सूखा राहत घोटाले में हुई पहली FIR: किसानो के खाते की जगह अपने रिश्तेदार के खाते में डाल दिया 30 लाख- kolaras News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। पिछोर पुलिस ने तहसील में पदस्थ बाबू अजीतराम कुसुमी के खिलाफ हितग्राहियों की सूखा राहत की 30 लाख रुपये की राशि धोखाधड़ी से हड़पने के मामले में भादवि की धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। उक्त कायमी तहसीलदार नरेशचंद्र गुप्ता की रिपोर्ट पर की गई है। आरोप है कि बाबू अजीतराम ने हितग्राहियों की राशि उनके खाते में जमा न कर अपने परिचितों के खाते में जमा कर हड़प ली।

यह गड़बड़ी महालेखाकार के ऑडिट के दौरान पकड़ी गई थी। उक्त राशि हितग्राहियों को 2017-18 में वितरित की जानी थी। शासन स्तर तक यह जानकारी पहुंचने के बाद कलेक्टर ने जांच टीम का गठन किया जिसकी रिपोर्ट के बाद कलेक्टर ने मामले में एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए।

जानकारी के अनुसार वर्ष 2017-18 में लगभग 30 लाख रुपये सूखा राहत राशि के रूप में पिछोर तहसील को प्राप्त हुई थी। जिसे सूखा पीड़ित किसानों को वितरित किया जाना था। लेकिन तत्कालीन बाबू अजीत राम कुसुमी ने वह राशि किसानों के खातों में न डालते हुए अपने परिचितों के खाते में डालकर गबन कर लिया। उस समय महा लेखाकार ने ऑडिट की तो यह गड़बड़ी सामने आई। जिस पर महा लेखाकार ने शासन को पत्र लिखकर गड़बड़ी की जानकारी दी। कलेक्टर ने एसडीएम के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया और उस टीम द्वारा मामले की जांच की गई।

कोलारस में भी जल्द दर्ज होगी एफआइआर

सूखा राहत राशि का सबसे बड़ा घोटाला कोलारस और बदरवास में किया गया है। यहां पर भी सरकारी कर्मचारियों ने ही गबन किया था। इसकी जांच भी पूरी हो चुकी है और एसडीएम के निर्देश पर जल्द ही तहसीलदार एफआइआर दर्ज कराएंगे। कोलारस और बदरवास में किसानों के 82.76 लाख रुपये कर्मचारियों ने हड़प लिए थे। कार्रवाई अभी प्राथमिक जांच के आधार पर की जा रही है। पुलिस की कार्रवाई में और भी नाम बढ़ने की संभावना है।
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