शिवपुरी। कोरोना को हराना हैं तो टीके के दोनो डोज समय पर लगवाने होगें। जब फस्ट डोज के मामले में शिवपुरी ने अपनी प्रदेश स्तर तक छाप छोड़ी थी,लेकिन सेकंड डोज पर आमजन की लापरवाही सामने आ रही हैं। जिले में 1.53 लाख लोग ऐसे है जिनका अभी तक सेकंड डोज लगना चाहिए था,लेकिन इस जागरूकता पर लापरवाही सामने आ रही हैं,ओर यह सभी लोग अभी तक टीका लगवाने केन्द्र पर नही पहुंचे हैं। ऐसे में 1.53 लाख डोज खराब होने की स्थिती में पहुंच गए है। आमजन से अपील है कि जिनला पहला टीका लग चुका हैं वह दूसरा टीका समय पर लगवाए।
तीन दिन पहले जिले में कोरोना के तीन मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना संक्रमित निकलने वाले बच्चे हैं जिससे चिंता और बढ़ गई है। तीसरी लहर में आशंका भी इन्हीं के संक्रमित होने की जताई जा रही है। ऐसे में यदि वयस्कों को वैक्सीन नहीं लगी होगी तो वे संक्रमण के वाहक बन सकते हैं और बच्चों की जिंदगी खतरे में पड़ सकती है। दूसरी लहर में पूरे प्रदेश में सबसे बुरी स्थिति में रहने के बाद भी यह लापरवाही आने वाले दिनों में बड़ा खतरा बन सकती है।
दूसरी ओर अब प्रशासन भी टीकाकरण को लेकर ढ़ीला पड़ रहा है। महाअभियान में जो जोश और उत्साह पहले डोज को लेकर दिखाया था वह अब सेकंड डोज के लिए नजर नहीं आ रहा है। पहले डोज का लक्ष्य पूरा करने के लिए प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने कोई कसर नहीं छोड़ी। जैसे ही महाअभियान में लक्ष्य हासिल करने की सफलता मिली तो फिर मानों कोरोना इनके लिए पुराना मुद्दा हो गया।
सेकंड डोज लगवाने वालों के लिए कंट्रोल रूम बनाने से लेकर घर-घर सर्वे का दावा किया, लेकिन हकीकत तो यही है कि 1.53 लाख लोग बिना सेकंड डोज लगवाए अपनी कोरोना से लड़ने की इम्युनिटी खोने की कगार पर खड़े हैं। अब न ही कोई सामाजिक संस्था और न ही कोई जनप्रतिनिधि टीकाकरण के लिए प्रेरित करने आगे आ रहा है।
दो राज्यों की बॉर्डर होने से खतरा अधिक
शिवपुरी की सीमा उत्तरप्रदेश और राजस्थान से लगी हुइ है जिसके चलते यहां संक्रमण का खतरा अधिक है। नेशनल हाइवे पर हर दिन लाखों लोग सफर करते हैं जो दूसरे प्रदेशों से आते हैं। ऐसे में कौन संक्रमण को बांट कर चला जाए कोई नहीं कह सकता। दूसरी लहर में भी शहर में संक्रमण की शुरुआत इंदौर, भोपाल सहित महाराष्ट्र से लौटकर आए लोगों के कारण हुई थी। जिसके बाद सैकड़ों लोगों की मौत यहां हुई। तीन दिन पहले जो संक्रमित मिले हैं वह भी उत्तरप्रदेश बॉर्डर के पास मिले हैं जिससे आशंका है कि संक्रमण उसी रास्ते आया हो। इनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री भी नहीं थी।
समय पर नहीं लिया सेकंड डोज तो पहले का असर हो जाएगा कम
लोगों को यह लग रहा है कि पहला डोज लगवाने के बाद वे सुरक्षित हो गए हैं और अब संक्रमण भी नहीं बचा है। यही गलतफहमी फिर से शहर को कोरोना की चपेट में ला सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार पहला डोज लगवाने के बाद पूरी इम्युनिटी विकसित नहीं होती है। दूसरा डोज लगने के बाद ही पूरी तरह से शरीर में एंटीबॉडी बनती हैं। यदि पहले पॉजिटिव हो गए हैं तो भी नियत समय के बाद टीकाकरण जरूरी है। इसके बाद भी लोग दूसरे डोज के लिए सामने नहीं आ रहे हैं। साथ ही त्योहारी सीजन शुरू होने के चलते बाजारों में भी भीड़ बढ़ने लगी है।
इनका कहना है
जिले में 1.53 लाख ऐसे हैं जिन्हें सेकंड डोज लगना है। यह लोग टीकाकरण केंद्र तक नहीं आ रहे हैं। इसके लिए हम अपने स्तर पर योजना बना रहे हैं और कोशिश है कि जल्द से जल्द सभी को सेकंड डोज लग जाएं।
डॉ. संजय ऋषिश्वर, जिला टीकाकरण अधिकारी
