कोलारस। जिले की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था से बैसे तो पूरा प्रदेश बाकिव है। परंतु अब जो मामला सामने आया है उसने पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है। ग्रामीण अंचल से जुड़ी एक प्रसूता पूरी रात दर्द से कराहती रही। उसके पति ने रात को ही 108 जननी एक्सप्रेस को फोल लगाया। उसके बाद उसके नंबर पर फोन तो आते रहे परंतु एम्बुलेंस नहीं आई। पूरी रात उसकी पत्नि दर्द से कराहती रही। परंतु स्वास्थ्य व्यवस्था को ठेके पर चला रहे जिम्मेदार गहरी नींद में सोते रहे। सुबह 8 बजे जैसे तैसे जननी एक्सप्रेस पहुंची तो प्रसूता ने एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया। गनीमत रही कि यह डिलेवरी नॉर्मल होनी थी। अगर कोई अनहोनी हो जाती तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेता।
जानकारी के अनुसार सुखवती पत्नि औशपाल आदिवासी निवासी पांडोदा ईश्वरपुरा को बीते रात प्रसव पीड़ा शुरू हुई। तत्काल पत्नि ने अपने पति औशपाल को फोन लगाकर प्रसब पीडा के बारे में बताया। जिसपर औशपाल ने तत्काल रात्रि में 11 बजे 108 एंबुलेंस को फोन लगाया। फोन लगाकर वह एम्बुलेंस के साथ कपडे पानी और अन्य सामाग्री की व्यवस्था में लग गया। परंतु एम्बुलेंस नहीं आई। दो घंटे फोन लगाने के बाद जब एम्बुलेंस नहीं आई तो उसने फिर डायल 108 को फोन किया।
परंतु एम्बुलेंस तो नहीं आई उधर से आश्वासन जरूर जल्द से जल्द एम्बुलेंस पहुंचने का मिलता रहा। पीड़ित पति कहीं रास्ता न भटक जाए तो अपनी पत्नी को कराहता छोडकर पूरी रात रोड पर खडा होकर एम्बुलेंस का इंतजार करता रहा। परंतु एम्बुलेंस नहीं पहुंची। धीरे धीरे रात गुजर गई और सुबह का सूरज निकल आया। उसके बाद सुबह 8 बजे एम्बुलेंस पहुंची। और उक्त प्रसूता को अपने साथ लेकर कोलारस स्वास्थ्य केन्द्र रवाना हुई। जहां प्रसूता ने रास्ते में ही एम्बुलेंस में बच्चे को जन्म दिया।
इस मामले में जब कोलारस स्वास्थ्य केंद्र की बीएमओ अल्का त्रिवेदी से प्रतिक्रिया चाही तो उन्होंने बताया कि सुखवती को पुत्र की प्राप्ति हुई है। जज्जा बच्चा दोनों पूरी तहर सुरक्षित है। अब 108 एंबुलेंस जिस कारण समय पर नहीं पहुंची है। इसका हम पता लगा लेते है। अगर ऐसा हुआ है तो कार्यवाही की जाएगी।