करैरा। भले ही करैरा में 49 करोड़ की जलावर्धन योजना का काम चल रहा हो, लेकिन उसका लाभ मिलना करैरा के बाशिदों के लिए किसी सपने से कम नहीं है। कछुआ गति से बिना मॉनिटरिंग के हो चल रहे जलावर्धन के काम की स्थिति यह है कि आने वाले तीन साल में भी करैरा के 25 हजार लोगों की प्यास बुझ जाए तो बड़ी बात होगी।
इसके चलते अब नगर परिषद के कृषि उपज क्षेत्र में जल संकट गहराता जा रहा है। यहां पर 5 से 6 दिन में नल जल योजना के तहत जल की आपूर्ति की जा रही है। लोग प्रशासन से गुहार लगाकर भी थक चुके हैं।
करैरा नगर में जिस तरीके से जलार्धन योजना का काम चल रहा है इसको देखकर करैरा वाले भी शिवपुरी की जलावर्धन योजना सिंध मड़ीखेड़ा से कम दिखाई नही दे रही है। भले ही सिंध मड़ीखेड़ा का काम पूरा हो गया हो, लेकिन पानी अभी तक शिवपुरी वालो को नसीब नहीं हुआ है। ऐसा ही हाल अब करैरा का होने जा रहा है।
करैरा के प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों का सिस्टम इतना खराब हो गया है कि जनता हर मूलभूत सुविधा के लिए मोहताज है। वर्तमान विधायक डमी बनकर रहे गए हैं और अधिकारी उनकी सुन नहीं रहे हैं। उनसे ज्यादा पूर्व विधायक की पूछपरख हो रही है।
इन वार्डों में सबसे ज्यादा समस्या
करैरा के वार्ड 12, 13, 14 और 15 में पानी की एक-एक बूंद के लिए काफी मशक्कत करना पड़ रही है। 6 दिन में एक बार यहां पानी मिलता है जो लोगों के लिए पर्याप्त नहीं है। कभी बिजली के कट लगने के कारण पेयजल आपूर्ति नहीं हो पाती तो कभी मोटर खराब होने की वजह से जल प्रदाय बाधित हो जाता है। नगर परिषद के अधिकारियों का इससे कुछ लेना देना नहीं है। एसडीएम को आए हुए ज्यादा समय नहीं हुआ तो वे तो इस परेशानी से ठीक से वाकिफ तक नहीं हैं।
टैंकर वसूलते हैं मनमानी राशि
शहर में जितने भी टैंकर हैं वे एक दिन बाद का समय देते हैं, लेकिन रोजमर्रा के कार्यों में पेयजल की आवश्यकता बनी रहती है। टैंकर मालिक भी अपने मनमाने पैसे वसूल रहे हैं तथा मजबूरी में लोग दे भी रहे हैं। जबकि विभागीय अधिकारी टूटी हुई लाइन को ठीक करने में तत्परता नहीं दिखा रहे हैं।
कामाक्षा मंदिर, टेलीफोन एक्सचेंज पर कुछ स्थानों पर बीते दिनों से पाइप लाइन टूटी पड़ी हुई है। पहले यहां पर वाल्व खराब होने की बात कही जा रही थी जिससे पूरा शहर ही पानी की समस्या से जूझ रहा है। इस संदर्भ में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि कुछ लोंगो के द्वारा रेस्ट हाउस के पास से चेम्बर से वाल बन्द कर दिया जाता है जिससे लोगों को पानी नही मिल पाता है। करैरा पुलिस चौकी डांक बगला से लेकर कृषि उपज मंडी तक कई जगह पर लाइन टूटी पड़ी है। इसके कारण कृषि मंडी में पेयजल की आपूर्ति की समस्या बनी हुई।
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हमारे वार्ड में पानी की काफी समस्या है। 5 से 6 दिनों में पानी की आपूर्ति की जाती है। रात रात को जाग कर पीने का पानी लाना पड़ता है। चुनाव में सभी ने वादे किए लेकिन वादा किसी ने नही निभाया।
कमलेश कोठारी, वार्ड वासी मंडी क्षेत्र।
कई बार शिकायत कर चुके हैं। सीएम हेल्प लाइन तक लगा चुके, लेकिन कोई निराकरण नहीं हो रहा है। 12 साल होने को आ गए है ठीक से पानी नहीं मिल पा रहा है। पौने चार करोड़ वाली योजना को अब तक पूरा हो जाना चाहिए था, लेकिन अब तक नहीं हुई है।
शाहिद खान, रहवासी।