प्रदीप रघुवंशी आत्महत्या मामले में आरक्षक प्रेम शर्मा सहित 3 पर आत्महत्या उत्प्ररेण का मामला दर्ज

Bhopal Samachar
शिवपुरी। बीते दिनों पुलिस लाईन के क्वार्टर नम्बर 3 के नीचे बरगद के पेड़ पर आरक्षक कालूराम रघुवंशी के पुत्र प्रदीप रघुवंशी द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने के मामले में पुलिस ने जांच के बाद डीएसबी शाखा में पदस्थ आरक्षक प्रेम शर्मा, प्रदीप शर्मा और संजय शर्मा के खिलाफ भादवि की धारा 306 आत्महत्या के लिए उत्पे्ररित करना और 34 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है।

ज्ञात हो कि 17 अप्रैल को दोपहर ढ़ाई बजे प्रदीप रघुवंशी का शव पुलिस लाईन में लगे बरगद के पेड़ पर फांसी के फंदे पर लटका हुआ मिला था। उस समय पुलिस ने मर्ग कायम किया। बाद में मृतक द्वारा लिखा गया एक सुसाईड नोट परिजनों को मिला। जिसमें आरक्षक प्रेम शर्मा, प्रदीप रावत और संजय शर्मा खजूरी वाले का नाम था। उस सुसाईड नोट में आईपीएल सट्टे का उल्लेख था।

जिसमेें लिखा गया था कि आरोपी प्रदीप रावत ने आईपीएल सट्टे में रूपए हार जाने के बाद उससे जबरन चैक ले लिए और उन्हीं चैकों के माध्यम से आरोपी उसे लगातार प्रताडि़त कर रहा था। वहीं पुलिस आरक्षक प्रेम शर्मा से जब उसने 30 हजार रूपए लिए तो आरोपी प्रेम शर्मा ने उससे 10 प्रतिशत ब्याज लेना शुरू कर दिया।


तीन वर्षो तक तो वह उसे ब्याज देता रहा। लेकिन लॉकडाउन मेें उसकी स्थिति ब्याज देने लायक नहीं रही तो आरोपी उसे लगातार फोन पर धमका रहा था। वहीं तीसरा आरोपी संजय शर्मा भी उस पर रूपयों के लिए दबाव बना रहा था। जिससे वह इतना व्यथित हो गया कि उसने अपनी जीवन लीला समाप्त करने का निर्णय ले लिया।

पुलिस ने मृतक द्वारा लिखे गए सुसाईड नोट की जांच की तो उसमें लगाए गए सभी आरोप सत्य पाए गए। जिसके आधार पर पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।

आरोपी प्रदीप रावत ने मृतक को बनाया था बंधक

मृतक प्रदीप रघुवंशी ने अपने सुसाईड नोट में आरोपी प्रदीप रावत पर उसे बंधक बनाकर मारपीट करने का आरोप लगाया है। जिसमें उसने बताया था कि उसे कमरे में बंद कर प्रदीप रावत ने उसकी मारपीट की थी। बाद में जब उसके पिता कालूराम रघुवंशी घर पहुंचे और आरोपी को उसका पैसा वापस देने की बात कही तब आरोपी ने प्रदीप रघुवंशी को मुक्त किया।

आरोप आरक्षक पर था इसलिए कोतवाली टीआई ने एफआईआर करने में की देरी

प्रदीप रघुवंशी का सुसाईड नोट घर पर उसके भाई अंकित रघुवंशी को मिला। जिसे उसने पुलिस को सौंप दिया। मृतक प्रदीप रघुवंशी के भाई अंकित रघुवंशी ने आरोप लगाया था कि जब पुलिस ने सुसाईड नोट पड़ा तो उसमें एक आरक्षक प्रेम सिंह का नाम था।

जिस कारण कोतवाली टीआई बादाम सिंह यादव ने एफआईआर करने से इंकार कर दिया और मामले की जांच करने की कहने लगे। लेकिन जब पुलिस पर कार्रवाई करने का दबाव बना तो सोमवार को कोतवाली पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली। चूकि एफआईआर में देरी करने के पीछे मामले में आरक्षक का नाम होना बताया जा रहा है।
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