मोहम्मद फरहान काजी रन्नौद। जिले के मायापुर थाने अंतर्गत आने वाले गांव बुधोन राजापुर में कई मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे हैं। इन सभी मेडिकलो स्टोरो पर रिटेल मेडिकल लाईसेंस नही हैं। यह स्टोर संचालक अंगूठा छाप हैं और यह सभी मरीजो को बिना डॉक्टरो के दवा दे रहे हैं इतना ही नही अगर आप इन मेडिकल स्टोरो पर बिना डॉक्टर के सीधे अपका मर्ज पूछकर दवा देने की सुविधा भी है।
स्टोर संचालक ने कहा नही हैं लाइसेंस
राजापुर गांव में अनेक डॉक्टर बिना डिग्री धारी व लाइसेंस धारी मेडिकल स्टोर के बीच मे एक बिना लाइसेंस के श्री गणेश मेडिकल स्टोर पिछले एक माह से संचालित किया जा रहा है जबकि यह बात खुद मेडिकल के कमर्चारी व जो अपने आप को मेडकिल का संचालन करता है उक्त युवक ने कहा कि हमने दुकान तो कइ दिन पहले खोल है जबकि हमारे लाइसेंस समन्धित कागजात नही आये है 5 से 10 दिन में आ जायेगा लाइसेंस इस बात पर गौर करने वाली बात है।।
मरीजों की जान को खतरा
अयोग्य व्यक्तियों को मेडिकल दुकान संभालने की जिम्मेदारी दे दी गई है, जिसे दवाइयों की जानकारी तक नहीं रहती है। इन मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। गैर डिप्लोमा, डिग्रीधारी द्वारा मेडिकलों का संचालन किए जाने से मरीजों की जान को खतरा रहता है। दवाइयों की सही जानकारी नहीं होने से मरीजों को गलत दवाइयां दी जा सकती है। ऐसे में मरीजों की जान पर बन जाती है, लेकिन कार्रवाई के अभाव में यह गोरखधंधा खूब फल-फूल रहा है देख कर भी अनदेखा कर रहे जिम्मेदार।
नहीं है डोज की जानकारी
दवाओं के अनाधिकृत कारोबारियों को एलोपैथी दवाओं के डोज की किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं है, लेकिन यह किसी मेडिकल प्रेक्टिशनर की भांति मनमर्जी से डोज बताते हुए लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं। इससे लोगों को इन दवाओं के मनमाने डोज से तात्कालिक लाभ तो मिल रहा है पर साइड इफेक्ट के घेरे में आ रहे हैं।
किाराने और जनरल स्टोर पर मिल रही हैं दंवाए
मेडिकल स्टोर संचालित करने के लिए ड्रग लाईसेंस लेना आवश्यक हैं,ओर ड्रग लाईसेंस उसी व्यक्ति को मिल सकता हैं जिस पर डी फर्मा की डिप्लोमा होता हैं,लेकिन इस क्षेत्र में ऐसा नही हैं अंगूठा छापो ने मेडिकल स्टोर खोल रखी है। रन्नौद , राजापुर , अकाझिरी , मायापुर, आदि गांव में दवा बिक्री के कारोबार में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं।
दवाओं को जनरल स्टोर और किराना की दुकानों तक में खुलेआम बेचा जा रहा है। एक लाइसेंस पर अन्य दुकानें भी चल रही और बिना फार्मानिस्ट के ही दवा विक्रय करने पर कोई रोक नहीं लग पा रही है। इससे जनजीवन के साथ भी खिलबाड़ हो रहा है। यह हालात शासन व प्रशासन महकमे की ढील के कारण बने हैं। अनाधिकृत रूप से चल रहे मेडिकल स्टोर्स की बरसों से नियमित जांच नहीं की जा रही है, अगर कभी की जाती है तो वह शहरी क्षेत्रों तक सिमट कर रह जाती है।
खदान क्षेत्र मजदूर अज्ञानता के कारण ले रहे हैं दवा
यह पूरा क्षेत्र खदान क्षेत्र हैं पत्थर का कारोबार यहां होता हैं। इस क्षेत्र में मजदूरो की संख्या अधिक हैं ऐसे मजदूर भी यहां निवास करते हैं जो बहार से आए हैं। यह सभी मजदूर डॉक्टर की फीस बचाने के चक्कर में सीधे मेडिकल स्टोर पर दवा लेने चले जाते हैं,दवा तत्कला काम तो करती हैं,लेकिन बाद में साईड इफैक्ट का खतरा बन जाता है।
उदाहरण के लिए आपको बुखार आया और आप मेडिकल स्टोर पर पहुंच गए और एक पैरासीटामोल की एक या खुराक आपने ले ली, बुखार तो तत्काल उतर जाऐगा। फिर आपको बुखार आता हैं आपने ऐसे ही बिना डॉक्टर को बताए बिना जांच के फिर दवा ले ली। इसके बाद आपकी तबीयत अधिक खराब हो जाती हैं फिर आप डॉक्टर के पास जाते हैं। उसके बाद आपकी जांच होती हैं तो पता चलता है कि आपको जानलेवा,डेंगू मलेरिया या टाइफाइड जैसा कुछ निकला है जो अब जानलेवा हो गया।
