स्मृतियाँ शेषः युवा प्रशांत की मौत पर शब्दों को न रोक सके मुकेश सिंह डिप्टी कलेक्टर, ऐसे कैसे विदा ली ...- Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। शिवपुरी वो जिला है, जहां लोक सेवक के रूप में पहली बार कार्य करने का अवसर मिला। भोपाल जाने के बाद भी जब- जब कलेक्ट्रेट को याद किया, प्रशांत हमेशा स्मरण में रहते थे। प्रशांत का व्यक्तित्व ही न भुलाया जाने वाला था। उसे किसी की निंदा करना या स्वयं का स्वार्थ सिद्ध करना मानो आता ही नहीं था।

कितने ही टास्क चाहे चुनाव, आर्मी भर्ती रैली, लोक सेवा परीक्षा या अन्य कोई दुरूह कार्य रहा हो, प्रशांत के बिना शायद ही इतनी कुशलता से हो पाते, जितने भी प्रशासनिक अधिकारी जो एक बार भी शिवपुरी में पदस्थ रहे हैं, वे मेरी इस बात से अवश्य ही सहमत होंगे ।

सभी को सम्मान देना और सभी को सहयोग करना प्रशांत की स्वभाविक प्रवृत्ति थी। मुझे आज बरबस स्टेनो वर्मा जी का वह कक्ष याद आ रहा है, जहां दिन भर काम में जुते रहने के बाद देर शाम इकट्ठा होकर गपबाजी किया करते।इन्हीं गपबाजियों के बीच यह भी पता चला कि प्रशांत कितना धीर और गंभीर है और उसने कितनी सारी जिम्मेदारियों का आकाश ओढ़ रखा है।

जब कभी कार्य की अधिकता के कारण जब देर शाम तक अपने कक्ष में बैठे रहना पड़ता,तो प्रशांत हमेशा मिलकर या अनौपचारिक अनुमति लेकर घर के लिए विदा होता था।

परंतु इस बार आपने ऐसे कैसे विदा ले ली अनुज? सोचकर ही मन द्रवित होता है। स्मृतियां शेष पुण्यात्मा को मेरा नमन
मुकेश सिंह डिप्टी कलेक्टर भोपाल

शिवपुरी जिला कलेक्ट्रेट में एनआईसी के कार्यालय में पदस्थ 28 वर्षीय युवा प्रंशात शर्मा की कोरोना के कारण मौत हो गई। प्रंशात की मौत से प्रंशात के परिचय में जो भी व्यक्ति शिवपुरी मे रहा हैं वह आश्चर्य चकित हैं,क्यो की काम में निपुणता और दूसरो की मदद करने का गुण प्रंशात में था। प्रंशात के ग्रह नगर पिछोर में भी शौक का महौल हैं।