भ्रूण हत्या मामले की जांच करने कमेटी पहुंची सिद्धिविनायक अस्पताल 6 घंटे तक चली जांच,प्रबंंधन ने नर्स को स्वीकारा पर सामने नहीं लाए

Bhopal Samachar

शिवपुरी। शिवपुरी के एक निजी अस्पताल में पैसे लेकर भ्रूण हत्या किए जाने का वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग एक्शन में आया है। इस हेतु बनाई गई जांच समिति आज दो दिन पश्चात जिस सिद्धी विनायक अस्पताल पर भू्रण हत्या का आरोप लगा है वहां जांच हेतु पहुंची। जिसमें डिप्टी कलेक्टर शिवांगी अग्रवाल, टीकाकरण अधिकारी डॉ. संजय ऋषिश्वर, डॉ. एमएल अग्रवाल और डॉ. नीरजा शर्मा शमिल हैं। सोमवार को जांच समिति के सदस्य दोपहर 12 बजे सिद्धी विनायक अस्पताल पहुंचे और समाचार लिखे जाने तक जांच समिति अस्पताल में डेरा डाली हुई थी।  

इस मामले में अस्पताल प्रबंधन ने यह तो स्वीकार कर लिया कि उक्त नर्स उनके अस्पताल में कार्यरत है। परंतु उसे जांच टीम के सामने नहीं लगा गया। जिसके अब अस्पताल प्रबंधन महज अपनी सफाई तो दे रहा है। परंतु जांच में जो नर्स वीडियों में दिखाई दे रही है उसे सामने लाने से कतराता नजर आया। इस दौरान अस्पताल के सभी पार्टनर्रो के चहरे से हबाईयां उडी हुई दिखाई दे रही थी और पूरे समय वह जांच टीम के इर्द र्गिद ही घूमते नजर आए।

डिप्टी कलेक्टर शिवांगी अग्रवाल से  जब पत्रकारों ने जांच की प्रगति के विषय में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि मैं इस संबंध में कुछ नहीं बताऊंगी और जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को पेश करेगी। आप इस संबंध में कलेक्टर से बात कीजिए। वह ही कुछ जानकारी दे पाएंगे। जांच कमेटी के सिद्धी विनायक अस्पताल में पहुंचने के बाद अस्पताल प्रबंधन के तेवर भी काफी तीखे हो गए हैं।

अस्पताल में पदस्थ डॉ. पीडी गुप्ता और डायरेक्टर राजेंद्र शर्मा ने इस मामले में अस्पताल को पूरी तरह निर्दोष बताया कि उन्हें ब्लैकमेल करने का काम किया जा रहा है। हमारे अस्पताल में भ्रूण हत्या का गोरख धंधा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि जो दम्पत्ति अस्पताल प्रबंधन को ब्लैकमेल कर रही है, वह आदतन ब्लैकमेलर हैं और वे देहरादून के रहने वाले हैं तथा उनके नाम अनुज अग्रवाल और साक्षी सक्सैना है।

श्री शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा कि शिवपुरी के पत्रकार उनके सहयोगी के रूप में काम कर रहे हैं और दम्पत्ति ने उनसे कहा कि रकम के विषय में वह इन दोनों से बातचीत कर ले। श्री शर्मा ने स्वीकार किया कि भू्रण हत्या की बातचीत जो नर्स कर रही है वह उनके अस्पताल में कार्यरत थी। लेकिन उनके अस्पताल में भू्रण हत्या नहीं होती है और जब यह मामला सामने आया तो उन्होंने तुरंत उस नर्स को अस्पताल से निष्कासित कर दिया।

शिवपुरी के एक निजी अस्पताल में भू्रण हत्या का घिनौना खेल कितने खुले रूप में चल रहा है यह पिछले दिनों सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में स्पष्ट रूप से नजर आया है। खास बात यह है कि वीडियो में अस्पताल की पहचान हो रही है और जो नर्स डीलिंग कर रही है वह भी उस अस्पताल में कार्यरत है और अस्पताल के आरएम ने रहीस खान की पत्नी पूजा खान है। वहीं जो दम्पत्ति भू्रण हत्या कराने आए हैं उनके भी चेहरे उजागर हो गए हैं।  

