रूद्र जैन/शिवपुरी। शिवपुरी के एक सरकारी विभाग में कुर्सी रेकॉर्ड बनने को अग्रसर हैं। मीडिया प्रकाशित करती हैं कि साहब को अपनी कुर्सी का बडा ही मोह हैं छोड नही पा रहे हैं। लगातार 12 वर्षो से अपनी कुर्सी पर चिपके हैंं,परन्तु अपने राम का कहना है कि साहब को अपनी कुर्सी का मोह नही हैं बल्कि अपनी से आधी उम्र की अपनी प्रेयसी का मोह हैं इसलिए शिवपुरी को नही छोड रहे हैं।
इस बुढापे की लवस्टोरी में 2 कहावते सिद्ध हो रही हैं कि इश्क मुश्क छुपाए नही छुपते,दूसरी कौन कहता हैं कि बुढापे में इश्क नही होता है,यहॉ दोनो कहाबते सिद्ध हो रही है कि साहब का नैन मटके से बैडरूम तक की कहानी साहब के पीेठ पीेछे आफिस में चर्चा का विषय रहती हैं।
दूसरा बुढापे में इश्क नही होता हैं। अब इससे बडा इश्क का उदाहरण बुढापे में इश्क का नही हो सकता कि साहब 59 के आसपास के है साहब के रिटायरमेंट के दिन कम बचे हैं,वह शिवपुरी से जाना ही नही चाहते 12 साल से कुर्सी से चिपके हैं,क्यो की उनकी आधी से उम्र लगभग 32 साल की प्रेयसी साथ मे आफिस मे काम करती है।
साहब को लगातार इस कुर्सी पर चिपकने के लिए कहां कहां हाथ पेर नही जोडने पडते होंगें,यह तो आप ही समझ रहे होगें। हां एकाध बार साहब का ट्रांसफर हुआ लेकिन वह अपनी प्रेमिका से दूर नही रह पाए उनका मन तो शिवपुरी में चिपका था। कैसे भी जुगाड़ करके फिर से चिपकने वह शिवपुरी वापस आ गए।
आफिस मे अधीनस्थ कर्मचारी साहब की प्रेयसी की साडी को देखकर ही फाइल साहब की टेबिल पर ले जाते है। आफिस में बताया जाता है कि साहब की प्रेयसी की साडी का कलर के हिसाब से साहब का मूड भाप लिया जाता है। जैसे बादलो ओर हवाओ का रूख देखकर बारिश का हिसाब लगाया जाता हैं। ऐसे ही साहब की प्रेयसी की साडी को देखकर ही साहब का मूड भाप लिया जाता हैं।