बैराड़। बैराड़ तहसील के ग्राम बनवारीपुरा में हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन की टीम सात सौ बीघा जमीन पर अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। प्रशासन की टीम द्वारा की गई कार्रवाई का ग्रामीणों ने विरोध दर्ज कराया, जिसके बाद प्रशासन की टीम ग्रामीणों को समझाइश देते हुए कागजी कार्रवाई करके लौट आई। प्रशासनिक अधिकारियों ने जमीन पर बने मकान हटाने के लिए ग्रामीणों को तीन दिन का समय दिया है।
उल्लेखनीय है कि ग्राम बनवारीपुरा में सात सौ बीघा सरकारी जमीन पर सालों से वहां के 52 ग्रामीणों ने कब्जा करके रखा था। इस मामले में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई और इसी याचिका की सुनवाई के उपरांत ग्वालियर हाईकोर्ट ने प्रशासन को आदेश दिया कि शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए। इसी आदेश के क्रम में प्रशासनिक अधिकारी बनवारीपुरा पहुंचे तो ग्रामीण कार्रवाई का विरोध करने लगे।
काफी जद्दोजहद के बाद प्रशाासनिक अधिकारियों ने उन्हें यह समझाया कि उक्त जमीन सरकारी है और कोर्ट का आदेश है कि यह जमीन खाली कराई जाए। इसके बाद अधिकारी कागजी कार्रवाई करते हुए जमीन पर खड़ी फसल की जप्ती कर वहां से लौट आए। इसके अलावा 15 ग्रामीणों ने जमीन पर मकान बना रखे हैं, उन सभी ग्रामीणों को तीन दिन का समय मकान और अपना सामान हटाने के लिए दिया गया है।
तीन दिन बाद चलेगी हिटैची
अधिकारियों का कहना है कि अगर ग्रामीणों ने तीन दिन के भीतर जमीन पर से अतिक्रमण नहीं हटाया तो वहां प्रशासन द्वारा हिटैची चला मकानों को ढहा कर जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाया जाएगा। उनको दिए गए यह नोटिस अंतिम सूचना पत्र हैं, इसके बाद प्रशासन अपनी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।
अतिक्रमण हटाने के पक्ष में नहीं ग्रामीण
अगर ग्रामीणों की मानें तो इस जमीन पर वह पिछले कई वर्षों से काबिज हैं, यहां खेती करते हैं और मकान बनाकर रहते हैं। ऐसे में वह इस जमीन को कैसे छोड़ सकते हैं। इस पर अधिकारियों ने उन्हें बताया कि यह उनका व्यक्तिगत काम तो है नहीं और न ही उनकी गांव वालों से दुश्मनी है। ऐसे में उन्हें अतिक्रमण तो हटाना पड़ेगा। अब यह तो तीन दिन बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि ग्रामीण अतिक्रमण हटाते हैं या नहीं। इसके अलावा खेतों में खड़ी जो फसल प्रशासनिक अधिकारियों ने जप्त की है वह खेतों में खड़ी रहकर जप्ती के श्रेणी में आती है या नहीं।
इनका कहना है
हमने हाई कोर्ट के आदेश क्रम में यह कार्रवाई की है। खेतों में खड़ी फसल को जप्त कर लिया है, जिन 15 ग्रामीणों के मकान सरकारी जमीन में बने हुए हैं उन्हें तीन दिन का समय देकर मकान हटाने को कहा गया है। अगर तीन दिन में वह मकान नहीं हटाते हैं तो प्रशासन इन मकानों को ढहाने के संबंध में कार्रवाई करेगा।
सुनील प्रभाष,तहसीलदार