जिनकी पहचान अस्पताल प्रबंधन ने अनुज अग्रवाल और साक्षी सक्सैना के रूप में बताई है। उन पर भी अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि उन्होंने अस्पताल प्रशासन को ब्लैकमेल करने के लिए वीडियो बनाया था। इसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि अस्पताल प्रशासन ने 22 अगस्त को इसके विषय में कोतवाली को एक लिखित आवेदन भी दिया था। लेकिन उक्त दम्पत्ति दोषी हैं अथवा नहीं इस प्रश्र से पहले निजी अस्पताल और नर्स के खिलाफ आरोप तो प्रथम दृष्टि में प्रमाणित हो रहे हैं।

इसके बाद स्वास्थ्य प्रशासन ने आनन-फानन में कमेटी भी बना ली और सीएमएचओ डॉ. पवन जैन ने कमेटी को जांच प्रतिवेदन देने के लिए तीन दिन का समय दिया और सोमवार को तीसरे दिन जांच कमेटी सिद्धी विनायक अस्पताल पहुंची और देर शाम तक अस्पताल के कागजात खंगाले और अस्पताल प्रबंधन से पूछताछ की गई। लेकिन वहां वह नर्स पूजा खान नहीं थी, जिसने दम्पत्ति से डीलिंग की थी।

अस्पताल प्रबंधन अपने आप को पाक साफ बता रहा है और पूरा ठीकरा प्रबंधन ने नर्स पर फोड़ दिया है। अस्पताल के डायरेक्टर राजेंद्र शर्मा का कहना है कि वह नर्स एमएम हॉस्पिटल से उनके जहां काम करने आई थी और वह अस्पताल में बैठकर भू्रण हत्या की डीलिंग करती है। लेकिन हमारे अस्पताल में कोई भ्रूण हत्या न कभी हुई है और न होगी। अब वह भ्रूण हत्या कहां कराती है इसकी जानकारी हमें नहीं है। उनका कहना है कि अस्पताल प्रबंधन को जब ब्लैकमेलिंग की खबर लगी तो उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की।

अस्पताल प्रबंधन ने स्वीकार किया कि ब्लैकमेलिंग करने वाले सफल हो गए हैं
सिद्धी विनायक अस्पताल में पत्रकारों से चर्चा करते हुए अस्पताल के डायरेक्टर राजेंद्र शर्मा और डॉ. पीडी गुप्ता ने स्वीकार किया कि उन्हें जो ब्लैकमेल करना चाहते हैं वह अपने षडयंत्र में सफल हो गए हैं। लेकिन उनके अस्पताल मेें भू्रण हत्या नहीं होती है। श्री शर्मा ने बताया कि वीडियो में जो दम्पत्ति नजर आ रहे हैं, उन्होंने हमसे सम्पर्क किया था और कहा था कि हमारे पास एक वीडियो है, जिससे अस्पताल की छवि खराब हो  जाएगी और इससे बचना है तो आप हमें एक रकम दें।

श्री शर्मा का कहना है कि लेकिन हमने इससे इंकार कर दिया। इसकी हमने शिकायत पुलिस में भी की है। जहां तक वीडियो में दिखाई जाने वाली नर्स का सवाल है तो वह हमारे अस्पताल में अवश्य पदस्थ थी। लेकिन जब हमें वीडियो के माध्यम से उसकी करतूत का पता चला तो हमने उसे अपने अस्पताल से निष्कासित कर दिया है। 

इनका कहना है
हम यह जांच प्रतिवेदन बनाकर कलेक्टर महोदय को जांच रिपोर्ट सौंपेेंगे। हम इस मामले में कुछ भी बताने के लिए अधिकृत नहीं है। अब आपको जो भी जानकारी चाहिए वह कलेक्टर सहाब ही बताएंगे।
शिवांगी अग्रवाल,डिप्टी कलेक्टर और जांच अधिकारी
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