प्रसूता की मौत के बाद फरजाना की लाश लेकर कोतवाली पहुंचे परिजनः कार्यवाही मांग - Shivpuri News,

Bhopal Samachar
शिवपुरी। जिला अस्पताल में रात्रि के समय एक महिला की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया और ड्यूटी पर मौजूद दो नर्स प्रियंका और शिवांगी मोहिते के साथ मारपीट की और उन्हें शासकीय कार्य करने से रोक दिया। महिला के परिजनों का कहना है कि नर्सो ने फरजाना को गलत इंजेक्शन लगा दियाए जिससे उसकी मौत हो गई। 

जबकि मारपीट का शिकार हुई प्रियंका और शिवांगी मोहिते का कहना है कि फरजाना की हालत जब बिगड़ी तो हम उसे लेकर डॉक्टर के पास गए और डॉक्टर ने फरजाना को मृत घोषित कर दिया। वह कैसे मृत हुई इसके विषय में जानकारी डॉक्टर ही दे पाएंगे। लेकिन इसमें हमारा कोई दोष नहीं था। 

फरजाना की मौत के बाद जब परिजन आक्रोशित होने लगे तो चिकित्सीय स्टाफ ने इसकी सूचना पुलिस और अस्पताल प्रबंधन को दी। लेकिन समय पर व्यवस्था न होने के कारण आक्रोशित परिजनों ने हंगामा करते हुए नर्सो की पिटाई लगा दी। 

नर्सो की पिटाई से अस्पताल स्टॉफ में नाराजगी बनी हुई है और वह घटना के विरोध में हड़ताल पर चले गए हैं। हालांकि पुलिस ने मामले में पीडि़त नर्स की रिपोर्ट पर से मृत महिला फरजाना के अटेंडर और परिवार के लोगों के खिलाफ भादवि की धारा 353ए 294ए 323ए 186ए 34 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है। वही अपने उपर कार्यवाही होते देख फरजाना के परिजन फरजाना की लाश को लेकर कोतवाली पहुंच गए और लापरवाह नर्सो के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की।

ड्यूटी पर तैनात नर्स प्रियंका और शिवांगी मोहिते ने बताया कि दो दिन पहले पुरानी शिवपुरी निवासी एक महिला फरजाना को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिसे पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में भर्ती किया गया था। रात करीब 2 से ढ़ाई बजे के दौरान फरजाना की हालत बिगड़ गई। इसके बाद उसे डॉक्टर के पास ले गए। 

जहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने उसे देखा। तब तक फरजाना की मौत हो चुकी थी। इसके बाद वह मृतिका की लाश लेकर बाहर आई। जहां उनका एक अटेंडर खड़ा हुआ था। जिसने मौत की खबर सुनते ही अपना आपा खो दिया और वह उन्हें गालियां देने लगा और उनके साथ अभद्रता शुरू कर दी। 

युवक का कहना था कि उनकी लापरवाही से फरजाना की मौत हुई है। इसके बाद उक्त युवक ने परिवार के अन्य सदस्यों को बुला लियाए जो वहां आते ही उनके साथ मारपीट करने लगे। मृतिका के परिवारजनों ने उन्हें लात घूंसे मारे और उनको गंदीण्गंदी गालियां दी। पूरे अस्पताल में उन्होंने जमकर हंगामा किया। लेकिन उन्हें बचाने कोई नहीं आया। किसी तरह वह वहां से भागकर बचीं और उन्होंने अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी। लेकिन कोई भी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर नहीं आया। 

घटना से पहले उन्हें आभास हो गया था कि मृतक केे परिजन हंगामा कर सकते हैं। इसलिए उन्होंने पुलिस को भी सूचना दे दी। लेकिन पुलिस भी मौके पर नहीं आई। लेकिन जब उनके साथ घटना घटित हो गई तो पुलिस अस्पताल पहुंची और हंगामाईयों को वहां से हटाया। इस पूरी घटना की शिकायत लेकर आज सुबह नर्स स्टाफ कोतवाली पहुंचा। जहां कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई है।

घटना के समय अस्पताल में मौजूद नहीं थे गार्ड 

पीडित नर्स प्रियंका और शिवांगी ने बताया कि जिस समय उनके साथ मारपीट हो रही थीए उस समय वहां न तो कोई अस्पताल का स्टाफ था और न ही सुरक्षागार्ड मौजूद थे। जिस कारण उन्हें अपनी सुरक्षा स्वयं ही करनी पड़ी और वह हंगामाईयों के बीच से किसी तरह छिपछिपा कर वहां से निकली और इसके बाद वह पुलिस को सूचना दे सकीं। अस्पताल प्रबंधन पर उन्होंने आरोप लगाया कि वरिष्ठ अधिकारियों को भी घटना की जानकारी दी गई लेकिन कोई भी वहां नहीं आया।

हड़ताल पर गया नर्सिंग स्टाफए एफआईआर होने के बाद काम पर लौटे 
नर्स प्रियंका और शिवंागी के साथ मारपीट की घटना के विरोध में नर्सिंग स्टॉफ हड़ताल पर चला गया और अस्पताल में सभी काम ठप हो गए। नर्सिंग स्टाफ की मांग थी की दोषी लोगों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जाए। 

सुबह 8 बजे से धरने पर बैठे नर्सिंग स्टाफ से पुलिस अधिकारियों और अस्पताल प्रबंधन ने चर्चा की। लेकिन वह बिना एफआईआर के काम पर लौटने के लिए राजी नहीं हुए। बाद में पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज की। तब कहीं जाकर नर्सिंग स्टाफ काम पर लौटा। 

नर्सो पर एफआईआर दर्ज कराने कोतवाली पहुंचे मृतिका के परिवारजन 
नर्सो द्वारा मृतिका फरजाना के परिवारजनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी पक्ष के लोग भी अपनी शिकायत लेकर कोतवाली पहुंचे। जहां उन्होंने नर्सो पर गलत इंजेक्शन लगाने और उनके साथ अभद्रता करने की शिकायत की है। 

स्पेशल वार्ड मेें भर्ती करने की आई थी सिफारिश 

अस्पताल में फरजाना को 2 जनवरी को पेट दर्द की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया थाए जिसकी डिलेवरी होनी थी। इसके लिए उसे स्पेशल वार्ड में भर्ती कराने की अस्पताल प्रबधन को सिफारिश आई थी और इस सिफारिश के बाद महिला को स्पेशल वार्ड में भर्ती कर व्हीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा था। 

सोमवार की दोपहर फरजाना ने एक बेटी को जन्म दिया,लेकिन रात में उसकी हालत अचानक बिगड़ गई और नर्स उसे वार्ड से निकालकर डॉक्टर के जहां ले जा रही थीं। जहां डॉक्टर के चैम्बर में पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। जिस पर परिजनों ने यह कहकर हंगामा कर दिया कि नर्सो ने उसे गलत इंजेक्शन दे दिया है। 

जिससे उसकी मौत हुई है। हालांकि इस मामले में नर्सो की ओर से मृतिका के परिवार के लोगों पर एफआईआर दर्ज हो चुकी है। जबकि आरोपी पक्ष के लोग भी नर्सो पर कार्रवाई कराने के लिए कोतवाली में डेरा डाले हुए हैं।
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