मादक पदार्थों की खेती का गढ बन रहा पिछोर, गांजे के बाद अब उगा रहे अफीम - Pichhore News

Bhopal Samachar
पिछोर। पिछोर इलाका पहले से ही मादक पदार्थों की खेती के लिए विख्यात रहा है। यहां कुछ साल पहले कई बीघा खेतों में गांजे की खेती उगाई जाती थी और इस गांजे को बाहर बेचा भी जाता था लेकिन समय समय पर कार्रवाई कर पुलिस अवैध गांजे की खेती को जप्त भी करती रही है लेकिन अब लोगों का रूझान गांजे से हटकर अफीम की खेती की ओर होने लगा है। जिले में सुनारी और अब उसके बाद पिछोर के मल्हावनी गांव में अफीम की खेती पर पुलिस ने कार्रवाई की है।

अफीम की खेती में लाखों का मुनाफा

लोगों का कहना है कि पिछोर इलाके में पहले लोग चोरी छिपे गांजे की खेती करते थे लेकिन उसमें पैसा कम मिलता था इसलिए अब लोग अफीम की खेती चोरी छिपे कर रहे हैं। कई और अन्य ऐसे ग्रामीण क्षेत्र हैं जहां पुलिस की पहुंच नहीं हैं वहां भी लोगों ने अफीम की खेती की है। अफीम की खेती में लाखों रूपए का मुनाफा होता है यहीं कारण है कि लोग गेहूं चने के साथ साथ अब लोग अफीम की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

लेना होती है परमीशन

अफीम की खेती के लिए मध्यप्रदेश में कोई परमीशन नहीं हैं नीमच और मंदसौर इलाके में ही अफीम की खेती के लिए परमीशन दी जाती है लेकिन शिवपुरी या ग्वालियर चंबल संभाग में किसी तरह की अफीम की खेती के लिए कोई परमीशन नहीं दी जाती है जबकि लोग चोरी छिपे अफीम की खेती कर रहे हैं।

चलाया जाए अभियान

लोगों का कहना है कि पिछोर और खनियाधाना सहित नरवर और करैरा इलाके में पुलिस और राजस्व अमले को मिलकर अभियान चलाया जाना चाहिए साथ ही मुखबिर तंत्र को भी मजबूत करना होगा जिससे मादक पदार्थ् की खेती पर अंकुश लगाया जा सके।
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