अनफिट बसों में हादसों का सफर, सीधी हादसे के बाद जांच के नाम पर लीपापोती - Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। कहने को तो शहर के बस स्टेंड से करीब 500 बसों का संचालन किया जाता है लेकिन कई बसें तो ऐसी है जो अनफिट है और इन बसों से यात्रियों को मुसीबतों भरा सफर कराया जा रहा है। इन बसों में न तो अग्निशमन यंत्र है और न ही इनमें आपात विंडों ही खुलती है लेकिन इन बसों का रूटों पर चलाया जा रहा है।

जबकि सीधी हादसे के बाद अब बसों की चैकिंग का अभियान छेडा गया है जो अपडाउन करने वाले कर्मचारियों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। सीधी नहर हादसे के बाद शिवपुरी जिले में भी परिवहन महकमें ने बसों की चैकिंग का अभियान छेड दिया है लेकिन यह अभियान अपडाउन करने वाले कर्मचारियों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है।

इन कर्मचारियों को नियमित डयूटी पर जाना है लेकिन बस बाले इन्हें लोकल सवारी कहकर नहीं ले जा रहे हैं और अब यह कर्मचारी आटो या अन्य साधनों से अपने अपने कर्तव्य स्थल तक जा रहे हैं।

किराया पूरा दो तब करो सफर

कर्मचारियों का कहना है कि बस स्टाफ उनसे पूरा किराया मांगता है किसी को सुभाषपुरा जाना है तो उसे मोहना तक का किराया देना होता है तब बस वाले उन्हें ले जा रहे हैं। ऐसे में उनकी मुसीबत और बढ गइ है और अब वे लोग आटो से अपने अपने गंतव्य तक जा रहे हैं और उन्हें हादसों का डर सता रहा है।

सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं की

सबसे ज्यादा परेशानी उन महिलाओं की है जो अपने अपने कार्यालय तक जाती है उन्हें बस की वजाय आटो से सफर करना पड रहा है जिससे उन्हें हादसों का डर सता रहा है।

सुविधाएं तक नहीं बसों में

यात्रियों का कहना है कि बसों में स्पीड गवर्नर, फस्ट ऐड बॉक्स, आपातकालीन गेट सहित अन्य सुविधाएं होना चाहिए लेकिन किराया तो मनमाना वसूला जा रहा है लेकिन बसों में कोई सुविधाएं तक नहीं हैं।

हादसों के बाद चैकिंग के नाम पर लीपापोती

लोगों का कहना है कि हादसों के बाद बसों की चैकिंग का अभियान छेडा जाता है और महज कागजी खानापूर्ति कर इतिश्री कर ली जाती है। यदि चैकिंग अभियान नियमित किया जाएं तो ठीक हो।
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