-सामने आ गए हैं।
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