शिवपुरी। सनातन संस्कृति में गुरूकुल होते थे,जहां बच्चे अध्यन्न करते थे। गुरूकुलो को मंदिरो से उंचा दर्जा दिया गया हैं। हमारे आराध्य श्रीराम और श्रीकृष्ण ने भी गुरूकुल गए हैं और शिक्षा प्राप्त की। समय बदला अब गुरूकुल स्कूलो में परिवर्तित हो गए। लेकिन शिक्षा का मंदिर अवश्य कहा जाता है।
ऐसे ही एक शिक्षा के मंदिर के मुहाने पर एक जिम्मेदार मूत्रदान कर रहा हैं। सोशल पर फोटो वायरल हो रहा हैं जहां एक सरकारी जिम्मेदार शिक्षक अपने ही स्कूल के मुहाने पर मूत्रदान कर रहा हैं।
यह वायरल फोटो शिवपुरी जिले की पोहरी तहसील का है। जहां पोहरी के प्रभारी विकास खंड शिक्षा अधिकारी मोतीलाल खंगार प्राचार्य कक्ष के दरवाजे पर खड़े होकर खुलेआम मूत्रदान करते नजर आ रहे हैं। वहीं इन साहब की ये घिनौनी करतूत किसी ने अपने कैमरे में कैद कर ली।
सवाल यह भी खडा हो रहा है कि यह कारनामा मोतीलाल खंगार ने होश में किया हैं यह किसी प्रकार के नशे में। हमारे समाज में गुरू को भगवान के अधिक उंचा दर्जा प्राप्त हैं। यह कृत्य इस शिक्षक ने किया हैं साथ में यह शिक्षा विभाग के एक जिम्मेदार BEO के पद पर भी हैं।
इस मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी से बात की तो वही मीडिया के लिए रटा रटाया जबाब दिया कि मामले को दिखवा लेते हैं जांच करा लेते हैं। हो सकता हैं विभाग कार्यवाही कर दे। और बाद में जांच अधिकारी रिश्वत मामले की लीपपोती कर दे। यह मामला अब जनता की अदालत सोशल पर आ गया हैं। अब जनता तय करे इस शिक्षक को क्या सजा होनी चाहिए। कृपया सभी पाठको से अनुरोध है इस मामले में कंमेट अवशय करे।
ऐसे ही एक शिक्षा के मंदिर के मुहाने पर एक जिम्मेदार मूत्रदान कर रहा हैं। सोशल पर फोटो वायरल हो रहा हैं जहां एक सरकारी जिम्मेदार शिक्षक अपने ही स्कूल के मुहाने पर मूत्रदान कर रहा हैं।
यह वायरल फोटो शिवपुरी जिले की पोहरी तहसील का है। जहां पोहरी के प्रभारी विकास खंड शिक्षा अधिकारी मोतीलाल खंगार प्राचार्य कक्ष के दरवाजे पर खड़े होकर खुलेआम मूत्रदान करते नजर आ रहे हैं। वहीं इन साहब की ये घिनौनी करतूत किसी ने अपने कैमरे में कैद कर ली।
सवाल यह भी खडा हो रहा है कि यह कारनामा मोतीलाल खंगार ने होश में किया हैं यह किसी प्रकार के नशे में। हमारे समाज में गुरू को भगवान के अधिक उंचा दर्जा प्राप्त हैं। यह कृत्य इस शिक्षक ने किया हैं साथ में यह शिक्षा विभाग के एक जिम्मेदार BEO के पद पर भी हैं।
इस मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी से बात की तो वही मीडिया के लिए रटा रटाया जबाब दिया कि मामले को दिखवा लेते हैं जांच करा लेते हैं। हो सकता हैं विभाग कार्यवाही कर दे। और बाद में जांच अधिकारी रिश्वत मामले की लीपपोती कर दे। यह मामला अब जनता की अदालत सोशल पर आ गया हैं। अब जनता तय करे इस शिक्षक को क्या सजा होनी चाहिए। कृपया सभी पाठको से अनुरोध है इस मामले में कंमेट अवशय करे।