सतनवाड़ा के बम्हारी डोंगरी में सैकड़ों बीघा जंगल मे चल रहीं पत्थर खदाने, नही हो रही कार्यवाही - Shivpuri News

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शिवपुरी।
वन मंडलाधिकारी के खुद मौका पर जाकर बम्हारी बेल्ट में अवैध उत्खनन कर्ताओं द्वारा जंगल नाश की विनाश लीला देखने के बाद लगा था कि इस रेंज के माफिया मित्र वनकर्मियों पर सख्त कार्यवाही होगी लेकिन एक सप्ताह बाद भी वनमंडलाधिकारी द्वारा उत्खनन के मामले में रेंजर को क्लीन चिट सी दे रखी है। उसका दुष्परिणाम ये हो रहा है कि अभी भी बम्हारी के आमखो व् डोंगरी क्षेत्र में जंगलों का दोहन जारी है। रात के समय अवैध खनन व परिवहन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री की मंशा व प्रभारी मंत्री की सख्त हिदायत के बाद इसे रोक पाना विभाग के बस की बात नहीं है।

इस समय पर खनन एवं वन विभाग दिखावे के लिए छापेमारी कर रहा है लेकिन हासिल कुछ भी नहीं होता है। अधिकारी निरीक्षण करने के नाम पर खानापूर्ति करके लौट आते हैं। जंगल को मशीनों से नष्ट कर डाला, बावजूद इसके अभी तक वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रभावी कार्यवाही रेंजर पर नहीं की। बताया जाता है की रेंजर भोपाल तक पहुंच रखता है जिस कारण वन मंडलाअधिकारी उसको साफ़ दोषी पाने के बाद भी कार्यवाही नहीं कर पा रही हैं। पिछोर में जिस तरह बुलडोजर से रेंजर अनुराग तिवारी ने आधा सेंकडा से ज्यादा गड्डे पाटे उसी तर्ज पर सतनवाडा रेंज द्वारा भी जंगल में खनन माफियाओं द्वारा किये गड्डे भी बुलडोजर से पाटना चाहिए थे लेकिन यहाँ दिखावे को एक घन और हतोड़ा लेकर एक दो पटिया चटकाकर चेहरा चमकाने की फ़िराक में रेंजर व वन अमला लगा है।

आज फिर बम्हारी क्षेत्र में वन अमला घन हतोड़ा लेकर पहुंचा और कुछ पटियों को फोड़कर वापस आ गया। पूरा घनघोर जंगल बम्हारी और डोंगरी की लीज की ओट में स्वाहा होता जा रहा है और कार्यवाही के नाम पर अफसर दवाब में बैठे हुए है ऐसे में जंगलों का नाश पूरी तरह तय है। इस समय जंगल बचाने गाँव वाले भी अब सामने आने लगे हैं सहरिया क्रांति द्वारा जंगल बचाओ मुहीम जारी है। वन परिक्षेत्र में उत्खनन पर रोक लगी है, इसके बावजूद जिले की वन खदानों पर धड़ल्ले से खदानें संचालित कर वन भूमि से पत्थरों का अवैध उत्खनन किया जा रहा है।

वन बीट आमखो पीपल खाड़ी की घाटी, डोंगरी के पास का जंगल में पत्थरों की अवैध खदानें चल रही हैं। ग्रामीणों के अनुसार यहां पर दिन में ही पत्थर निकाले जाते हैं। वहीं पर पटिया पत्थर भी तैयार किए जाते हैं। इस क्षेत्र में बिरले-बिरले कई जगह पत्थर के ढेर लगे हैं। पीपल खाड़ी घाटी के नीचे बनी वन चौकी के भ्रष्टाचार के कारण दिन रात अवैध वसूली कर यहाँ तैनात वन अमला पत्थर से भरे वाहनों को निकलवाता है

ग्रामीण बताते हैं कि सतनवाड़ा वन परिक्षेत्र में पत्थर का अवैध उत्खनन पिछले चार –पांच महीनों से जोरों से चल रहा है। यह उत्खनन मशीनों से सफाई करने के बाद मजदूरों द्वारा किया जाता है, अवैध रूप से चल रहीं खदानों के संबंध में ग्रामीणों का आरोप है कि बीटों के वन रक्षक को उनकी बीट में होने वाली एक-एक गतिविधि की जानकारी रहती है। इनके द्वारा इन गतिविधियों पर अंकुश लगाया जाता है। ग्रामीणों की मानें तो इनकी बगैर मिलीभगत के इस तरह वन परिक्षेत्र में अवैध खदानों का संचालन नहीं हो सकता है। बीट गार्ड कहते हैं कि वरिष्ठ अफसर और मंत्री लेवल के लोगों की सांठ गाँठ के बाद रेंजर द्वारा इन तत्वों को उत्खनन कराया जाता है। कुल मिलाकर यदि समय रहते इस पापकर्म को नहीं रोका गया तो शिवपुरी के वन इतिहास बन जायेंगे।
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