शिवुपरी। वैसे तो लॉकडाउन की किमत पूरे देश को चुकानी पड रही हैं,कुछ लोगो को अपनी जान से हाथ धोना पडा रहा हैं। ऐसा की एक मामला प्रकाश में आया हैं। पत्नि के आपरेशन के बाद उसे देखने की चाह में सत्यप्रकाश गुजरात के अहमदाबाद महानगर से और 2 लोगो के साथ गुजरात से चल दिया और शिवपुरी के पास उसका एक्सीडेंट हो गया,इस हादसे में उसकी मौत हो गई।
बताया जा रहा हैं कि मृतक सत्यप्रकाश पेटिंग का काम करता था और लॉकडाउन में वही फस गया। इधर उसकी पत्नि का बच्चे दानी का आपरेशन हुआ था,उसकी हालत में सुधार न होने पर बड़े डॉक्टर को दिखवाने और पत्नी को देखने की चाह में दो अन्य युवकों के साथ एक ही बाइक से घर के लिए चल दिया।
घर पहुंचने की जल्दबाजी में 33 घंटे के सफर में सिर्फ दो घंटे ही नींद ली। शिवपुरी शहर से 8 किमी दूर बिनेगा आश्रम गेट के पास एबी रोड पर मोड़ पर सामने आ रहे कंटेनर से टकरा गया। मृतक युवक आठ सौ किमी चलकर आ गए थे लेकिन घर से 160 किमी पहले दम ताेड़ दिया।
जानकारी के अनुसार सत्यप्रकाश शर्मा (35) पुत्र श्रीकिसन निवासी ग्राम इम्हलेड़ा जिला भिंड की सड़क हादसे में शनिवार की सुबह मौत हो गई। जबकि हादसे में संजय (34) पुत्र गेंदालाल जाटव निवासी जगन्नाथ का पुरा तहसील गोहद जिला भिंड और अजय (17) पुत्र कालीचरण जाटव निवासी पोरसा जिला मुरैना गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। बाइक क्रमांक जीजे 1 एफएच 4377 पर तीनों गुजरात के अहमदाबाद से लौट रहे थे। सामने से आ रहे कंटेनर क्रमांक एनएल 02 क्यू 1042 ने टक्कर मार दी।
सूचना पर सतनवाड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया। गंभीर हालत के चलते दोनों को ग्वालियर रेफर कर दिया। वहीं मृतक के परिजन शिवपुरी आए और शव लेकर ग्वालियर रवाना हो गए। गुजरात से ही पीछे दूसरी बाइक से जीजा-साले प्रेमसिंह और टिंकू जाटव आ रहे थे। बिनैगा आश्रम के पास बाइक दुर्घटनाग्रस्त मिली। घायल अजय सिंह और टिंकू सगे भाई बताए जा रहे हैं।
15 दिन पहले पत्नी का ऑपरेशन हुआ,लेकिन जिद करके आ गया
मृतक के भाई कन्हैया शर्मा का कहना है कि सत्यप्रकाश सी पत्नी भारतीदेवी का करीब 15 दिन पहले बच्चेदानी का ग्वालियर में ऑपरेशन हुआ था। पत्नी को देखने के लिए वह आने की बात कह रहा था। 30 अप्रैल को फोन पर बातचीत हुई थी।
बड़े भाई कन्हैया ने बताया कि उसने सत्यप्रकाश से फोन पर मना किया था कि वह बाइक से ना आए। लेकिन सत्यप्रकाश ने बात नहीं मानी। कहने लगा कि साथ में तीन-चार लोग और आ रहे हैं। वह रात 11 बजे बाइक से चल दिया।
1 मई की शाम 4 बजे कोटा पहुंचने पर आखिरी बार बात हुई थी
गुजरात से बाइक से चल देने के बाद 1 मई की शाम करीब 4 बजे सत्यप्रकाश से कन्हैया की आखिरी बार बात हुई थी। सफर के दौरान सत्प्रकाश ने बताया था कि वे रात भर से चल रहे हैं। करीब दो घंटे ही नींद ली थी।
