शिवपुरी। खबर जिले के सुरवाया थाना क्षेत्र के गढ़ी बरोद गांव से आ रही है। जहां बीते रोज बकाया राशि जमा नहीं कराने पर लाइट काटने गए बिजली विभाग की पूरी टीम को ग्रामीणों ने घेर लिया। इस मामले की सूचना बिजली विभाग के अधिकारियों ने सुरवाया थाना पुलिस को दी। परंतु ज्योतिरादित्य सिंधिया के काफिले में वीआईपी ड्यूटी होने के चलते लगभग दो घंटे तक टीम को ग्रामीणों ने बंधक बनाकर रखा। जब पुलिस वहां पहुंची तब ग्रामीणों की टीम ने जबरन टीम पर नया ट्रांसफार्मर रखबाने की लिखित में लेकर टीम को छोड़ा।
इस मामले की सूचना पर बिजली विभाग के अधिकारी थाने पहुंचे। जहां इस मामले की शिकायत की। परंतु पीछे से ग्रामीण भी इस मामले में थाने जा पहुंचे और विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों पर क्रॉस मुकदमा दर्ज कराने की कहने लगे। जिस पर विभाग के अधिकारी वहां से आ गए। अब विभाग इस मामले में हड़ताल पर जाने की तैयारी में है।
बिजली विभाग के ग्रामीण क्षेत्र के जेई आलोक सैन ने बताया है कि ग्राम गढी बरौद में पांच कनेक्शन धारियों पर लगभग 3 लाख की राशि बकाया है। जिसके चलते वह पैसे जमा करने के लिए वहां पहुंचे। जहां ग्रामीणों ने बिल जमा करने से इंकार कर दिया। जिस पर बिजली विभाग की टीम ने कनेक्शन काट दिया। कनेक्शन काटते ही पूरे गांव के लोग एकत्रित हो गए और टीम को घेरकर कनेक्शन तत्काल जोड़ने की मांग करने लगे। जिस पर टीम के लोगों ने कहा कि वह बकाया राशि जमा करा दे तो वह हंगामा करते हुए गाड़ी के सामने लेट गए।
बताया गया है उसके बाद पूरे गांव के लोगों को बुला लिया और वहां जमकर हंगामा करते हुए विभाग की गाडी को रोककर उसके आगे कोटरी रख दी। एई आलोक सेन भाग कर अपनी गाडी में बैठे तो ग्रामीणों ने गाडी के कांच तोड़ने की कोशिश की। इसके साथ ही ग्रामीण लगातार सप्लाई चालू करने की कहकर हंगामा करते रहे और विभाग के अधिकारियों को बंधक बना लिया। इस मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
इस मामले की सूचना तत्काल थाना प्रभारी रामेन्द्र सिंह चौहान को दी। उन्होंने बल नहीं होने के चलते एक एसआई और एक आरक्षक को मौके पर भेजा। जहां पुलिस के पहुंचने पर ग्रामीणों ने जबरन अधिकारियों पर लिखित में बिना पैसे की जमा किए लाईट चालू कराने की बात लिखवाई उसके बाद ग्रामीणों ने इन्हें छोडा। इस मामले की शिकायत जेई आलोक सेन ने आवेदन के माध्यम से पुलिस थाने में की। जहां पीछे से तत्काल ग्रामीण वहां पहुंचे और वह भी झूठा आरोप लगाते हुए एफआईआर की बात कहने लगे। जिस पर पुलिस ने दोनों पक्षों की जांच के बाद कार्यवाही की बात कही।
इनका कहना है
हम बिजली विभाग की पूरी टीम वहां पहुंची थी। परंतु वहां हमारे साथ पूरे ग्रामीणों ने जबरदस्ती की। अगर पुलिस नहीं पहुंचती तो शायद हम बचकर बापिस नहीं आ पाते। फिर भी हम इस तरह के आरोप लग रहे है तो हम तो काम ही नहीं कर पाएंगे। अब हम अपने अधिकारियों से बात करेंगे और आगे की रूपरेखा तैयार करेंगे।
आलोक सैन,एई एमपीईबी