करैरा। जिले के करैरा नगर में बंदरो का आंतक बना हुआ हैं। लगातार महिला और बच्चे इनका शिकार हो गए हैं। बताया जा रहा हैं कि गुरूवार के दिन करैरा में बंदरो ने एक ही दिन में 6 लोगो पर हमला कर घायल किया हैं। नागरिकों के अनुसार हाथों में खाद्य सामग्री आदि होने पर बंदर अचानक जानलेवा हमला कर देते हैं।
इसमें न केवल खाद्य सामग्री का छुड़ाकर ले जाते हैं। बल्कि उन्हें हमला कर घायल भी कर देते हैं। इतना ही नहीं कई जगह बंदरों के आतंक से रहना मुश्किल हो रहा है। वन परिक्षेत्र अधिकारी अनुराग तिवारी का कहना है कि लोगों ने बंदरों के घरों पर कब्जा कर लिया है, इसलिए बंदर नगर तक आ रहे हैं। उन्होंने बताया के लोग खाद्य सामग्री खुले में सामग्री न रखने की बात कही है।
एक दिन में 6 से अधिक लोगों को किया घायल
नगर में एक ही दिन में आधा दर्जन से अधिक लोगों को हमला कर घायल कर दिया है। गौरतलब है कि नगर में पूर्व में भी बंदर पकड़ों अभियान के तहत नगर पालिका द्वारा अभियान चलाया गया था। इसके तहत बंदरों को पकड़कर अमोला घाटी छोड़ दिया गया था।
पहले आतंक केवल पुरानी बस्ती तक ही सीमित था। अब बंदरों की संख्या बढ़ने से नगर के क्षेत्र रेस्ट हाउस कामाख्या मंदिर के पासए मंडी के पासए पुलिस चैकी के पास आदि स्थानों पर बंदरों का आतंक बना रहता है।
जहां एक ओर ठंड होने की वजह से सर्दी के मौसम में लोग घरों की छतों पर जाते हैं। वहां पर उपस्थित रहते हैं और लोगों को देखते ही जानलेवा हमला कर रहे हैं। एक ही दिन में आधा दर्जन लोगों को एक बंदरों के द्वारा काटकर घायल हो गए।
2 बंदर हुए पागल,वही कर रहे हैं हमला
नगर में एक बंदर की डोली है, इसमें दो पागल बंदर लोगों की वजह से एक पागल बंदर भी क्षेत्र में घूम रहा है। जो आवारा रूप से सड़क पर घूमते हुए लोगों को काट रहा हैं इसके लिए नगर परिषद द्वारा किसी भी तरह का कोई प्रबंध नहीं किया गया है। विगत 10 वर्ष पूर्व बंदर पकड़ो अभियान के बाद से अब तक बंदरों की तादाद बढ़ गई है।
वहीं दुर्ग के आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोगों की स्थितियां बहुत हो चुकी है। आम नागरिकों ने इस पर अंकुश लगाने एवं सुरक्षा के लिए गुहार लगाई लेकिन नगर परिषद द्वारा इसके लिए कोई सुरक्षा के इंतजाम करने या बंदरों को खदेड़ने की व्यवस्था नहीं की है।
सामान लेकर आ रहा था तभी मुझ पर किया हमला
मैं बाजार से सामान लेकर आ रहा था। इस दौरान मेरे हाथ में थैला था जिसमें खाद्ध सामग्री थी। इसी दौरान एक बंदर ने मुझपर झपट्टा मार दिया। इससे मेरे चेहरे में चोट आई। बंदरों से बहुत परेशान है।
राकेश कुमार, निवासी करैरा
मै छत पर कपड़े उठाने गया तभी किया हमला
मैं अपने छत पर कपड़ा उठाने के लिए गई थी जैसे ही कपड़े उठाए तो अचानक बंदरों ने हमला बोल दिया। इससे मेरे चेहरे में चोट आई। बंदरों से बहुत परेशान है। सोनिया लक्ष्यकार, निवासी करैरा