शिवपुरी। शिवपुरी की राजनीति में पिछले 24 घटें की सबसे बडी खबर बसपा नेता प्रागीलाल जाटव का हाथी का साथ छोड कांग्रेंस का हाथ थामने की रही हैं। प्रागीलाल जाटव के कांग्रेस में शामिल होने के कारण करैरा विधानसभा सीट से कांग्रेस से टिकिट की मांग कर रहे नेताओ का दिमागी टैम्पेरेचर बढ गया हैं। यह खबर उनके दिमाग को झटका देने वाली रही हैं।
यह नेता कर रहे थे कांग्रेस से टिकिट की दावेदारी
उपचुनाव के टिकट के लिए कांग्रेस से पूर्व विधायक शकुंतला खटीक, केएल राय, शिवचरण करारे, योगेश करारे, दिनेश परिहार और मानसिंह फौजी ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष श्रीप्रकाश शर्मा को अपने आवेदन दे चुके हैं। लेकिन प्रागीलाल के आने से इनके मंसूबों पर पानी फिर सकता है।
अगर प्रागीलाल जाटव की राजनितिक स्क्रीनिंग करे तो यह निकलता हैं
प्रागीलाल बसपा के टिकट पर तीन चुनाव लड़ चुके हैं। इसमें 2008 के चुनाव में वह 23 हजार 30 वोट हासिल कर दूसरे नंबर पर रहे। 2013 के विस चुनाव में 37 हजार वोट हासिल किए। यानी इस चुनाव में भी पिछले चुनाव के मुकाबले करीब 14 हजार वाेट बढ़े। साल 2018 के विस चुनाव में उन्हें 40 हजार मत हासिल हुए थे। यानी तीसरे चुनाव में भी तीन हजार वाेट बढ़े। कांग्रेस का गणित है कि यदि बसपा का वोट बैंक प्रागीलाल के साथ कांग्रेस के खाते में आ गया तो भाजपा को कड़ी चुनौती दी जा सकती है।
कोरोना से अधिक करैरा में राजनितिक तपन अधिक
कोरोना काल में राजनीतिक पार्टीयो का टैम्पेरेचर अधिक हो रहा हैं। कारण हैं कि सत्ता का फायनल मुकाबला,प्रेदश में 24 सीटो पर विधानसभा चुनाव होने हैं। करैरा में कांग्रेस के विधायक जंसवंत जाटव ने अपने राजनीतिक भगवान ज्योतिरादित्य सिंधिया में पूर्ण आस्था जताते हुए अपनी विधायकी से इस्तीफा देते हुए सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हो गए। इस कारण यह उपचुनाव होने हैं।
यह चुनाव इसलिए फायनल माना जा रहा हैं कि प्रदेश में होने वाले उपचुनावो में जो विजयी रहेगा वह मप्र के सत्ता के सिंहासन पर विराजमान होगा। हलाकि कांग्रेस की डगर बहुत मुश्किल हैं उसे सत्ता वापिसी के लिए 24 में से 24 सीटे जीतनी हैं।
करैरा विधानसभा का यह हैं जातिगत आधार,प्रागीलाल मजबूत उम्मीदबार
करैरा विधानसभा आरक्षित सीट हैं इस विधानसभा में लगभग 2 लाख 37 हजार 8 सो 58 मतदाता अपना मत का प्रयोग करेंगें। इस विधानसभा में करैरा,दिनारा,नरवर और मगरौनी क्षेत्र आते हैं। करैरा विधानसभा में जाटव समाज के 38 हजार मतदाता,रावत समाज के 30 हजार मतदाता,पाल समाज के 15 हजार मतदाता और आदिवासी समाज के लगभग 15 हजार मतदाता माने जाते हैं।
इन जातियो के अतिरिक्त लोधी,यादव,ब्राहम्मण और गुर्जर समाज प्रत्येक समाज के 10 से लेकर 12 हजार मतदाता टोटल 60 से 70 हजार मतदाता माने जाते हैं। यह से खटीक समाज के नेता भी विजयी हुए हैं। अगर पिछले 3 चुनावो की बात करते तो
2008 विधानसभा चुनाव:भाजपा- रमेश खटीक- 35846,बसपा-प्रागीलाल - 23030
कांग्रेस- बाबू राम नरेश - 11352
2013 विधानसभा चुनाव:कांग्रेस-शकुंतला खटीक -59371,भाजपा-ओमप्रकाश खटीक- 49051,बसपा- प्रागीलाल जाटव- 37000
2018 का विधानसभा चुनाव:कांग्रेस- जसमंत जाटव-64201,भाजपा- राजकुमार खटीक- 49377,बसपा- प्रागीलाल - 40026 और सपाक्स- रमेश खटीक- 9098