कोलारस। मध्य प्रदेश सरकार जच्चा बच्चा मृत्यु दर में कमी लाने का दावा कर रही हैं कई योजनाएं धरातल पर दौड़ भी रही हैं,लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में यह योजनाएं धरातल पर फैल हैं। इसका उदाहरण कोलारस के एक गांव से आ रहा हैं जहां एक प्रसूता ने सिस्टम की लापरवाही के घर अपने घर ही तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। पिछले दिनों ही शासन से शिवपुरी जिले को 3 दर्जन एम्बुलेंस मिली है, लेकिन यह भी एक प्रसूता की जान नही बच सकी। सिस्टम के कान खराब हो चुके हैं वह आवश्यक कॉल सुनता ही नहीं है और परिणाम किसी की मौत के रूप में मिलता हैं।
कोलारस विधानसभा में आने वाले गांव बेरखेडी निवासी बलवंत आदिवासी की गर्भवती सोमवती आदिवासी को गुरूवार की सुबह प्रसव पीड़ा हुई तो परिजनों ने ने 108 एम्बुलेंस पर कॉल किया,लेकिन कई फोन करने के बाद भी एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंची। इसके बाद परिजनों ने डायल 100 को भी कॉल किया जिससे कोई मदद मिल सके।
परिजनों के अनुसार मदद का आश्वासन मिलता रहा लेकिन मदद नहीं मिली। इस लापरवाही का परिणाम यह हुआ कि प्रसूता सोमवती ने दर्द से तडप तडप कर गांव में ही दम तोड दिया।
पति बलवंत का कहना है कि उसने थक हार कर गांव के पंचायत सविच को भी फोन लगाया था,परंतु पंचायत सचिव के कई बार कॉल लगने के बाद भी फोन नहीं उठा। इसके बाद सरपंच को संपर्क किया सरपंच ने फोन तो उठा लिया लेकिन मदद नहीं कर सका। वह भी सिर्फ आश्वासन ही देता रहा।
एम्बुलेंस,डायल 100,सचिव और सरपंच से मदद मांगी गई लेकिन मदद नहीं मिली अंत में प्रसूता की जान चली गई। सरकारी तंत्र में यह लापरवाही हमेशा की देखने को मिलती हैं जांच के नाम पर मामले को टाल दिया जाता है।
इनका कहना हैं
मृतका के पति के द्धवारा 108 एम्बुलेंस को फोन पर सूचना दी गई थी,परंतु एंबुलेंस बेरखेडी की जगह दूसरे गांव बरखेडी पहुंच गई। 108 एंबुलेंस चालक को नोटिस जारी किया गया ळैं साथ इस पूरे मामले की जांच कमेटी बनाई गई हैं। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
डॉ पवन जैन सीएमएचओ शिवपुरी।