पुलिस के लिए गले की हड्डी युवक की मौत, कोरोना से मौत या फिर मारपीट से हत्या, कौन सा करें मामला दर्ज - Shivpuri News

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शिवपुरी।
बीते 7 दिन पहले एक युवक की मौत का मामला अब पुलिस के लिए गले की हड्डी बन गया है। बीते दिनों युवक के साथ कुछ लोगों ने जमकर मारपीट कर दी थी। जिसके चलते युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके बाद युवक का जब कोरोना टेस्ट कराया तो युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिसके चलते अब पुलिस के लिए सिरदर्द यह खडा हो गया कि आखिर युवक की मौत कोरोना से हुई है या फिर मारपीट से। इसे लेकर अब असमंजस की स्थिति निर्मित हो गई है।

जानकारी के अनुसार बीते 7 दिन पहले युवक संतोष पुत्र हेतराम शिवहरे निवासी कमलागंज शिवपुरी को खूबत बाबा मंदिर पर कुछ लोगों ने प्रसाद के रूप में शराब न देने पर जमकर पीटा था। अब उक्त युवक की ग्वालियर में उपचार के दौरान मौत हो गई। युवक की मौत से चार दिन पहले युवक की कोरोना की जांच कराई थी। जिसमें उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जिसके चलते संभावना यह भी बन सकती है कि युवक की मौत कोरोना से हुई हो।

परंतु निश्चात्मक रूप से इस तथ्य को कैसे प्राथमिकता दी जा सकती है। सतनवाड़ा टीआई अरविंद छारी ने बताया है कि अब पीएम रिपोर्ट का इंतजार है और इसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा कि इस मामले में क्या कायमी की जाए। उन्हें यह नहीं पता कि मृतक को ग्वालियर कोरोना संक्रमण बिगड़ने के कारण रेफर किया गया था या चोट गंभीर होने के कारण उसे ग्वालियर रेफर किया गया था।

यहां बता दे कि 23 जनवरी को जब मृतक युवक संतोष शिवहरे खूबत घाटी मंदिर पर पूजा करने के लिए पहुंचा, तो वहां रजक समाज के कुछ लोगों ने उससे मंदिर पर प्रसाद के रूप में चढ़ाने वाली शराब मांगी। लेकिन मृतक ने शराब चढ़ाने से इंकार कर दिया। इसी बात पर बताया जाता है कि लगभग डेढ़ दर्जन लोगों ने उसकी बुरी तरह से मारपीट कर दी। पिटने के बाद संतोष घर चला आया।

लेकिन जब उसकी तबीयत ज्यादा खराब हुई तो 24 जनवरी को वह अस्पताल में भर्ती हो गया। अस्पताल में 25 जनवरी को उसका कोरोना टेस्ट कराया गया और जांच में 26 जनवरी संतोष कोरोना पॉजिटिव पाया गया। 28 जनवरी को संतोष को ग्वालियर रैफर कर दिया गया और 30 जनवरी को उसकी मौत हो गई।

मृतक कोरोना पॉजिटिव था तो उसकी लाश क्यों दी गई

इस मामले में सबसे अहम पहलू यह है कि यदि मृतक कोरोना पॉजिटिव था तो उसकी लाश अंतिम संस्कार के लिए उसके परिजनों को क्यों सौंपी गई। कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति की मृत्यु पर शासन स्तर पर ही अंतिम संस्कार किया जाता है। इससे जाहिर होता है कि मृतक की मौत का कारण कोरोना संक्रमण न होकर उसकी चोटें हो सकती हैं। शायद इसीलिए डॉक्टरों ने मृतक की लाश उसके परिजनों को सौंप दी हो।

मृतक के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए जाम लगाने की कोशिश की

मृतक की लाश को उसके परिजन एम्बुलेंस से शिवपुरी लाए और बताया जाता है कि उन्होंने जाम लगाने की कोशिश की। इस पर एसडीओपी अजय भार्गव सहित पुलिस बल ने एम्बुलेंस रूकवाकर परिजनों को समझाया और उनसे कहा कि पीएम रिपोर्ट के बाद मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। इस पर मृतक के परिजन सहमत हुए और संतोष का अंतिम संस्कार कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए किया गया।

इनका कहना है-
23 जनवरी को ठाकुरबाबा मंदिर पर कतिपय लोगों द्वारा की गई पिटाई में संतोष घायल हुआ था और चोटें गंभीर होने के कारण उसे ग्वालियर रेफर किया गया था। जांच में मृतक कोरोना पॉजिटिव भी निकला था। पीएम रिपोर्ट के बाद यह स्पष्ट होगा कि मृतक की मौत चोटों के कारण हुई है अथवा कोरोना संक्रमण के कारण उसकी जान गई है। इस मामले में पुलिस को अब पीएम रिपोर्ट का इंतजार है। पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी।
अजय भार्गव, एसडीओपी शिवपुरी
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