एक बेटी की मौत दूसरी बेटी बीमार: पिता ने कहा बड़े भाई ने मिलकर तांत्रिक से मिलकर कराया यह काण्ड / PICHHORE NEWS

Bhopal Samachar
पिछोर। खबर जिले के पिछोर अनुविभाग के खनियाधनां के ग्राम ककरेल से आ रही हैं। बताया जा रहा हैं कि इस गांव में एक 10 वर्षीय बालिका की मौत हो गई और उसके बाद उसकी बडी बहन बेहोश हो गई। बेटियो के पिता ने अपने ही बडे भाई पर एक तांत्रिक से मिले होने के आरोप लगाते हुए इस घटना का पूरा दोष अपने बडे भाई पर मढते हुए पिछोर थाने पंहुच गया।

टीआई पिछोर अजय भार्गव के अनुसार पिछोर अस्पताल में केरण जाटव बुधवार को अपनी 10 वर्षीय पुत्री भावना जाटव को मृत अवस्था में लाया। उसी के साथ उसकी बड़ी बेटी छाया पत्नी दीपक जाटव निवासी ठुनि को बेहोशी की अवस्था में साथ लिए था। जिस पर हमने उसे अस्पताल भेजा और बेहोश बेटी का इलाज कराने को कहा।

पिता केरण जाटव ने आरोप लगाते हुए बताया कि उसका अपने बड़े भाई गोविंदास जाटव से विवाद चल रहा था। वह अपने साले वीरेन्द्र जाटव के साथ मिलकर चंदेरी में किसी तांत्रिक से जाकर मिला और तंत्र मंत्र तथा टोटके द्वारा 8 से 10 लाख रुपये खर्च कर उसके परिवार को खत्म करवाना चाहता है। यह बात उन्हें एक अन्य जानकार ने बताई है।

केरण ने बताया कि बुधवार को वह अपनी पत्नी और छोटी बेटी भावना के साथ बड़ी बेटी छाया की ससुराल में गया था, तभी अचानक से भावना गिर पड़ी। जिसके बाद छाया की भी तबियत खराब हो गई। इसके बाद वह उसे एक देवता के चबूतरे पर ले गए, लेकिन वहां कुछ नहीं हुआ तो वह उसे अस्पताल लेकर आए। जहां भावना की मौत हो चुकी थी, जबकि छाया बेहोश थी। उपचार के बाद छाया की हालत सही है।

पुलिस बोली-उल्टी के बाद हुई बालिका की मौत

पिछोर टीआई अजय भार्गव ने बताया कि बालिक की मौत उल्टी होने के बाद हुई है। फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है। पुलिस ने बताया कि परिजनों ने बताया कि भावना को उल्टी हुई थी। इसके बाद वह बेहोश हो गई थी, जबकि छोटी बहन की मौत के बाद छाया बेहोश हो गई थी। उसका उपचार पिछोर अस्पताल में करवाया गया है, जबकि तंत्र मंत्र की बात से पुलिस इंकार कर रही है।

यह बोले डॉक्टर

एक 10 वर्षीय मासूम भावना को मृत अवस्था में लाया गया था, उसके शरीर पर कोई चोट या कीड़े के काटने का निशान नहीं था। पूरा मामला पीएम के बाद साफ होगा, जबकि उसकी बहन को बेहोशी की हालत में लाया गया था, जहां उपचार के बाद अब उसकी हालत ठीक है।
डॉ. ब्रजेश शर्मा, पिछोर अस्पताल।
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