खुद का छुका भटा ही करता हैं वाली कहावत चरितार्थ, रेजंर जाटव की कारगुजारी से पूरा महकमा बदनाम - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। भारतीय कहावत कही ना कही सटीक बैठती हैं एक पुरानी कहावत है कि खुद का छुका भटा ही वादी करता हैं यह कहावत शिवपुरी के वन विभाग पर एक शराब के शोरूम को लेकर सटीक बैठ रहा हैं। एक रेजंर की कलाकारी पूरे वन महकमे को बदनाम कर रही हैं। शराब के शोरूम के मामले में डीएफओ मेडम की डेट लाईन भी निकल चुकी है परंतु अभी शराब के शोरूम पर कार्यवाही नहीं हो सकी हैं।

पहले समझे क्या हैं मामला

गुना बाईपास से लेकर चिंकारा तक वनभूमि हैं,इस वन भूमि पर भोपाल की सोम कंपनी ने अपना शराब का शोरूम खोल लिया। अगर भारत सरकार के नियमों को समझें तो वन भूमि पर किसी भी प्रकार की कमर्शियल एक्टिविटी नहीं कर सकते,यहां तक अनाधिकृत प्रवेश भी वर्जित हैं,लेकिन यहां हाइवे के किनारे स्थित वन भूमि पर शराब का शोरूम तान दिया। जब मीडिया ने यह मामला उठाया तो रेंजर गोपाल जाटव ने जमीन खाली करने का नोटिस दे दिया,लेकिन माना जा रहा है कि यह नोटिस सिर्फ कागजी खानापूर्ति करने को हैं शराब की दुकान को हटाने के लिए। नोटिस की समय अवधि 15 दिन बताई जा रही हैं वह भी निकल गई।

डील क्रेक नहीं हो सकी 2 लाख रुपए प्रतिमाह की

जानकारी मिल रही हैं कि गुना बाईपास पर निकाली गई सोम कंपनी की शराब की दुकान इससे पूर्व सामने की ओर खुल रही थी लेकिन दुकान मालिक ने 2 लाख रूपए महिने किराया मांगा,सोम कंपनी दुकान का मासिक किराया इससे कम में चाह रही थी,इस कारण ही वन भूमि पर शराब का शो रूम खोल लिया गया,यह शोरूम सीधा सीधा वन विभाग की पोल खोल रहा है। अब यह भी तय हैं कि वन भूमि खोली गए शराब के शोरूम का किराया अब वन विभाग के अधिकारी वसूल रहे हैं इस कारण ही इस अतिक्रमण को नहीं हटाया जा रहा हैं

क्या वन भूमि का किराया वसूल रहे है वन विभाग के अधिकारी

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस दुकान का वन विभाग के जिम्मेदार एक लाख मासिक किराया वसूल रहे हैं और इस कारण ही इस शराब के शोरूम को संरक्षण दिया जा रहा हैं कागजी खानापूर्ति करने के लिए नोटिस दिया गया,नोटिस की समय सीमा निकल चुकी हैं,लेकिन नोटिस का जबाब अभी तक शराब कंपनी ने नहीं दिया है। वन विभाग जंगल में वन भूमि पर वने 1 कमरे को तोड़ने के लिए अपना पूरा लाव लश्कर ले जाता है लेकिन शहर के बाईपास पर हुए इस अतिक्रमण को हटाने के लिए वन विभाग का अमला पता नहीं कहां गायब हो जाता हैं समझ से परे हैं।

अब अंत में रेंजर जाटव ने बोला मीडिया से झूठ

रेंजर जाटव से मीडिया ने इस वनभूमि पर शराब की दुकान का अतिक्रमण के विषय में पूछा तो उन्होने कहा कि 15 दिन का नोटिस दिया गया हैं अगर 15 दिन में यह दुकान स्वयं दुकान स्वामी नही हटाते तो वनविभाग जाकर इस अतिक्रमण को हटा दिया जाऐगा। बताया जा रहा है कि रेंजर जाटव ने 15 दिवस का नही 3 दिवस का नोटिस दिया गया था इस नोटिस की अवधि को निकले 30 दिन से अधिक हो चुके है। वही 20 दिन पहले डीएफओ शिवपुरी ने कहा कि इस दुकान पर कार्यवाही की जाएगी लेकिन कार्यवाही अभी तक नहीं हुई है। ,कहावत चरितार्थ,रेजंर जाटव कारगुजारी से पूरा महकमा बदनाम
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