अब मेहमान के आने पर उसका स्वागत शराब की जगह दूध के ग्लास के करेगा सहरिया क्रांति, युवाओं ने लिया संकल्प

Bhopal Samachar
शिवपुरी। आजादी के बाद से आज तक तमाम समस्याओं से जूझ रहे सहरिया आदिवासी समुदाय में उम्मीद की किरण लेकर सहरिया क्रांति के सेवाभावी लोग पहुंच रहे हैं। सहरिया क्रांति द्वारा गांवों में जनजाग्रति अभियान चलाकर शोषण ,दमन और अत्याचार के विरुद्ध आवाज बुलंद की जा रही है। सहरिया क्रांति गाँव के गरीब लोगों के हक और अधिकार दिलाने संकल्पित है।

आज इसी क्रम में पिछोर विकासखंड के ग्राम वीरा में सहरिया क्रांति महा पंचायत का आयोजन किया गया जिसमे आसपास के गांवों के ग्रामीणों ने भाग लेकर व्यसन मुक्ति के संकल्प लिए तथा समाज में शिक्षा की अलख जगाने मुहीम स्तर पर कार्य करने की बात दोहराई । इस महा पंचायत में सहरिया क्रांति के वरिष्ठ जन विशिष्ठ अथिति थे .पंचायत के अंत में 11 संकल्प लिए गये। महा पंचायत का आरम्भ सहरिया बहनों ने मंगलगीतों से किया .उसके बाद उपस्थित जनों का पुष्पहारों से स्वागत किया गया।

सहरिया क्रांति महा पंचायत में सहरिया क्रांति के राष्ट्रीय संयोजक संजय बेचैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि आजादी के बाद से आज तक सहरिया आदिवासी समुदाय अत्यधिक गरीबी के दौर से गुजर रहा है। कोई भी सरकार सहरिया का उत्थान हकीकत में नहीं कर पाई है। केवल कागजों में ही गरीबों का कल्याण होता रहा है , इस विषम स्थिति को बदलने के लिए सहरिया क्रांति का उदय हुआ है और अब सरकारों को सहरिया हितों पर ध्यान देने को विवश होना पड़ा है।

उन्होंने कहा कि समाज के गरीब व् मेहनती लोगों को दबंग और कथित साहूकारों ने शराब के व्यसन की आदत लगाकर उनकी जिंदगी पर कब्जा सा जमा लिया है। युवाओं को शराब व् अन्य सभी तरह के नशीले पदार्थों से दूरी बनाना होगी तभी जीवन संवर सकेगा। गाँव के गरीबों के राशनकार्ड गिरवी रखे हों तो उन्हें तत्काल वापस लें क्यूंकि अधिकांश गांवों में एक रूपये किलो वाला राशन तो दबंग खा रहे हैं। वहीं स्वयं 30 रूपये किलो का आटा बजार से खरीद रहे हैं। राशनकार्ड मुक्ति के लिए बड़े पैमाने पर सहरिया क्रांति ने आन्दोलन चलाया हुआ है।

महापंचायत में अपने विचार रखते हुए ऊधम आदिवासी ने कहा कि हमारा समाज भाई अत्यधिक सीधा सच्चा है जिसका फायदा कुछ गन्दी मानसिकता के लोग उठाते हैं लगभग हर गाँव में आदिवासियों की जमीनों पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है , अपनी ही जमीन पर वे बंधुआ बनकर काम करने को विवश हैं अब सभी एकजुट होकर अपने हक की जमीन वापस लेने तैयार रहो , सहरिया क्रांति शासन से इस हेतु बातचीत कर रही है व् जमीन वापस दिलाकर ही चैन लेंगे।

सहरिया क्रांति अध्यक्ष अजय आदिवासी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि सभी अपने बच्चों को विद्यालय अवश्य भेजें क्यूंकि शिक्षा से ही किसी समाज का उत्थान सम्भव है। सहरिया क्रांति महा पंचायत में दूरदराज से आये क्रांति सदस्यों ने भी अपने विचार रखे व् सभी ने एक मन से कहा कि सहरिया क्रांति के माध्यम से समाज को आगे ले जायेंगे व कुरीतियों को खत्म करेंगे।
G-W2F7VGPV5M