शिवपुरी। आज पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल से एक आरटीआई स्पेशलिस्ट ने पूरे कागजों के साथ एसपी को आवेदन सौंपा है। आरटीआई स्पेशलिस्ट का आरोप है कि पुलिसकर्मीयों ने नौकरी पाने ले लिए फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी पा ली है। इस दौरान आरटीआई स्पेशलिस्ट ने उक्त लोगों ने नाम भी उजागर लिए है।
आरटीआई स्पेशलिस्ट गौरीशंकर राजपूत निवासी लक्ष्मीवाटिका के पीछे ग्वालियर ने शिकायत करते हुए बताया कि शिवपुरी पुलिस विभाग में पदस्थ उप निरीक्षक, सह उपनिरीक्षक,आरक्षक,कर्मचारी एवं अधिकारियों द्वारा अनुसूचित जनजाति के फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर शासकीय नियुक्ति एवं जांच अधिकारीयों की मिली भगत से शासकीय नियुक्ति प्राप्त कर ली है और कई योग्य अभ्यार्थियों का हक छील लिया गया है।
जाति प्रमाण पत्र की सत्यापन जांच में पुलिस विभाग को भेजी जानकारी झूठी एवं भ्रष्टाचार युक्त है। आरटीआई के तहत जो जानकारी निकाली उसमें कुछ संदिग्ध पुलिस विभाग में पदस्थ शासकीय सेवक है जिनमें आरक्षक के पद पर कुलदीप बाथम पुत्र बृजमोहन, अरविंद कुमार मांझी पुत्र सीताराम, महेश मांझी पुत्र कुशाली, विक्रमसिंह पुत्र मुरारीलाल, कमलसिंह पुत्र नारायणसिंह, राजकुमार पुत्र मुरारीलाल, माधौसिंह पुत्र पर्वतसिंह, रवि कुमार पुत्र नत्थाराम, अजय कुमार पुत्र वृंदावल लाल मांझी, राजपालसिंह पुत्र आत्मप्रकाश , ताराचंद्र सागर पुत्र रामसिंह, दीपक पुत्र लखनसिंह है। वहीं एएसआई शिवचरण लाल पुत्र पागू राम, नरेश मांझी, रवि पुत्र कमलेश प्रधान आरक्षक, दयानंद पुत्र मुकुंदी प्रधान आरक्षक हैं। मामले को लेकर एसपी से शिकायत कर उक्त सभी लोगों के जाति प्रमाण पत्र की जांच कराकर दोषियों व जांचकर्ता अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।