शिवपुरी। फोरलेन अर्थात 80 से 100 की स्पीड,गाडी की चाल एक दम स्मूथ,यही प्लान था फोरलेन बनाने के पीछे। टोल भी इन्ही सुविधाओ के लिए लिया जाता हैं कि आपकी गाडी रोड पर स्मूथ चले एक भी गढडा न मिले और गाडी की स्पीड कम न हो आपका समय बचे। लेकिन शिवुपरी से गुना की ओर जाने वाली फोरलेन पर ऐसी सुविधाए नही हैं।
फोरलेन सडक पर गढडे हैं पुल पुलियो में दरारे हे,टूटती सडक के कारण आपकी गाडी की स्पीड भी टूटती हैं,कुल मिलाकर टोलटैक्स पूरा,सुविधा नही कुछ ऐसी ही कहानी हैं। शिवपुरी से गुना की ओर जाने वाली फोरलेन सडक की।
रोड बनाने की रफ्तार के कारण,गाडी नही पकडती रफ्तार
नेशनल हाइवे 46,शिवपुरी से गुना सेक्शन का निर्माण करने वाली कंपनी ने वर्ष 2018 में इस फोरलेन सडक प्रोजेक्ट की रफ्तार इतनी थी कि रोड का निर्माण करने के निर्धारित अवधि के पहले ही पूरा कर लिया था।
विकास के लिए यह रफ्तार जरूरी थी,लेकिन इस रफ्तार में लापरवाही बरती गई,सडक बनाने की रफ्तार के कारण फोरलेन के स्वास्थय का ख्याल नही रहा। इस कारण केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने 23 जुलाई 2018 को एनएचएआइ की तरफ से निर्माण एजेंसी को पत्र भी जारी किया जा चुका है, जबकि यह फोरलेन सड़क हर वर्ष बारिश में धंसक जाती है। फोरलेन सडक प्रोजेक्ट जल्दी पूरा कर उपलब्धि हासिल करने की चाह में सड़क की गुणवत्ता का ख्याल नहीं रखा गया।
इसका खामियाजा आज सड़क पर दौड़ रहे वाहन चालकों को उठाना पड़ रहा है। वहीं सड़क धंसकने सहित अन्य खामियों की वजह से अभी तक कई हादसे सामने आ चुके हैं। यही नहीं दुर्घटनाओं की संभावना अभी भी बनी हुई है जिससे वाहन चालक और मुसाफिरों को भी जान का खतरा बना हुआ है। सड़क की हालत समय रहते नहीं सुधारने के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की मॉनिटरिंग पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
कोलारस, सेसई, पडोरा, कोलारस बाइपास, देहरदा, लुकवासा और बदरवास में पुल-पुलियाओं में दरारें आई हैं। फोरलेन धंसकने से कई जगह सड़क भी उखड चुकी है। एनएचएआइ की तरफ से अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है।
इन स्थानों पर फोरलेन सड़क की हालत खराब
सेसई हाइवे पर पुल धंसका है जिससे उसमें दरार आ गई हैं और गहरे-गहरे गड्ढे हो गए हैं। यहां से वाहन स्पीड में गुजरते ही अनियंत्रित हो जाते हैं। पडोरा हाइवे पर ब्रिज के नीचे और पास में जाट होटल व गांधी पेट्रोलपंप के सामने भी गहरे-गहरे गडढे हो गए हैं। कोलारस फोरलेन बाइपास पर गुंजारी नदी पर पुल धंसक गया है। इसके अलावा बाइपास वाले एरिया में स्थित छोटी-छोटी पुलियाओं पर गहरे-गहरे गडढे निर्मित हो चुके हैं। यहीं आसपास दो-तीन स्थानों पर रोड धंसकी है। मेंटेनेंस का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
अभी तक यह हादसे घटित हो चुके हैं
सेसई गांव के पास पुलिया धंसकी है। विगत दो वर्ष पूर्व आनंदपुर ट्रस्ट से गुरुपुर्णिमा पर्व मनाकर लौट रहे संत व शिष्यों की कार अनियंत्रित होकर पलट गई थी। हादसे में संत व शिष्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे। एक वर्ष पूर्व कोलारस बाइपास गड्ढों में कार अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराकर पलट गई। हादसे में चालक बाल-बाल बचा। इसी तरह बाइपास पर सड़क किनारे खडे ट्रक से एक कार टकरा गई, इसमें दो लोग घायल हो गए।
कोलारस बाइपास के ब्रिज पर लाइटें लगी हुई हैं पर उन्हें चालू नहीं किया गया। इसके अलावा कोलारस नगर में प्रवेश वाले दोनों बाइपास स्थानों कि लाइटें अथवा रेडियम सांकेतक नहीं हैं। पहले से दुर्घटनाग्रस्त ट्रक में कार टकरा गईं, जिसमें एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। पडोरा गांधी पेट्रोलपंप के सामने विगत तीन माह पूर्व एक कार सडक के गडढों में अनियंत्रित होकर पलट गई। वहीं गांधी पेट्रोलपंप के पास में श्रोतिय ढाबे के सामने भी एक सफारी गाड़ी गड्ढे में अनियंत्रित होकर वहां खडे ट्रक में जा घुसी। बताना गौरतलब होगा कि कोलारस बाइपास फोरलेन आज भी अंधेरे में डूबा रहता है।