पार्षद पद के प्रत्याशियों पर फूटने लगा पब्लिक का गुस्सा, जब जरूरत थी तब आए नहीं, अब क्यों आए हो- Shivpuri News

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शिवपुरी।
नगर पालिका चुनाव में पार्षद पद के प्रत्याशियों को कई वार्डो में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान पार्षद जो फिर चुनाव लड़ रहे हैं या जिनके परिवार में से कोई चुनाव लड़ रहा है, उनके प्रति जनता में खासा आक्रोश है। जनता प्रत्याशियों से कह रही है कि जब हमें तुम्हारी जरूरत थी, सड़क खराब पड़ी थी, पानी आता नहीं था, गंदगी से परेशानी थी, तब तुम हमारी सुनवाई के लिए नहीं आए, अब क्यों वोट मांग रहे हो। कई वार्डों में वहां के नागरिकों ने चुनाव बहिष्कार की घोषणा भी कर दी है, तो कुछ स्त्री और पुरूषों ने प्रत्याशियों के खिलाफ बैनर लगाकर प्रदर्शन किया है। उनका कहना है कि अब वे वोट मांगने न आएं।

शिवपुरी शहर की जनता ने पिछले नगर पालिका कार्यकाल में काफी कष्ट भोगे। नगर पालिका अध्यक्ष का भी पूरा ध्यान सिर्फ अपने विकास पर केन्द्रित रहा और उन्हीं की तर्ज पर अधिकांश पार्षद चलते रहे। जिसके कारण वार्डों में सड़क, पानी, बिजली, सफाई आदि की समस्या रही। जिन वार्डो में सड़कें डाली गई वे भ्रष्टाचार के कारण 6 माह में ही उखड़ गईं। गंदगी को साफ कराने में भी अधिकांश पार्षदों ने रूचि नहीं दिखाई। नगर पालिका भंग होने के बाद जब अधिकारियों के हाथ में नपा की कमान आई तो स्थिति में बिल्कुल भी सुधार नहीं हुआ। बल्कि भ्रष्टाचार में नगर पालिका के अधिकारियों ने सारी हदें पार कर दीं।

नामांतरण के लिए लोग परेशान रहे, सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह ध्वस्त रही। कॉलोनियों की खराब और जीर्ण-शीर्ण सड़कों ने पूरे शहर को एक बदतर रूप दे दिया। इसकी प्रतिक्रिया अब नगर पालिका चुनाव में सामने आने लगी है। वार्ड 21 और 22 के नागरिकों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है।

यहां पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। जिससे पूरे क्षेत्र में गंदगी और मच्छरों का साम्राज्य है। यहां के नागरिकों ने बैनर लगाकर पार्षद प्रत्याशियों के विरूद्ध प्रदर्शन किया और कहा कि पार्षद प्रत्याशी गनीमत चाहते हैं, तो यहां कृपया वोट के लिए न आएं। वार्ड 36 के निवासी पानी की निकासी न होने से परेशान हैं।

इस क्षेत्र की द्वारिकापुरी कॉलोनी के निवासियों ने निर्णय लिया है कि जब तक उनके पानी की निकासी की समस्या का समाधान नहीं होगा, वह चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे। शहर के आधे से अधिक वार्डों में जनता अपने प्रतिनिधियों के रवैये से परेशान है। यहीं कारण है कि नगर पालिका चुनाव में इस बार जनता की अधिक रूचि देखने को नहीं मिल रही है।
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