गांव की माटी पर पैर पड़ते ही पूरे दुख दूर हो गए, कोटा से लौटे छात्र ने कहा / Pohri News

Bhopal Samachar
पोहरी। पोहरी अनुविभाग के अतंर्गत आने वाले गांव मरौरा झलवासा के रहने वाले पंचम पुत्र जसराम सिंह उम्र 19 कोटा मेडिकल की तैयारी करने गए थे। देश जब कोरोना से लडने के लिए लॉकडाउन मोड पर चला गया तो लोग घरो में कैद हो गए। कोटा में फंसे इस छात्र ने कहा कि खाने-पीने का संघर्ष तो सब झेल रहे थे,लेकिन गांव की बहुत याद आ रही थी।

शिवपुरी समाचार से बात करते हुए कहा कि हम अपने पीजी हाउस से निकल नही पा रहे थे। हम जहां रहते थे वहां ऐरिया सुरक्षित था वहां कोई कोरोना पॉजीटिव के मरीज नही थे। लेकिन कोरोना अज्ञात शत्रु था,इस कारण सुरक्षा रखना बहुत ही आवश्यक था। प्रशासन घर से बहार नही निकलने दे रहा था। बस घर के अंदर जेल जैसे कैद होकर रह गए थे।

घर वालो से रोज फोन पर बात हो रही थी। सब को मेरी चिंता थी,मैं सुरक्षित था लेकिन घर वालो की नजरो से दूर था इस कारण मेरी ज्यादा चिंता हो रही थी। पंचम ने बताया कि  वह प्री मेडिकल की तैयारी करने के लिए इस साल वह मई में अपने घर से कोटा गए थे।

लॉकडाउन के कारण कोचिंग भी नहीं जा पा रहे थे। बस फोन ही एक सहारा था। अब अपने घर वापस आ गए हैं अपने गांव की माटी पर पैर रखते ही सारे कष्ट दूर हो गए। मेरी मां ने आज मेरा पसंदीदा बनाकर खिलाया। अब में अपने पजिरनो से मिलकर बहुत खुश हूॅ। अब मेरा पढाई में मेरा मन लग रहा है। प्रशासन ने जो मुझे बताया हैं मे उन रूलो का फोलों कर रहा हूं। हर तरह से सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहा हूं।