रेंजर कृतिका शुक्ला के खिलाफ जांच सिद्ध, सजा केवल वन रक्षक को:मामला राष्ट्रीय पक्षी की मौत का - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शेखर यादव शिवपुरी। शिवपुरी वन विभाग ने तो शायद नियम विरूद्ध काम रकने की शपथ ली हो, कैसे बडे अधिकारियों के आदेश को मानने की सजा छोटे कर्मचारियों की सजा दी जाती हैं इसका साक्षात उदाहरण सीएम हेल्पलाइन की एक शिकायत ने उगला है। बताया जा रहा हैं कि सीएम हेल्पलाइन में जांच सिद्ध हुई है रेंजर कृतिका शुक्ला और एक वनरक्षक के खिलाफ लेकिन सजा केवल वन रक्षक को मिली हैं अधिकारियों ने कृतिका शुक्ला के कृत्य की सजा अपने सबसे छोटे कर्मचारी को दे दी,यह मामला जुड़ा हैं राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत से।

पहले समझे इस मामले को
14 मई 2021 को जिले के वन परिक्षेत्र बदरवास के अंतर्गत आने वाली चौकी रन्नोद के आह्मारा बीट वन क्षेत्र में वन प्राणी की बिजली के खम्बे में अचानक करंट की लहर दौड़ी इस कारण से उक्त राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत हो गई , ग्रामीणो ने तत्काल मामले की जानकारी वनविभाग को दी।

वन विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया, लेकिन गंभीरता मौके पर ही पहुंचने तक ही सीमित रही।जिसके उपरांत उक्त मोर को वनरक्षक नरेन्द्र कुमार बिदुआ जिनकी बीट है उन्होंने उक्त मोर को अपने कब्जे में लेकर पीएम कर दाह संस्कार के बहाने ले गए।

तत्कालीन कोलारस रेंजर शुक्ला को इस मामले की सूचना दी,मेडम रेंजर ने वन रक्षक को मौखिक आदेश देते हुए कहा कि मारे का अंतिम संस्कार अपने स्तर से कर दो। जब इन कर्मचारियों ने रेंजर का आदेश मानते हुए मोर का अंतिम संस्कार कर दिया।

यह मामला मीडिया में सुर्खियों में आया कि प्रोटोकॉल को तोडते हुए मोर का बिना पीएम कराते हुए राष्ट्रीय पक्षी मोर का अंतिम संस्कार कर दिया। यह अंतिम संस्कार भी डरते डरते किया गया जिसमें अधजली मोर रह गई।

इस मामले की शिकायत 20 अगस्त 2021 को सीएम हेल्पलाइन में दर्ज कराई गई इस शिकायत का क्रमांक 15044282 बताया जा रहा है शिकायतकर्ता का कहना था कि राष्ट्रीय पक्षी मोर के अंतिम संस्कार में लापरवाही बरती गई प्रोटोकॉल तोडा गया है।

यह शिकायत जांच एल 2 तक पहुंची और इस शिकायत के जांच कर्ता उपवनमंडाधिकारी करैरा ने की और अपनी जांच में लिखा कि वनरक्षक नरेन्द्र कुमार बिदुआ का कर्तव्य में लापरवाही एवं प्रकरण में वन परिक्षेत्र अधिकारी श्रीमति कृतिका शुक्ला को प्रकरण में लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया हैं,उक्त प्रतिवेदन को वन मंडल अधिकारी को अवगत कराया।

इस मामले में डीएफओ मैडम ने केवल वनरक्षक को सस्पेंड किया गया हैं रेंजर कृतिका शुक्ला पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले में वन रक्षक का कहना है कि हमे मौखिक आदेश हमारे अधिकारी रेंजर ने दिया था हमने अपने अधिकारी का ओदश का पालन किया हैं। मैडम जैसा हमे ओदशित करती हम वैसा करते।
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