पिछोर में 30 वर्षों से पुश्तैनी वसीयत को प्राप्त करने दर-दर भटक रहा है नाती - Pichhore News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। जिले के पिछोर में एसडीएम और तहसीलदार की असुनवाई से ना केवल आमजन बल्कि जनप्रतिनिधि तक परेशान है यही कारण है कि पिछोर में आप पार्टी के नेता अवधेशुपरी गोस्वामी जो कि क्षेत्र में आप पार्टी की राजनीति करते है उन्हें अपने अधिकार की वसीयत प्राप्त करने के लिए एसडीएम और तहसील कार्यालय के कई चक्कर काटने पड़े बाबजूद इसके कार्य आज भी आधा-अधूरा हैं।

इस मामले में आप नेता ने संबंधित क्षेत्र के पटवारी पर निशाना साधा है जिसमें पटवारी की शिथिलता के कारण ही कार्य पेंडिंग पड़ा रहता है साथ ही अपने साथ हो रहे इस घटनाक्रम को लेकर जिला कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह से भी मांग की है कि जनप्रतिनिधियों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाकर उनका उचित निराकरण किया जाए।

साथ ही अपने इस मामले को लेकर भी आप नेता ने जिलाधीश से मामले की जांच कर संबंधित मामले में जो भी दोषी हो उसके खिलाफ कार्यवाही व जुर्माना भी वसूला जाए और न्याय संगत कार्यवाही की जावे। बता दें कि यह मामला 30 वर्ष पुराना है वहीं इस मामले को लेकर कमिश्रनर, भू-आयुक्त ग्वालियर, मुख्मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व सीएम हेल्पलाईन में भी शिकायत दर्ज कराई है।

AAP नेता अवधेशपुरी गोस्वामी को दादा की वसीयत का मिलना है अधिकार

आप नेता अवधेशपुरी गोस्वामी ने जिला प्रशासन को बताया कि हमारे पिता मुलायमपुरी गोस्वामी ग्राम पडऱ पिछोर पटवारी हल्का नंबर 98 तहसील पिछोर जिला शिवपुरी का मूल निवासी थे, स्वर्गीय दादाजी केदारपुरी की पुश्तैनी जमीन ग्राम पडऱा में थी उन्होंने अपने वसीयत के आधार पर आदेश नंबर 50/15-16/ए 6 अपने नातिया अवधेश पुरी गोस्वामी और देवेंद्र पुरी गोस्वामी के नाम संपूर्ण भूमि चल अचल संपत्ति नाम कर दी।


लेकिन 4/89.90/ए6 पूरा क्षेत्र के पटवारी द्वारा अमल नहीं किया गया और सर्वे नंबर 625,629,653,652,778 छोड़ दिए, इन सर्वे नंबर को शासकीय दस्तावेजों में अमल नहीं किए गए, इन नंबरों पर आज भी दौलतपुरी पुत्र सरवनपुरी चल रहा है यह सबसे बड़ी भूल क्षेत्र के पटवारियों की है जब इस संबंध में हमारे द्वारा पुराने आदेश को लगाया तो तहसीलदार और पटवारी इसे पुराना कह रहे हैं।

ऐसे अमल करने में आनाकानी कर रहे हैं। आप नेता अवधेशुपरी गोस्वामी ने अपना दर्द बताते हुए कि अब नया आदेश कहां से लाएं जबकि सर्वे नंबर 629 को पटवारी के द्वारा सूरजपुरी पुत्र गज्जूपुरीद्व हरिगिरि पुत्र मनसागिरी के नाम कर दिया है, बंदों बंदोबस्त में और पुरानी रिकॉर्ड में ही आज भी यह सर्वे नंबर की भूमि हमारे दादाजी केदारपुरी गोस्वामी के नाम पर दर्ज है।

इसे लेकर माह फरवरी 2020 में एसडीएम कोर्ट पिछोर में भूमि संबंधी सुधार के लिए अपील प्रस्तुत की लेकिन आज दिनांक तक वह अपील भी एसडीएम कोर्ट में दर्ज भी नहीं हो पाई ना ही कोई प्रकरण दर्ज किया गया ना ही कोई जांच की गई, यहां फाइलें धूल खा रही हैं।

SDM और तहसीलदार भी नहीं दे रहे ध्यान, लगाए असुनवाई के आरोप

आप नेता अवधेशपुरी गोस्वामी ने जब इस संबंध में तहसीलदार पिछोर से संपर्क किया लेकिन उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की, वहीं क्षेत्र के एसडीएम के द्वारा भी कोई उचित कार्यवाही नहीं की गई।

ऐसे में आप नेता ने पिछोर के इन प्रशासनिक अधिकारियों पर भी अपनी असुनवाई के आरोप लगाए और किसी भी तरह से कोई सुनवाई नहीं होने की बात कही। इन हालातों को देखकर आप नेता अवधेशपुरी गोस्वामी ने मीडिया को बताया कि जब हम जनप्रतिनिधियों की ही क्षेत्र में सुनवाई नहीं की जा रही तो आमजन की क्या हालत होगी इसे आसानी से समझा जा सकता है।

आप नेता अवधेशपुरी गोस्वामी ने बताया कि इस सब घटनाक्रम से तो हमें यह लग रहा है कि हमारे दादाजी संघर्ष करते-करते स्वर्ग सिधार गए और अब तीसरी पीढ़ी नाती भी उस लड़ाई को लड़ रहे हैं जबकि दादाजी केदारपुरी ने एसडीएम कोर्ट में अपील की और उन्हें एसडीएम कोर्ट पिछोर से जीत 1980 में प्राप्त हो गई।

एसडीएम आदेश प्रकरण क्रमांक 27/80-81/ए 6 तहसीलदार आदेश क्रमांक 4/89-90/ए6 इन दोनों ही आदेश को अमल कराने में 30 से 35 साल लग गए और वह भी आज संपूर्ण रूप से पटवारियों ने जानबूझकर अमल नहीं किए इतनी लंबी और पेचीदा थी फिर प्रक्रिया क्यों आदेश होने के बाद तो कोई बहाना ही नहीं बचता तो फिर यह राजस्व अधिकारी आज तक हमें क्यों चक्कर लगवा रहे है।

जो भी लापरवाह हो उसे करें दंडित और करें कार्यवाही

आप नेता अवधेशपुरी गोस्वामी ने इस पूरे मामले को जिला कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह से यह मांग की है कि उनके दिए गए आवेदन पत्र पर जांच कर कार्यवाही करते हुए दोषी अधिकारियों को दंडित करें और उनसे जुर्माना लगाएं।

उन्होंने कलेक्टर से यह भी मांग की कि इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा काम पेंडिंग में और रिकॉर्ड को खराब करने में संबंधित पटवारी का होता है, वह बिना रिश्वत के कोई काम नहीं करता इसीलिए इस मामले के आधार पर संबंधित के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाए तो यह जनमानस में अच्छा संदेश जाएगा।