शिवपुरी। नरवर चुनाव में अध्यक्ष पद भाजपा के खाते में जा चुका है। अध्यक्ष के लिए जब पार्षदों को मतदान करना था तब खुद कांग्रेसी पार्षद ही अपनी पार्टी को दगा देकर भाजपा को वोट दे आए थे। अब एक सप्ताह बीत जाने के बाद कांग्रेस इसके विरोध में आई है। पूरी प्रक्रिया के दौरान कांग्रेसी नेता गायब रहे, लेकिन अब उन्हें यह निर्वाचन प्रक्रिया न्यायोचित नहीं लग रही है। कांग्रेसी नेताओं ने न्यायालय में याचिका लगाने की बात कही है।
करैरा विधायक प्रागीलाल जाटव ने कहा है कि सर्वप्रथम तो माननीय न्यायालय के निर्देशानुसार ही यह चुनाव सही ढंग से संपन्न नहीं हुए दूसरा स्थानीय जिला प्रशासन ने भी दबाव में नियमों की अनदेखी की और चुनाव के दौरान भाजपा नेताओं का खुला समर्थन देकर इस अध्यक्षीय चुनावी प्रक्रिया में धांधली कराई। इसमें अधिकतर निर्दलीय पार्षदों के वोट भाजपा नेताओं ने बूथ पर अपने सामने डलवाये उसकी वीडियो रिकॉर्डिंग भी है।
यहां नगरीय निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस की प्रत्याशी रही सपना धर्मेन्द्र कुशवाह ने वोटिंग के समय के कुछ फुटेज भी मौके पर उपलब्ध कराए जिसमे भाजपा नेता संदीप माहेश्वरी, पूर्व विधायक पुत्र पुष्पेंद्र सिंह सहित दो अन्य नेताओं पर दबंगई और दबाव में लाकर पार्षदों से अपने हाथ से अपने पक्ष में वोट डलवाये। मगरौनी गेस्ट हाउस में पूर्व विधायक लाखन सिंह बघेल ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश वर्ष 2014 के तहत पार्षदों का आरक्षण कर चुनाव कराया जाकर जनता के द्वारा ही अध्यक्ष का निर्वाचन किया जाना था।
लेकिन निर्वाचन आयोग के द्वारा नगरीय निकाय नरवर के चुनावों में पार्षद पद के लिए जनता के द्वारा जबकि अध्यक्ष पद के लिए वर्ष 2018 आरक्षण नियमों का पालन कर अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराए गए। जबकि वर्ष 2019 में नगर पंचायत का आरक्षण पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित किया गया था।
जबकि यहां अध्यक्ष पद के दावेदार सामान्य वर्ग से इस चुनावी प्रक्रिया में शामिल हुए। इसके अलावा वर्ष 2021-22 के भी कई नव मतदाता इस लोकतंत्र के महापर्व में अपना मत डालने से वंचित रह गए। ऐसे में इन तमाम तरह की विसंगतियों के लिए बीच हुए नगरीय निकाय चुनाव को कांग्रेस पार्टी सही नहीं ठहराती।