वहीं पीछे बाइक से आ रहे प्रेमसिंह का भी कहना है कि उन्होंने रात में कुछ देर सो लेने को कहा था। लेकिन सत्यप्रकाश ने बात नहीं मानी। घर पहुंचने की जल्दी में सत्यप्रकाश खुद ही बाइक चला रहा था। मृतक के दो बच्चे हैं।
बताया जा रहा हैं कि मृतक सत्यप्रकाश पेटिंग का काम करता था और लॉकडाउन में वही फस गया। इधर उसकी पत्नि का बच्चे दानी का आपरेशन हुआ था,उसकी हालत में सुधार न होने पर बड़े डॉक्टर को दिखवाने और पत्नी को देखने की चाह में दो अन्य युवकों के साथ एक ही बाइक से घर के लिए चल दिया।
घर पहुंचने की जल्दबाजी में 33 घंटे के सफर में सिर्फ दो घंटे ही नींद ली। शिवपुरी शहर से 8 किमी दूर बिनेगा आश्रम गेट के पास एबी रोड पर मोड़ पर सामने आ रहे कंटेनर से टकरा गया। मृतक युवक आठ सौ किमी चलकर आ गए थे लेकिन घर से 160 किमी पहले दम ताेड़ दिया।
जानकारी के अनुसार सत्यप्रकाश शर्मा (35) पुत्र श्रीकिसन निवासी ग्राम इम्हलेड़ा जिला भिंड की सड़क हादसे में शनिवार की सुबह मौत हो गई। जबकि हादसे में संजय (34) पुत्र गेंदालाल जाटव निवासी जगन्नाथ का पुरा तहसील गोहद जिला भिंड और अजय (17) पुत्र कालीचरण जाटव निवासी पोरसा जिला मुरैना गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। बाइक क्रमांक जीजे 1 एफएच 4377 पर तीनों गुजरात के अहमदाबाद से लौट रहे थे। सामने से आ रहे कंटेनर क्रमांक एनएल 02 क्यू 1042 ने टक्कर मार दी।
सूचना पर सतनवाड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया। गंभीर हालत के चलते दोनों को ग्वालियर रेफर कर दिया। वहीं मृतक के परिजन शिवपुरी आए और शव लेकर ग्वालियर रवाना हो गए। गुजरात से ही पीछे दूसरी बाइक से जीजा-साले प्रेमसिंह और टिंकू जाटव आ रहे थे। बिनैगा आश्रम के पास बाइक दुर्घटनाग्रस्त मिली। घायल अजय सिंह और टिंकू सगे भाई बताए जा रहे हैं।
15 दिन पहले पत्नी का ऑपरेशन हुआ,लेकिन जिद करके आ गया
मृतक के भाई कन्हैया शर्मा का कहना है कि सत्यप्रकाश सी पत्नी भारतीदेवी का करीब 15 दिन पहले बच्चेदानी का ग्वालियर में ऑपरेशन हुआ था। पत्नी को देखने के लिए वह आने की बात कह रहा था। 30 अप्रैल को फोन पर बातचीत हुई थी।
बड़े भाई कन्हैया ने बताया कि उसने सत्यप्रकाश से फोन पर मना किया था कि वह बाइक से ना आए। लेकिन सत्यप्रकाश ने बात नहीं मानी। कहने लगा कि साथ में तीन-चार लोग और आ रहे हैं। वह रात 11 बजे बाइक से चल दिया।
1 मई की शाम 4 बजे कोटा पहुंचने पर आखिरी बार बात हुई थी
गुजरात से बाइक से चल देने के बाद 1 मई की शाम करीब 4 बजे सत्यप्रकाश से कन्हैया की आखिरी बार बात हुई थी। सफर के दौरान सत्प्रकाश ने बताया था कि वे रात भर से चल रहे हैं। करीब दो घंटे ही नींद ली थी।
वहीं पीछे बाइक से आ रहे प्रेमसिंह का भी कहना है कि उन्होंने रात में कुछ देर सो लेने को कहा था। लेकिन सत्यप्रकाश ने बात नहीं मानी। घर पहुंचने की जल्दी में सत्यप्रकाश खुद ही बाइक चला रहा था। मृतक के दो बच्चे हैं।