कुछ पल ही टिक सका अहंकारी रावण, रावण भी मास्क लगाकर धूं धू कर जल गया, सिद्धेश्वर पर रंगारंग आतिशवाजी - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। कल विजयादशमी का पर्व था। असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक अंहकारी रावण का अहंकार कुछ देर टिक सका। कल पूरे जिले में विजय दशमी का पर्व बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया गया। दिनभर जहां शस्त्र पूजा हुई। वहीं रात्रि में रावण दहन के कार्यक्रम आयोजित हुए। पिछले वर्ष कोरोना के चलते सांकेतिक रूप से दशहरा पर्व मनाया गया था।

लेकिन इस बार कोरोना से कुछ हद तक राहत मिलने पर दशहरा पर्व में उत्साह देखने को मिला। कोरोना पर मास्क लगाने और नियमों का पालन करने का संदेश देते हुए श्री शिवगोपाल परमार्थ समिति द्वारा न्यू ब्लॉक में रावण को मास्क पहनाया और लोगों से मास्क पहनने की अपील की। जहां 20 फिट ऊंचे रावण का दहन किया गया। रावण का दहन समिति के अध्यक्ष डॉ. रामकुमार शिवहरे ने अग्रि बाण छोड़कर किया।

वहीं सिद्धेश्वर और कालीमाता मंदिर प्रांगण में 22-22 फुट के रावण के पुतले स्थापित किए गए। सबसे पहले रात्रि 8 बजे सिद्धेश्वर प्रांगण में रावण का पुतला दहन हुआ। उसके बाद काली माता मंदिर पर रावण के पुतले को आग लगाई गई। अंत में न्यू ब्लॉक हंस बिल्डिंग पर स्थापित कोरोना रूपी रावण का दहन किया गया। देखते ही देखते तीनों स्थानों पर रावण के पुतले आग की चिंगारी लगते ही धूं-धूं कर जल उठे। रावण दहन से पूर्व तीनों स्थानों पर रंगारंग आतिशबाजी का कार्यक्रम भी हुआ।

भगवान सहस्त्रबाहू अर्जुन चौराहा हंस बिल्डिंग न्यू ब्लॉक का रावण काफी चर्चित रहा। क्योंकि श्री शिवगोपाल शिवहरे परमार्थ समिति ने रावण को मास्क लगाकर यह संदेश दिया कि इस वैश्विक महामारी मेें मास्क ही हमारे जीवन की रक्षा कर सकता है। समिति ने कोरोना रूपी रावण के पुतले का दहन किया गया। जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। इस दौरान समिति के सदस्यों ने भी मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर कोरोना को भगाने का संदेश प्रसारित किया।

रावण दहन से पूर्व समिति के अध्यक्ष डॉ. रामकुमार शिवहरे ने पूजा की और दहन स्थल पर समिति के सदस्यों और आमंत्रित अतिथियों का माला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान उनके अनुज रविंद्र शिवहरे और संतोष शिवहरे भी मौजूद थे। रावण दहन के पश्चात प्रसाद वितरण हुआ और हंस बिल्डिंग पर समिति के सदस्यों ने दशहरा मिलन कार्यक्रम आयोजित किया और एक-दूसरे का मुंह मीठा कराकर और गले लगकर दशहरे की बधाई दी।

इस दौरान समिति के अध्यक्ष डॉ. रामकुमार शिवहरे ने पुलिस और प्रशासन की चुस्त दुरूस्त व्यवस्था पर उनका आभार व्यक्त किया और कहा कि कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह, एसपी राजेश सिंह चंदेल ने त्यौहारों के मद्देनजर और कोरोना जैसी भीषण महामारी के चलते जो व्यवस्था की। उसके लिए वह धन्यवाद के पात्र हैं। उनके साथ एसडीएम गणेश जयसवाल, तहसीलदार भूपेंद्र सिंह कुशवाह, एसडीओपी अजय भार्गव, सीएमओ शैलेंद्र अवस्थी, स्वास्थ्य अधिकारी गोविंद भार्गव, कोतवाली टीआई सुनील खैमरिया, फिजीकल टीआई कृपाल सिंह राठौर और देहात थाना टीआई विकास यादव भी प्रशंसा के पात्र हैं। जो पूरे दिन शहर में भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेते रहे और बिना किसी परेशानी के त्यौहार शांति और सौहार्द के साथ पूर्ण हुए।

रावण दहन कार्यक्रम में समिति के कृष्णदेव गुप्ता, मुन्नालाल गोयल, हेमंत फडनीश, डॉ. शैलेंद्र गुप्ता, राजू गर्ग, एड. अरूण शर्मा, तरूण शिवहरे, कुशल शिवहरे, मंगल शिवहरे, चंदन शिवहरे, मोहित शिवहरे, पत्रकार अशोक कोचेटा, रोहित मिश्रा, विजय शर्मा बिंदास, वीरेंद्र चौधरी, सुरेश कुशवाह, धर्मेेंद्र बाथम, रिंकू सैन, कैलाश शिवहरे भूंसा वाले, सुरेंद्र गुप्ता पप्पू टाल वाले, लालजी शिवहरे, गोविंद सिंह सेंगर, राजेश ठाकुर, अजय शर्मा, नूरमोहम्मद काजी, दशरथ शिवहरे, योगेश अग्रवाल छोटू, मनीष सोनी, रामेश्वर राठौर, वीरेंद्र श्रीवास्तव बडे बाबू, मनोज आरोरा टिन्नी सहित बड़ी संख्या में समिति के सदस्य मौजूद रहे।

सिद्धेश्वर और काली माता मंदिर पर हुआ रावण का दहन

सिद्धेश्वर मेला प्रांगण में रावण दहन से पूर्व रंगारंग आतिशबाजी की गई। इसके पश्चात राम-रावण के बीच युद्ध हुआ। प्रांगण में ही हनुमान जी ने रावण का मान भंग किया और अंत में श्रीराम के एक बाण से रावण का संहार हुआ। राम का रूप धारण किए कलाकार ने अग्रि बाण प्रज्जवलित कर धनुष पर बाण का संधान किया और रावण के पुतले पर छोड़ दिया।

जैसे ही अग्रि की चिंगारी रावण के पुतले तक पहुंची। वैसे ही रावण धधक-धधककर जल उठा। रावण के जलने के साथ ही वहां मौजूद लोग वापस अपने घरों के लिए रवाना हो गए। इसके बाद काली माता मंदिर पर रावण दहन का कार्यक्रम शुरू हुआ और वहां भी राम-रावण के युद्ध का मंचन किया गया। अंत में राम के तीखे बाण ने रावण का मानमर्दन किया।
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