शिवपुरी। शिक्षा विभाग द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावासों में सहायक वार्डन की भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। साल 2006-07 से लेकर 2014 के दौरान 8 सहायक वार्डन की नियुक्ति बिना विज्ञप्ति जारी किए कर दी गईं।
जांच में मामला पकड़ में आया तो जिलास्तरीय जांच दल की रिपोर्ट के आधार पर बुधवार को आठों सहायक वार्डन की नियुक्ति निरस्त कर दी गईं। इस बीच इन आठों सहायक वार्डन को कुल एक करोड़ रु. से ज्यादा वेतन दिया जा चुका है।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत जिला परियोजना समन्वयक(डीपीसी) के अधीन आने वाले कस्तूरबा छात्रावासों में 16 सहायक वार्डन की नियुक्तियां की गईं थीं। यह नियुक्तियां जिलास्तरीय समिति से बिना अनुमोदन और बिना विज्ञप्ति जारी किए गुपचुप तरीके से कर दी गईं। इन नियुक्तियों को लेकर संबंधित महिला सहायक वार्डन को नोटिस जारी हुए।
नोटिस को लेकर सहायक वार्डन ने आपत्ति लगाई कि इतने साल सेवाएं लेने के बाद अब उन्हें क्यों हटाया जा रहा है। करीब 6 महीने जांच के बाद जिलास्तरीय जांच दल गठित किया गया। इसकी जांच रिपोर्ट के बाद कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने बुधवार को आदेश जारी कर आठों सहायक वार्डन को पद से पृथक करने की कार्रवाई कर दी।