शिवपुरी। कोरोना के लॉकडाउन के चलते सारा कारोबार बंद कर दिया गया था लेकिन बेलगात रेत और पतथर माफिया ने जमकर लॉकडाउन में रेत और पतथर का खनन किया और अब लॉकडाउन खुलने के बाद ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है। शिवपुरी कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह रेत माफियाओं पर नकेल कसने में पूरी तरह से फैल दिखाई दे रहे है। जिसके चलते खनन माफियाओं की बल्ले बल्ले है।
25 हजार के पार हुआ रेत का डंपर
रेत के डंपर की बात करें तो यह 25 हजार के पार हो गया है। ऐसे में कोपरा को रेत बनाकर बेचा जा रहा है। इतना ही नहीं लोगों को अच्छी रेत का झांसा देकर कोपरा थमाया जा रहा है। ऐसे में लोगों का कहना है कि इससे उन्हें नुकसान हो रहा है एक तो ऊंचे दाम देने पड रहे हैं तो दूसरी ओर तीन से चार साल में ही कोपरा झड जाता है। जिससे मकान की रिपेयरिंग करानी पडती है।
क्रेशर डस्ट का बढा इस्तेमाल
लोग अब मकान बनाने के लिए क्रेशर की रेत का इस्तेमाल कर रहे हैं यह सस्ती भी पडती है और रेत के जैसा काम करती है यहीं वजह है कि अब लोग मकानों में क्रेशर की रेत लगाने लगे हैं।
गिट्टी के भी बढे दाम
लॉकडाउन में क्रेशरों पर मजदूरी करने के लिए कम ही मजदूर पहुंचे इसलिए उस क्षमता से काम नहीं हो पाया जिस क्षमता से होना था इतना ही नहीं लॉकडाउन में मांग भी कम थी अब मांग बढी है जिससे क्रेशरों पर गिटटी बनाई जा रही है लेकिन पहले की तुलना में लोगों को अधिक दाम चुकाने पड रहे हैं।
रेत का जमकर हुआ खनन
कोराना के लॉकडाउन में रेत का जमकर खनन किया गया और उसे डंप किया गया और अब लॉकडाउन खुलने के बाद ऊंचे दामों पर रेत को बेचा जा रहा है जिससे ,खनन माफिया को मोटा मुनाफा हो रहा है।