आप नेता एडवोकेट पीयूष शर्मा SC एस - ST मामले में हुए बरी, अतिक्रमण के मामले में हुई थी FIR - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। आम आदमी पार्टी के पूर्व जिला संयोजक रहे एड.पीयूष शर्मा पुलिस थाना कोतवाली में पंजीबद्ध अप.क्रं.531/2016 अपराध अंतर्गत धारा 353,341,294,34 भादंसं तथा धारा 3(1)द,3(2)(पांच-क)अनु.जाति एवं अनु.जनजाति(अ.नि.)में हुए अतिक्रमण, शासकीय कार्य में बाधा सहित एससी एसटी मामले में माननीय न्यायालय से निर्दोष पाते हुए बरी किए गए है। उनके इस मामले में पैरवी उनके मित्र अभिभाषक शैलेन्द्र समाधिया ने करी। वहीं अभियोजन पक्ष अपने किसी भी आरोप को एड.पीयूष शर्मा के विरुद्ध सिद्ध नहीं कर सके, जिसके चलते माननीय न्यायालय ने उन्हें इस मामले में बरी किया है।

इस मामले में जानकारी देते हुए एड.शैलेन्द्र समाधिया ने बताया कि आप पार्टी के पूर्व जिला संयोजक एड.पीयूष शर्मा के विरूद्ध पुलिस थाना देहात में बीती 15 जून 2016 को पुराने बस स्टैण्ड के पास शिवपुरी में नगर पालिका शिवपुरी के अतिक्रमण हटाने की मुहिम के प्रभारी एआरआई फरियादी मेवाराम करारे और उसके साथ उपस्थित बल का सदोष अवरोध कारित किया गया, जिसमें अभियुक्त एड.पीयूष शर्मा के द्वारा शासकीय लोकसेवक के साथ शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाते हुए जेसीबी मशीन की सहायता से किए जाने वाले कार्य में अवरोध किया गया और उसे जातिसूचक गालियां दी गई।

उस दौरान घटना के समय पुलिस बल सहित नगरपालिका के आधा दर्जन से भी अधिक अधिकारी और अनेकों कर्मचारी भी मौजूद थे जिन्होंने घटना देखी और इस आधार पर थाना कोतवाली में एड.पीयूष शर्मा के विरूद्ध अप.क्रं.531/2016 कर मामला माननीय न्यायालय के समक्ष 29.11.2016 को प्रस्तुत किया गया। इस मामले को लेकर माननीय न्यायालय श्री उमेश कुमार श्रीवास्तव पीठासीन न्यायाधीश, अनन्य विशेष न्यायालय, अनु.जाति एवं अनु.जनजाति (अ.नि.)अधि. जिला शिवपुरी के द्वारा पूरे मामले को सुनते हुए यह पाया कि अभियोजन पक्ष की ओर से लगाए गए आरोपों में से अभियुक्त एड.पीयूष शर्मा पर कोई सिद्ध नहीं कर सके।

इसे लेकर माननीय न्यायालय विशेष न्यायाधीश के द्वारा पारित निर्णय में बताया गया कि अभियोजन अपने प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर अभियुक्त एड.पीयूष शर्मा के विरूद्ध आरोपित धाराओं अप.क्रं.531/2016 अपराध अंतर्गत धारा 353,341,294,34 भादंसं तथा धारा 3(1)द,3(2)(पांच-क)अनु.जाति एवं अनु.जनजाति(अ.नि.)अधि. 1989 के आरोप सभी युक्तियुक्त संदेहों से परे प्रमाणित करने में पूर्णत: असफल रहा पाया जाता हैं

अत: उक्त आरोपों से अभियुक्त पीयूष शर्मा को संदेह का लाभ दिया जाते हुए दोषमुक्त कर तत्क्षण उन्मुक्त किया जाता है उसके पूर्व के जमानत मुचलके उन्मोचित किये जाते है। इस तरह आप पार्टी के पूर्व जिला संयोजक एड.पीयूष शर्मा जनहित के मुद्दों की लड़ाई लड़ते हुए जहां कई धाराओं में अभियुक्त के रूप में पंजीबद्ध हुए लेकिन आरोप सिद्ध ना होने के कारण वह माननीय न्यायालय से निर्दोष बरी किए गए।
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