Shivpuri News- खस्ताहाल सड़कें, मेंटेनेंस पर करोडो खर्च: नपा और PWD को सौंपा विधिक ज्ञापन

Bhopal Samachar
शिवपुरी
। शिवपुरी की खस्ताहाल और जीर्ण-शीर्ण सड़कों को दुरूस्त करने की जिम्मेदारी जिस नगर पालिका और पीडब्ल्यूडी विभाग को है, वे अपने कार्य के प्रति लापरवाह हैं। जिससे शहर की सड़कें दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही हैं। सड़कों के रखरखाव हेतु शासन मद से करोड़ों रुपए की राशि निकाली गई है। लेकिन इसका कोई सार्थक उपयोग नहीं किया गया। इस संबंध में आरटीआई से जब एक अधिवक्ता अंचित जैन ने जानकारी मांगी तो पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से अवगत कराया गया कि सड़कों के रखरखाव हेतु वर्ष 2017 में 1 करोड़ 66 लाख 96 हजार 930 रूपए की राशि तथा वर्ष 2015 में 25 लाख 50 हजार 665 रुपए की राशि खर्च की गई।

जबकि नगर पालिका ने तो आरटीआई का जवाब देने की भी जरूरत महसूस नहीं की। जबकि सभी जानते हैं कि नगरपालिका सड़कों की बेहतरी के लिए कागजों में करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी है। इस फर्जीवाड़े और लापरवाही के विरोध में अधिवक्ता अंचित जैन और समाजसेवी जितेंद्र गौड़ ने पीडब्ल्यूडी और नगर पालिका को विधिक ज्ञापन सौंपा और ज्ञापन में दोनों विभागों को नियमानुसार अवगत कराया गया है कि शहर की सड़कों की नियमित मरम्मत एवं देखरेख की जिम्मेदारी उनकी बनती है। इसलिए वह जल्द से जल्द सड़कों को दुर्दशा से उवारें और ऐसा न करने पर उनके विरूद्ध माननीय न्यायालय के समक्ष प्रकरण दाखिल किया जाएगा।

शिवपुरी की सड़कों को दुरुस्त कराने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए तत्पर न्यू ब्लॉक निवासी अधिवक्ता अंचित  जैन और समाजसेवी जितेंद्र गौड़ ने बताया कि आए दिन समाचार पत्रों में शिवपुरी की खासता हाल सड़कों की स्थिति बयान की जाती है। लेकिन इसके बावजूद भी सड़कों को दुरूस्त करने के लिए प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। वस्तुस्थिति जानने हेतु वर्ष 2021 में सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत लोक निर्माण विभाग और नगर पालिका में जानकारी हासिल करने हेतु आवेदन पेश किया गया।

 जिसमें खराब सड़कों की मरम्मत हेतु विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी स्त्रोतों से आवंटित धनराशि तथा संबंधित सरकारी योजनाओं को लेकर जानकारी मांगी गई। आश्चर्यजनक रूप से नगर पालिका की ओर से आज दिनांक तक कोई जवाब नहीं दिया गया और पीडब्ल्यूडी विभाग ने जो जानकारी दी वह अचंभित करने वाली थी।

पीडब्ल्यूडी ने अपने जबाव में बताया कि सड़कों को सुधारने के लिए अंतिम बार वर्ष 2017 में उन्होंने 1 करोड़ 66 लाख 96 हजार 930 रूपए की राशि व्यय की। वर्ष 2015 में 25 लाख 50 हजार 665 रूपए की राशि व्यय की गई और लंबे समय से शहर में सड़कों की बेहतरी के लिए कोई नवीन परियोजना की स्वीकृति शासन द्वारा प्राप्त नहीं हुई है। जबाव में यह भी बताया गया कि पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा सड़कों की स्थिति का मुआयना करने हेतु कोई अधिकारिक निरीक्षण भी नहीं किया गया।

पीडब्ल्यूडी ने यह भी स्वीकार किया कि प्रशासन द्वारा गड्डों वाली सड़कों की पहचान तो बखूबी की गई। लेकिन उन पर सुधार कार्य लगभग न के बराबर किया गया। इससे स्पष्ट है कि आए दिन हो रही दुर्घटनाओं और अनहोनी के बावजूद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। बल्कि सभी मूलभूत व्यवस्थाओं को अपने हाल पर छोड़ दिया गया। इन सब के विरोध में अधिवक्ता जैन और समाजसेवी गौड़ ने प्रशासन को विधिक ज्ञापन सौंपा और अल्टीमेटम दिया गया कि यदि शीघ्र ही सड़कों की दशा नहीं सुधारी गई तो वे इसके विरोध में न्यायालय की शरण लेंगे।

नपा के विरूद्ध दायर हुई प्रथम अपील याचिका
शहर की सड़कों की मरम्मत हेतु नगर पालिका द्वारा किए गए प्रयासों के संबंध में जब अधिवक्ता जैन ने आरटीआई के तहत जानकारी मांगी तो नगर पालिका ने आज तक उसका जबाव नहीं दिया। श्री जैन ने बताया कि इसके विरोध में उन्होंने सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत नगर पालिका के खिलाफ  प्रथम अपील याचिका दायर कर दी है। यह स्थिति तब है, जब शहर की अधिकांश सड़कें नगर पालिका की हैं। इससे जाहिर है कि  नगर पालिका अपने दायित्व का किस लापरवाहीपूर्ण ढंग से निर्वहन कर रही है।

इनका कहना है-
शहर की सड़कों की स्थिति को दुरुस्त करने के प्रयासों में प्रशासन न केवल नाकामयाब रहा है। बल्कि गैर जिम्मेदार भी रहा है। वर्क्स डिपार्टमेंट मेन्यूल एक रूल्स के अनुसार पीडब्ल्यूडी एवं मध्यप्रदेश नगर पालिका अधिनियम की धारा 66(जे) के मुताबिक नगर पालिका की यह जिम्मेदारी बनती है कि शहर की सड़कों की नियमित मरम्मत एवं देखरेख की जाए। परंतु ऐसा न होने पर हमने विधिक ज्ञापन सौंपा है। जिसके बाद भी अनुपालन न होने पर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रकरण दाखिल किया जाएगा।
अंचित जैन, अधिवक्ता शिवपुरी
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