हरिवल्लभ का विरोध करने भोपाल पहुंचेटिकट दावेदारों से कमलनाथ ने पूछा कैलाश कुशवाहा जीत सकते हैं! / SHIVPURI NEWS

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शिवपुरी। पोहरी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार हरिवल्लभ शुक्ला का नाम सामने आते ही टिकट के अन्य दावेदार उनका विरोध करने के लिए भोपाल पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के पास जा पहुंचे। सभी दावेदारों ने एक स्वर में कहा कि हरिवल्लभ के अलावा किसी भी अन्य दावेदार को टिकट दे दिया जाए।

इस पर मुस्कुराते हुए कमलनाथ ने कहा कि अभी कुशवाह समाज का प्रतिनिधि मंडल कैलाश कुशवाह की उम्मीदवारी के लिए ज्ञापन देकर गया है। 2018 के चुनाव में कैलाश कुशवाह बसपा प्रत्याशी के रूप में काफी मजबूती से चुनाव लड़े थे और उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को तीसरे स्थान पर धकेल दिया था।

वह चुनाव जीत सकते हैं? कमलनाथ की इस गुगली से टिकट के दावेदार एक क्षण को तो सन्न रह गए। लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि हरिवल्लभ की तरह कैलाश कुशवाह भी दलबदलू हैं। उन दोनों के अलावा किसी भी कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता को टिकट दे दिया जाए। इस पर कमलनाथ का जबाव था कि टिकट सर्वे के आधार पर मिलेगा और सर्वे में जिसका भी नाम टॉप पर रहेगा उसे टिकट दिया जाएगा। इसके बाद टिकट दावेदारों ने पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा से भी भेंट की।

शिवपुरी जिले के करैरा और पोहरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवारों की तस्वीर उभर रही है। जिसके तहत करैरा से प्रागीलाल जाटव और पोहरी से पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला कांग्रेस उम्मीदवार हो सकते हैं। पहले करैरा के कांग्रेस उम्मीदवारों ने प्रागीलाल जाटव का विरोध किया था और कहा था कि उनके स्थान पर किसी को भी कांग्रेस का टिकट दे दिया जाए। वहीं अब पोहरी में कांग्रेस टिकट के दावेदारों ने एक स्वर में कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार हरिवल्लभ शुक्ला का विरोध किया है।

टिकट के दावेदारों ने भोपाल पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को ज्ञापन देकर हरिवल्लभ के स्थान पर किसी को भी उम्मीदवार बनाने की मांग की है। भोपाल पहुंचकर हरिवल्लभ विरोध की आवाज बुलंद करने वालों में एनपी शर्मा, प्रधुम्र वर्मा, विनोद धाकड़ एडवोकेट, अखिल शर्मा, शिशुपाल यादव, संजीव शर्मा बंटी, पोहरी ब्लॉक अध्यक्ष आफाक अंसारी, बैराड़ ब्लॉक अध्यक्ष रामदुलारे यादव, किशन सिंह तोमर आदि शामिल थे।

2018 के विधानसभा चुनाव में बसपा से चुनाव लड़े प्रागीलाल जाटव की उम्मीदवारी लगभग उसी समय तय हो गई थी, जब उन्हें कांग्रे्रेस मेें शामिल किया गया था। यह खबर सामने आते ही करैरा मेें टिकट के दावेदार पूर्व विधायक शंकुतला खटीक, केएल राय, मानसिंह फौजी, योगेश करारे, शिवचरण, दिनेश परिहार आदि ने प्रागीलाल के खिलाफ में मोर्चा खोल दिया और उन्होंने शंकुतला खटीक के नेतृत्व में पार्टी को अल्टीमेटम दे दिया कि यदि प्रागीलाल को उम्मीदवार बनाया गया तो वह उपचुनाव में कांग्रेस का काम नहीं करेंगे।

श्रीमति खटीक और केएल राय ने कहा कि प्रागीलाल के अलावा किसी को भी उम्मीदवार बना दिया जाए। उनकी दलील थी कि कांग्रेस को पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता को ही टिकट देना चाहिए। दलबदलुओं को टिकट देकर पार्टी क्या संदेश देने जा रही है। लेकिन टिकट दावेदारों के विरोध का असर पड़ता हुआ नहीं दिखाई दे रहा और प्रागीलाल को टिकट मिलना तय माना जा रहा है।

हालांकि पैनल में उनके अलावा शंकुतला खटीक का भी नाम हैं। लेकिन सूत्र बताते हैं कि कांगे्रस सिंधिया से नजदीकी के कारण शंकुतला खटीक पर भरोसा नहीं कर पा रही और दूसरे उन पर टीआई से हुए विवाद का मामला भी न्यायालय में चल रहा है। वहीं जब यह लगभग स्पष्ट हो गया कि पोहरी में कांग्रेस पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला को टिकट देगी तो पोहरी से कांग्रेस टिकट के दावेदार अपने मतभेद भुलाकर एक साथ भोपाल जा पहुंचे और उन्होंने पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ से कहा कि पोहरी में किसी दलबदलू को टिकट देना वह बर्दास्त नहीं करेंगे। 

जब कमलनाथ ने उनसे पूछा कि उनका इशारा किस तरफ है तो सूत्र बताते हैं कि एनपी शर्मा ने कहा कि हरिवल्लभ की तरफ। इस पर कमलनाथ मुस्कुराए लेकिन उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि सर्वे में जिसका भी नाम आएगा वह उसे टिकट देंगे और सर्वे में नाम निष्पक्षता के आधार पर ही आएगा। किसी की सिफारिश पर टिकट नहीं दिया जाएगा इतना मैं आश्वस्त करता हूं। इसी बीच कमलनाथ ने कहा कि अभी कुशवाह समाज का प्रतिनिधि मंडल भी कैलाश कुशवाह को टिकट देने के लिए उनके पास आया था।

कमलनाथ ने प्रश्रबाचक लहजे में टिकट दावेदारों से पूछा कि 2018 के चुनाव में कैलाश कुशवाह ने अच्छा चुनाव लड़ा और वह दूसरे स्थान पर रहे। वह चुनाव जीत सकते हैं। इस पर टिकट के दावेदारों ने कहा कि कैलाश कुशवाह भी दलबदलू हैं और उन्हें भी टिकट नहीं दिया जाए। देखना यह है कि पोहरी और करैरा में संभावित उम्मीदवारों के विरोध के बाद कांग्रेस क्या फैसला लेती है। क्या वह कांगे्रस में असंतोष को समाप्त करने के लिए हरिवल्लभ और प्रागीलाल के स्थान पर किसी अन्य को उम्मीदवार बनाती है अथवा उसका फैसला यथावत रहता है।
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