कोलारस। कोलारस तहसील के पहाड़ा गांव में 22 साल के चरवाहे की जंगल में गला रेतकर हत्या करने की गुत्थी तेंदुआ थाना पुलिस ने गुरुवार को सुलझा ली है। हत्या करने वाले उसी गांव के दो चचेरे भाई निकले हैं।
सब्जियां काटने वाले चाकू से गला रेतने पर भगवान सिंह नहीं मरा तो दोनों ने तौलिया से दम घोंट दिया। इसके बाद दूसरी फिर बारी-बारी से गला रेता, ताकि जिंदा रहने की कोई गुंजाइश न रहे। युवक की हत्या की वजह उसकी नाबालिग बहन से छेड़छाड़ के दौरान हुआ झगड़ा रहा।
जानकारी के मुताबिक भगवानसिंह (22) पुत्र ख्यालीराम जाटव निवासी ग्राम पहाड़ा की 30 मई को अज्ञात लोगों ने गला रेतकर हत्या कर दी थी। देर रात जंगल से शव बरामद करने पर तेंदुआ थाना पुलिस ने छानबीन शुरू की।
परिजनों ने गांव के जिन दो युवकों पर संदेह जताया था, वह दोनों चचेरे भाई नरेंद्र (19) पुत्र गुलाबसिंह जाटव और चचेरा भाई राजेंद्र (19) पुत्र मानसिंह जाटव ने मिलकर भगवान सिंह की बेरहमी से हत्या कर दी। पुलिस पूछताछ में दोनों ने हत्या करना स्वीकार कर लिया है।
दरअसल एक महीने पहले मृतक की नाबालिग बहन की एक शादी में नरेंद्र जाटव ने छेड़छाड़ कर दी थी। इसी बात को लेकर दोनों में विवाद हो गया था। नरेंद्र उसी दिन की रंजिश पालकर बैठा था और मौका मिलते ही जंगल में बकरियां चराते वक्त दोनों चचेरे भाई पहुंच गए। दोनों ने मिलकर भगवानसिंह की हत्या कर दी।
नरेंद्र ने भगवान सिंह में पत्थर मारा, राजेंद्र ने पेट में चाकू मारा तो टूट गया:
पूछताछ में नरेंद्र व राजेंद्र ने बताया कि हत्या करने की पूरी सिलसिलेवार घटना उगल दी है। बकरियां चराते वक्त भगवानसिंह अकेला मिल गया। नरेंद्र ने शुरूआत एक महीने पुरानी घटना के बारे में बातचीत से की। नरेंद्र को आपत्ति थी कि उसने उसकी बहन के साथ कुछ नहीं कियाा, फिर भी उसे पीटा। बातचीत के बाद झगड़ा होने लगा तो नरेंद्र ने पत्थर उठाकर भगवानसिंह के सिर में मार दिया। राजेंद्र ने घर से लाया सब्जी काटने वाला चाकू पेट में घोंपा तो वह आधा टूट गया। फिर नरेंद्र ने भगवान सिंह का दूसरे चाकू से गला रेत दिया।
सब्जी वाले चाकू से पहली बार में मौत नहीं हुई तो तौलिए से गलता घौंटा सब्जी वाले चाकू से भगवानसिंह नहीं मरा तो दोनों ने अपनी-अपनी तौलिया लीं और उसका गला घोंटकर दिया। इसके बाद 20 फीट तक घसीटकर नदी के पीर घाट तक ले गए। यहां दोनों ने बारी-बारी से नरेंद्र का दूसरी बार गला रेता, ताकि वह किसी भी सूरत में जिंदा ना बच पाए।