चाइल्ड पोर्नाेग्राफी खतरनाक त्रासदी, गरीब तबके के बच्चे अधिक शिकार हो रहे हैं / SHIVPURI NEWS

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शिवपुरी। चाइल्ड कंजर्वेशन फाउंडेशन के सयुंक्त तत्वाधान में आयोजित बेबनार में बालकों से जुड़े साइबर क्राइम्स और खासकर बच्चों से जुड़े अशलील साहित्य पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। बेबीनार मेंं विभिन्न वक्ताओं ने बताया कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी एक खतरनाक त्रासदी है और दुख की बात यह है कि इसके नेटवर्क में समाज के सम्पन्न और सुसंस्कृत लोग भी भागीदार हैं।
हाल ही में भारत के दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद जैसे प्रमुख महानगरों को हब के रूप में चिहिन्त किया गया है। इस ई संगोष्ठी में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रहे साइबर एक्सपर्ट डॉ शेलेन्द्र श्रीवास्तव के अलावा मप्र उच्च न्यायालय के पूर्व जज एनके जैन ने मार्गदर्शन प्रदान किया। बेबनार में प्रदेश भर के बालकल्याण समिति एवं जेजेबी पदाधिकारियों ने ऑनलाइन शिरकत की।

प्रदेश के बाहर से हिमाचल,छतीसगढ़ एवं चंडीगढ़ के बाल अधिकार कार्यकर्ता भी बेबनार से जुड़े रहे। मप्र बाल सरंक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ राघवेंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाला चाइल्ड कंजर्वेशन फाउंडेशन लॉकडाउन अवधि में लगातार इस तरह के वर्चुअल आयोजन कर रहा है। इसी कड़ी में यह चौथा बेबनार था।

बच्चों से जुड़े अपराधों एवं कतिपय शोषण से जुड़े मामलों में अपना सुदीर्ध अनुभव साझा करते हुए पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ शेलेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि हमारे दैनंदिन जीवन मे हम सूचना तकनीकी के इस्तेमाल के चलते कैसे साइबर अपराधियों के निशाने पर आ जाते है और हमें इसकी भनक तक नही लगती है।

डॉ श्रीवास्तव ने बताया कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी के शिकार वंचित और गरीब तबके के बालक अधिक है। दुनियां में 68 मिलियन लोग नियमित इन पोर्न साइट को सर्च करते है और अरबों डॉलर का कारोबार इस क्षेत्र में हो रहा है। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि भारत में लोग अभी भी साइबर अपराधों की शिकायत पुलिस को करने से परहेज करते है।

मप्र उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज एनके जैन ने बेबनार को संबोधित करते हुए बताया कि भारत में कैसे मौजूदा जेजे एक्ट का विकास हुआ है। उन्होंने इस कानून की पृष्ठभूमि पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए जेजेबी और सीडब्ल्यूसी की वैधानिक स्थिति एवं कार्यप्रणाली को तकनीकी आधार पर स्पष्ट किया।

सीडब्ल्यूसी की महत्ता को रेखांकित करते हुए उन्होंने बताया कि समाज में सरंक्षण और आवश्यकता वाले बच्चों के लिए यह निकाय बहुत ही प्रभावी तरीके से अपनी भूमिका का निर्वहन कर सकता है। ई-सेमिनार का सफल संचालन चाइल्ड कंजर्वेशन फाउंडेशन के सचिव डॉ कृपा शंकर चौबे ने किया। अध्यक्ष डॉ राघवेंद्र ने दोनों विषय विशेषज्ञों का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि अगले ई सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय बाल सरंक्षण आयोग के अध्यक्ष श्री प्रियंक कानूनगो मौजूद रहेंगे।
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