मझेरा खदान बंद होने के बाद भी चल रहा है पत्थर का अवैध उत्खनन - SHIVPURI NEWS

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शिवपुरी।
शिवपुरी जिला रेत और पत्थर के अवैध उत्खनन को लेकर सुर्खियों में हमेशा बना रहता है। जिले की रेत खदानों से तो रात-दिन रेत और अवैध पत्थर का अवैध उत्खनन खुलेआम किया जाता रहा है। चाहे वह आरक्षित वन क्षेत्र ही क्यों न हो वहां पनडुब्बी लगाकर रेत का अवैध उत्खनन किया जाता रहा है।

वहीं अब वन क्षेत्र में पत्थर की मझेरा खदानों से भी पत्थर का अवैध उत्खनन हो रहा है। बात करें तो शिवपुरी झांसी फोरलेन स्थित मझेरा पत्थर खदान से दिन रात पत्थर का अवैध उत्खनन हो रहा है। यह पत्थर खदान कागजों में तो बंद है। इसके बावजूद यहां से दिन रात अवैध रूप से एसिड प्रूफ पत्थर निकाला जा रहा है।

रिजर्व फॉरेस्ट में हो रहा अवैध खनन

मझेरा खदान के सफेद पत्थर को काटकर यहां पर रिजर्व फॉरेस्ट को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। सर्वे क्रमांक 314 व 316 में कोई खदान स्वीकृत नहीं है, लेकिन इस क्षेत्र के आसपास और जंगल में जमकर अवैध उत्खनन हो रहा है।

रात के समय यहां से ट्रक व अन्य गाडिय़ों में पत्थर भरकर फैक्ट्रियों पर खनन माफिया पहुंचा रहे हैं। मझेरा खदान का पत्थर एसिड प्रूफ है। यही कारण है कि यह शिवपुरी का पत्थर विदेशों तक जाता रहा। यहां स्टोन पॉलिसिंग फैक्ट्रियों पर मझेरा के पत्थर की घिसाई और उसकी कटिंग कर उसे बाहर भेजा जाता था। इस पत्थर खदान से फासिल्स भी मिलते थे। जिन्हें लोग अपने घरों में सजाने के लिए भी ले जाते थे। इस पत्थर को लोग अपने घरों के बाहर भी निर्माण में लगाते हैं।

फोरलेन हाइवे से चंद मीटर की दूरी पर थी खदान इसलिए किया बंद

मझेरा की पत्थर खदान कानपुर, जयपुर फोरलेन हाइवे पर है। शिवपुरी से जो बायपास पड़ौरा के लिए निकला है। यह पत्थर खदान उस बायपास के करीब स्थित है। जहां से हाइवे कुछ मीटर की दूरी पर है। ऐसे में यहां पत्थर के उत्खनन से हाइवे को नुकसान होता, इसलिए इस पत्थर खदान को बंद कर दिया गया है। इसी वजह से यहां पत्थर का उत्खनन बंद है।

रात के अंधेरे में होता है, अवैध परिवहन

मझेरा की पत्थर खदान पहले भी तत्कालीन कलेक्टर एम गीता ने बंद की थी। उसके बाद खदान कारोबारियों ने एक माह तक आंदोलन किया थाए जिसके बाद पत्थर खदान को शुरू किया गया थाए जिसके बाद यहां से हाइवे निकला और खदान बंद हो गई, लेकिन अब पत्थर माफिया दिन में खनन करवाता है। रात के अंधेरे में खदान से जो पत्थर निकलता हैए उसे रात में बड़ौदी स्थित स्टोन फैक्ट्रियों पर पहुंचा दिया जाता है।

माइनिंग विभाग रो रहा स्टाफ का रोना

खनिज विभाग को रेत और पत्थर के अवैध उत्खनन पर रोक लगाना है, लेकिन खनिज विभाग कर्मचारियों की कमी के चलते रेत और पत्थर माफिया पर कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। जिले में रेत और पत्थर का अवैध उत्खनन जोरों पर है। वन क्षेत्र में पत्थर और रेत खदानें होने से यह माफिया वनों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं।

राजनीति से जुड़े लोग कर रहे कारोबार

लोगों का कहना है कि रेत और पत्थर के अवैध उत्खनन में राजनीति से जुड़े लोग कारोबार कर रहे हैं। बात यदि रेत की करें तो करैरा इलाके में जमकर रेत का खनन हो रहा है। रेत माफिया सरेआम वन अमले को धमकी देकर अपने ट्रैक्टर ट्रॉली ले जाता है। यह मामले कई बार सामने आए हैं। वहीं पत्थर माफिया भी रात के अंधेरे में ट्रक और ट्रैक्टर ट्रॉलियों से पत्थर का परिवहन कर रहा है।

बाइक से भी होता रहा है, मझेरा से अवैध पत्थर का परिवहन

मझेरा में अवैध उत्खनन का सिलसिला नया नहीं है। यहां पहले बाइक से पत्थर ढोकर उन्हें फैक्ट्रियों तक पहुंचाया जाता रहा है। वन अमले ने कार्रवाई कर बाइक तक जब्त की है। पत्थर माफिया हर दिन लाखों रुपये का पत्थर निकालकर अपनी जेब भर रहा है। शासन को लाखों रुपये के राजस्व की चपत लगा रहा है।
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