पोहरी महुआ क्रिकेट ग्राउंड पर संभाग स्तरीय क्रिकेट टूर्नामेंट का हुआ शुभारंभ - Pohri News

Bhopal Samachar
पोहरी। पोहरी अनुभाग में इन दिनों महुआ क्रिकेट ग्राउंड पर संभाग स्तरीय टेनिस क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारम्भ हो गया जिसमें 28 टीमो ने भाग लिया है। टूर्नामेंट में प्रथम पुरुस्कार 51000रु एवं द्वितीय पुरुस्कार 25000रु रखा गया है। जिसमे प्रथम पुरस्कार 51000रु फाइनल मैच विजेता को अमन पब्लिक स्कूल की ओर से शेलेन्द्र धाकड़ द्वारा दिया जाएगा।

आज महुआ क्रिकेट टूर्नामेंट में अमन पब्लिक क्रिकेट क्लब ओर पाल इलेवन टीम के बीच आज क्वार्टर फाइनल मैच खेला गया। जिसमे पहले बल्लेबाजी करते हुए अमन पब्लिक स्कूल क्रिकेट क्लब ने 14 ओवरों में 194 रनों का लक्ष्य रखा जिसे पाल इलेवन पूर्ण नही कर पायी।

जहां मैन ऑफ द मैच अनुराग शुक्ला को मानव अधिकार ब्लॉक अध्यक्ष देवी सिंह जादौन ने शील्ड प्रदान की साथ ही शेलेन्द्र धाकड़ अमन पब्लिक स्कूल ने 500 रु का नगद पुरुस्कार दिया। टूर्नामेंट का आयोजन महुआ क्रिकेट समिति द्वारा किया जा रहा है जिसकी अध्यक्षता शाकिर खान द्वारा की जा रही है।






































शहर में जमीनों को लेकर विवाद और विवादास्पद जमीनों पर कतिपय भू माफियाओं द्वारा नियम विरूद्ध प्लॉटिंग के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं । ऐसा ही एक मामला शहर के शिवपुरी पब्लिक स्कूल के सामने सर्वे क्र . 210/1 की रकवा 0.418 हैक्टेयर भूमि का सामने आया है , इसमें 75 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक बद्रीप्रसाद शर्मा ने पत्नी लीलावती के नाम पर दर्ज जमीन को लेकर कलेक्टर से फरियाद की है ।

शिक्षक बद्रीप्रसाद शर्मा का कहना है कि उक्त जमील लीलावती वलक्ष्मी देवी पत्नी हरीशंकर व्यासके संयुक्त खाते की थी । इस जमीन में से लक्ष्मी देवी ने अपना हिस्सा मिथलेश गुप्ता को बेच दिया था तथा पटवारी ने बिना फर्द दिखाए एक पक्षीय बंटवारा करते हुए समूचा फ्रंट मिथलेश गुप्ता के नाम कर दिया । उस जमीन के बंटवारे को लेकर वर्तमान में शिवपुरी तहसील में प्रकरण विचाराधीन है । बावजूद इसके प्रकरण निराकरण हुए बिना ही मिथलेश गुप्ता द्वारा उस जमीन पर अपना स्वामित्व व आधिपत्य दर्शाकर लोगों को विवाटासाट जमीन पर प्लॉटिंग की। तैयारी की जा रही है । शिक्षक ने कलेक्टर सहित कोतवाली पुलिस से मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर निराकरण होने तक प्लॉटिंग का कार्य रुकवाने की गुहार लगाई है ।

शिक्षक का आरोप है कि उक्त विवादित जमीन में से प्लॉटिंग के लिए रास्ता तैयार करने का जब उन्होंने विरोध किया तो दूसरा पक्ष उनसे झगड़ने पर उतारू हो गया । ऐसे में इस बात की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता कि जमीन को लेकर वृद्ध शिक्षक दंपति के साथ कभी भी कुछ अनहोनी घटित हो सकती है और पूर्व में शहर में जमीन विवाद के चलते घटित हुई घटनाओं की पुनरावृत्ति भी हो सकती है ।

2011 में निरस्त हुआ था बंटवारा
शिक्षक शर्मा का कहना है कि पूर्व में 7 जनवरी 2011 को तत्कालीन तहसीलदार ने उक्त जमीन का बंटवारा गलत ढंग से कर दिया था । इस जमीन का करीब 115 फीट फ्रंट मिथलेश गुप्ता के नाम चढ़ा दिया , जिस पर तत्समय आपत्ति दर्ज कराने के बाद तत्कालीन एसडीएम ने 2 जून 2011 को बंटवारा निरस्त करते हुए विवादित जमीन का पुनः नियमानुसार बंटवारा करने के निर्देश दिए थे । यह मामला आज भी शिवपुरी तहसील में विचाराधीन है और 25 फरवरी को फिर सुनवाई होगी ।

बावजूद इसके मिथलेश गुप्ता द्वारा यहां प्लॉटिंग की तैयारी कर कानून को ताक पर रख दिया गया है । तो खरीददार भी उलझ जाएंगे कोर्ट - कचहरी में इस मामले में यदि समय रहते जिला प्रशासन ने कार्रवाईकर प्रकरण का निराकरण होने तक तत्काल प्रभाव से प्लॉटिंग प्रक्रिया नहीं रुकवाई तो इसका खामियाजा उन लोगों को भी भुगतना पड़ेगा जो यहां सिर्फ नामांतरण और रजिस्टरी के आधार पर प्लॉट क्रय करलेंगे।ऐसे में उन लोगों की जीवन भर की गाढ़ी कमाई भी इस विवादास्पद जमीन के चलते उलझ जाएगी । तहसीलदार बोले , सिविल न्यायालय चले जाएं बंटवारे के विवाद वाले इस मामले को लेकर तहसीलदार बीएस कुशवाह पल्ला झाड़ते नजर आए ।

उनके संज्ञान में जब मामला लाया गया और मामला तहसील न्यायालय में विचाराधीन होने की भी बात कही गई तो उनका तर्क था कि यदिप्लॉटिंग हो रही है तो सामने वाला पक्ष सिविल न्यायालय चला जाए । तहसील न्यायालय में मामला विचाराधीन होने से क्या फर्क पड़ता है ।
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