पिछोर से युवक का अपहरण: महज 4 घंटे बाद 110 किमी दूर ​पोहरी में युवक पर आबकारी एक्ट का मामला दर्ज - Pichhore News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। वैसे तो शिवपुरी जिला अपनी कारगुजारियों के चलते हमेशा सुर्खियों में रहता है। आज फर्जी तरीके मनरेगा के भुगतान के चलते 3 पंचायत सचिवों पर गाज गिरी है। आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला अधिकारी रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकडे जाने पर भी अपनी कुर्सी पर जमें है। इसी बीच एक और अजीब वाक्या सामने आया है।

जहां पिछोर से अपहरण होने के महज चार घंटे बाद ही करीब 110 किमी दूर अपहृत युवक पर आबकारी एक्ट का मामला दर्ज हो गया। महज चाढ़े चार घंटे में दर्ज हुए दो मामलों यह पूरा मामला संदिग्ध हो गया है। वहीं घटना भी 17 अप्रैल की है जो अब 10 दिन बाद सामने आई है। यह मामला सामने आने के बाद अब आबकारी विभाग इस मामले को पाक साफ साबित करने में जुट गया है।

दरअसल फरियादी महेंद्र पुत्र वीर सिंह गौर निवासी अछरौनी खनियांधाना ने पिछोर थाने में शिकायत दर्ज कराई कि 17 अप्रैल को दोपहर 12 बजे पिछोर भारतीय स्टेट बैंक के सामने से चार अज्ञात लोगों के साथ किसी कार से सत्येंद्र बुंदेला व मुकेश शिवहरे ने बलवीर पुत्र जगन्नााथ कोली उम्र 32 साल निवासी अछरौनी का जबरन अपहरण कर लिया गया। इस पर पिछोर पुलिस ने दो नामदर्ज सहित तीन अज्ञात लोगों पर अपरहण का केस दर्ज कर लिया।

बाद में पता चला कि अपहरण हुए व्यक्ति बलवीर सिंह पर पिछोर से लगभग 110 किलोमीटर दूर जिले के पोहरी थाना अंतर्गत 17 अप्रैल को ही शाम 4.30 के बीच आबकारी विभाग के सब इंस्पेक्टर राहुल गुप्ता ने 6 पेटी देसी अवैध शराब का केस दर्ज किया है।

इस मामले में आबकारी इंस्पेक्टर राहुल गुप्ता का कहना है कि हमने पूरे सबूतों के साथ मामला दर्ज किया है और आबकारी के सभी नियमों का पालन किया है। इस संबंध में पिछोर एसडीओपी द्वारा भी जानकारी मांगी गई है जो उपलब्ध करा दी है। सूत्रों की मानें तो बलवीर भी शराब के ट्रेड से जुड़ा हुआ है। शराब के कारोबार की लड़ाई में कानून का इस्तेमाल किया जा रहा है।

परंतु पुलिस इस शराब कारोबार के बीच दोनों और से पिस रही है। यह समझ से परे है कि अगर पिछोर पुलिस ने इस मामले में अपहरण की एफआईआर दर्ज की तो फिर यह शराब कैसे बेच रहा था। और अगर यह शराब पोहरी में बेच रहा था तो पिछोर पुलिस ने अपहरण की एफआईआर कैसे दर्ज कर ली। बैसे तो जिले के थानों के यह हालात है कि जिले में सही एफआईआर दर्ज कराने फरियादी को चक्कर पर चक्कर काटने पडते है। परंतु यह कार्यवाही कैसे हुई यहां यह सबाल खडा होता है।
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