पूर्व विधायक ने शोक के बहाने मजमा लगाया, हाथ बांधे खडी रही पुलिस, थानेदार को सस्पेंड करो - KARERA NEWS

Bhopal Samachar
शिवपुरी
। वर्तमान समय में कोरोना काल चल रहा हैं जिले मे धारा 144 प्रभावी हैं। हम सभी को कोरोना की गाईड लाईन का पालन करना हैं। नेता अपना फोटो खिचवाकर प्रतिदिन कोरोना से लडने के लिए प्रेरित कर रहे हैं,लेकिन स्थिती इससे उलट देखने को मिल रही हैं। इस कोरोना काल में नेता अपनी नेतागिरी चमकाने से नही चूक रहे है और इस कोरोना काल में भी मजमा लगा रहे हैं।

अमोला थाना अंतर्गत आने वाले गांव सिलानगर में एक व्यक्ति की सडक हादसे में मौत हो गई। हादसे में मौत हो जाने के बाद करैरा के पूर्व विधायक जसवंत जाटव इस गांव में शोक प्रकट करने पहुंचे। इस शोक सभा के कुछ फोटो वहां के स्थानीय ग्रामीणो ने शिवपुरी समाचार को मेल किए।

प्रकाशित फोटो में स्पष्ट दिख रहा है कि इस शोक सभा में कलेक्टर शिवपुरी के द्वारा प्रभावी की गई धारा 144 को तोडा गया। भीड एकत्रित की गई। गांव में नेताजी का गाडियो  का काफिला पहुंचा और नेताजी के भक्तो ने मजमा जोड दिया। इस फोटो में स्पष्ट देखाा रहा है कि सत्ता के आगे पुलिस भी धारा 144 को टूटते देखते हुए हाथ बांधे खडी हैं। इसमें कुछ लोग मास्क लगाकर बैठै हैं तो कुछ लोग बिना मास्क के ही नेताजी के प्रवचन सुन रहे हैं।

अमोला थाना पुलिस भी नेताजी के साथ इस काफिले के साथ पहुंची और शोक सभा के मजमें में भीड का हिस्सा भी बनी। इस कोरोना काल में 4 व्यक्तिओ के एक साथ खडे होने की अनुमति नही हैं,लेकिन यहां सैकेडो ग्रामीण एक साथ बैठे हुए हैंं। अगर इनमें से एक भी व्यक्ति संक्रमित हुआ तो पूरा का पूरा गांव संक्रमित हो सकता है।

अब प्रशासन को इस गांव के सभी लोगो का कोरोना टेस्ट कराना होगा। नही तो इस गांव को भी कोई रेड जोन या यलो जोन बनने से कोई नही रोक सकता हैं। 

नेताजी के खिलाफ 188 और थानेदार को सस्पेंड करो 

ऐसे मामलों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। शादियों और बाजार के कारण नहीं इसी तरह की गतिविधियों के कारण दूसरी लहर आई है और पिछले 1 महीने से कर्फ्यू का सामना करना पड़ रहा है। चारों तरफ त्राहि-त्राहि के हालात हैं। कई लोगों की मौत हो चुकी है। कई परिवार उजड़ गए हैं। कानून कहता है कि पूर्व विधायक के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज होना चाहिए और सिविल सेवा नियम के तहत धारा 144 का पालन करवाने में असफल रहे थानेदार को सस्पेंड कर देना चाहिए। देखते हैं, शिवपुरी में कानून का राज है या नहीं।
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